![Gold Bond Scheme को बंद करने की तैयारी, सस्ता सोना बेचती थी सरकार, जानें](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/discontinue-gold-bond-schemes-says-finance-ministry-1024x576.jpg)
सरकार द्वारा चलाई जा रही सॉवरेन Gold Bond Scheme, जिसने निवेशकों को बाजार भाव से कम दाम पर सोना खरीदने का अवसर दिया था, अब बंद होने की कगार पर है। इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी, और इसे खासतौर पर सोने में निवेश को आसान और आकर्षक बनाने के लिए लाया गया था। इस स्कीम के तहत न केवल कम कीमत पर सोना खरीदने का विकल्प था, बल्कि 2.5% का निश्चित वार्षिक ब्याज भी दिया जाता था।
क्या सच में बंद होने जा रही है Gold Bond Scheme?
बजट 2025 के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए कि सरकार अब इस योजना को बंद करने की दिशा में बढ़ रही है। जब मीडिया ने इस पर सवाल किया, तो वित्त मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा, “हां, हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” हालांकि, बजट में इस योजना को लेकर कोई सीधा ऐलान नहीं किया गया था, लेकिन सरकार के इस रुख से यह साफ हो गया कि भविष्य में इसकी नई किश्तें जारी नहीं होंगी।
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क्यों लिया जा रहा है स्कीम को बंद करने का फैसला?
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव अजय सेठ ने भी इस बात की पुष्टि की कि सरकार के लिए यह योजना बहुत महंगी साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछले अनुभवों से यह सामने आया है कि यह सरकार के लिए एक उच्च लागत वाली उधारी बन चुकी है, जिसके चलते इसे जारी रखना व्यावहारिक नहीं रह गया है। यही वजह है कि सरकार अब आगे इसके तहत कोई नई किश्त जारी करने के मूड में नहीं है।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम?
Gold Bond Scheme के तहत निवेशकों को बाजार मूल्य से कम कीमत पर सोना खरीदने का अवसर मिलता था। साथ ही, डिजिटल माध्यम से खरीदने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट दी जाती थी। यह योजना उन लोगों के लिए फायदेमंद थी जो फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय डिजिटल तरीके से निवेश करना चाहते थे। इस स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 किलो तक सोने में निवेश कर सकता था, और इसकी मैच्योरिटी अवधि 8 साल होती थी।
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निवेशकों को कितना मिला था मुनाफा?
जब 2015 में SGB स्कीम की पहली किश्त लॉन्च हुई थी, तब इसका इश्यू प्राइस 2,684 रुपये प्रति ग्राम था। यह कीमत 999 प्योरिटी वाले सोने के एक सप्ताह के औसत पर तय की गई थी। 2023 में जब यह मैच्योर हुई, तब इसका रिडेम्पशन प्राइस 6,132 रुपये प्रति ग्राम निर्धारित किया गया था। यानी, 8 साल में निवेशकों को 128.5% तक का जबरदस्त मुनाफा हुआ।
अब क्या होंगे निवेशकों के विकल्प?
अगर यह स्कीम बंद हो जाती है, तो सोने में निवेश करने के इच्छुक लोगों को अब सोने के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (Gold ETFs) या गोल्ड म्यूचुअल फंड्स जैसे अन्य डिजिटल विकल्पों पर ध्यान देना होगा। वहीं, पारंपरिक रूप से फिजिकल गोल्ड खरीदना भी एक विकल्प रहेगा, लेकिन इसमें SGB जैसी ब्याज दर का लाभ नहीं मिलेगा।
SGB स्कीम के बंद होने की खबर उन निवेशकों के लिए मायूस करने वाली हो सकती है, जो सरकारी गारंटी के साथ सोने में निवेश का लाभ उठा रहे थे। हालांकि, सरकार के लिए यह योजना महंगी साबित होने के कारण इसे बंद करना अपरिहार्य हो गया था। अब देखना होगा कि सरकार सोने में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में कोई नया विकल्प पेश करती है या नहीं।