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इन स्कूलों की अब खैर नहीं! DM के आदेश से रद्द होंगे लाइसेंस, बड़ी कार्रवाई शुरू

डीएम के आदेश पर शुरू हुई कड़ाई, निजी स्कूलों की मनमानी फीस और एनसीईआरटी नियमों के उल्लंघन पर अब नहीं बख्शा जाएगा; स्कूलों के खिलाफ पहली बार हो रही इतनी बड़ी कार्रवाई, जानिए किसका नंबर है अगला?

By Saloni uniyal
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इन स्कूलों की अब खैर नहीं! DM के आदेश से रद्द होंगे लाइसेंस, बड़ी कार्रवाई शुरू
इन स्कूलों की अब खैर नहीं! DM के आदेश से रद्द होंगे लाइसेंस, बड़ी कार्रवाई शुरू

Dehradun Schools में निजी संस्थानों की मनमानी फीस बढ़ोतरी और अभिभावकों पर बनाए जा रहे अनावश्यक दबाव को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेश पर अब ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो शिक्षा विभाग के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर से लेकर किताबों और यूनिफॉर्म की खरीद तक हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।

सीडीओ ने स्कूल संचालकों के साथ की बैठक, फीस स्ट्रक्चर का पांच साल का रिकॉर्ड खंगाला गया

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने जिलाधिकारी के निर्देश पर शहर के प्रमुख निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक की। इस दौरान पिछले पांच वर्षों के फीस स्ट्रक्चर का परीक्षण किया गया। समीक्षा में पाया गया कि कई स्कूलों ने नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से फीस बढ़ाई है। आरटीई एक्ट (Right To Education Act) के अनुसार, किसी भी स्कूल को तीन वर्षों में अधिकतम 10% फीस वृद्धि करने की ही अनुमति है, लेकिन कई स्कूल इस सीमा से अधिक बढ़ोतरी कर रहे हैं।

आरटीई नियमों का पालन अनिवार्य, फीस वृद्धि पर देना होगा स्पष्ट कारण

मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक के दौरान स्पष्ट कर दिया कि सभी स्कूलों को आरटीई एक्ट के तहत निर्धारित फीस वृद्धि सीमा का पालन करना होगा। यदि कोई स्कूल 10 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाता है, तो उसे इसका तर्कसंगत कारण शिक्षा विभाग को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। प्रशासन की ओर से साफ किया गया कि यदि इसके बावजूद मनमानी की शिकायत मिलती है तो उस स्कूल का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

अभिभावकों पर नहीं बनाया जा सकता दबाव, सामान खरीद में रहेगी स्वतंत्रता

जिलाधिकारी सविन बंसल ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी स्कूल अभिभावकों को किसी निश्चित दुकान से यूनिफॉर्म या स्टेशनरी खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ऐसी शिकायतें मिलने पर स्कूल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है, जो वर्षों से इस प्रकार के अनौपचारिक दबाव का सामना कर रहे थे।

एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाना अनिवार्य, नियमों का उल्लंघन नहीं होगा बर्दाश्त

राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप अब सभी निजी स्कूलों को एनसीईआरटी (NCERT) की पुस्तकें ही पढ़ानी होंगी। इस संबंध में भी स्कूल संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कुछ स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर सही, तो कुछ पर जल्द कार्रवाई

फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा के दौरान ज्ञानंदा स्कूल और सेंट जोजफ्स एकेडमी का रिकॉर्ड सही पाया गया है। वहीं, एन मैरी स्कूल को निर्देश दिया गया है कि वह तत्काल अपनी फीस संरचना को दुरुस्त करे। इसके अलावा समर वैली स्कूल और अन्य निजी संस्थानों की जांच आगामी दिनों में की जाएगी। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन अब बारीकी से सभी स्कूलों की निगरानी कर रहा है।

पहली बार निजी स्कूल संचालक कार्रवाई की जद में

अब तक निजी स्कूलों की मनमानी पर केवल हिदायतें दी जाती थीं, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि स्कूलों ने नियमों का पालन नहीं किया, तो उन पर सीधी कार्रवाई होगी। पहले बुक डिपो पर कार्रवाई की गई थी और अब स्कूल संचालकों को भी प्रशासन के रडार पर लाया गया है। इस कदम से अभिभावकों को एक नई उम्मीद मिली है कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित होगी।

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