
दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी संख्या में चालान किए जा रहे हैं, लेकिन वसूली की दर बेहद कम है। Delhi Traffic Police के हालिया अध्ययन के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक कुल 23,57,67,16,200 रुपये के चालान किए गए, लेकिन इसमें से पुलिस को केवल 39,54,5100 रुपये ही प्राप्त हुए। यह कुल चालान राशि का महज 0.17 फीसदी है।
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चालानों की बढ़ती संख्या, लेकिन वसूली में कमी
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, चालानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। खासकर कैमरों द्वारा किए गए चालानों में भारी इजाफा हुआ है। 2020-21 में जहां कैमरों से 92,23,329 चालान किए गए थे, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 159.21 फीसदी बढ़कर 44,71,405 तक पहुंच गया।
वहीं, मौके पर किए गए चालानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 1 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक पुलिसकर्मियों ने 22,89,219 चालान किए। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस को चालानों की राशि का बेहद कम हिस्सा ही मिल पाया। 2020-21 में भी पुलिस को मात्र 8.69 फीसदी राशि ही प्राप्त हुई थी।
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कोर्ट चालान राशि को कम कर देती है
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चालान की वसूली में सबसे बड़ी बाधा कोर्ट द्वारा दी जाने वाली छूट है। अधिकतर मामलों में लोग चालान की पूरी राशि भरने के बजाय लोक अदालत में जाते हैं, जहां जज चालान राशि को काफी हद तक कम कर देते हैं। हजारों के चालान कुछ सौ या हजार में निपटा दिए जाते हैं।
चालानों की भारी वृद्धि के कारण
दिल्ली में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर नजर रखने के लिए ऑटोमेटेड ट्रैफिक सिस्टम लागू किया गया है, जिससे कैमरों के जरिए अधिक चालान किए जा रहे हैं।
- कैमरों की संख्या में वृद्धि
- ट्रैफिक नियमों का सख्त पालन करवाने की कोशिश
- बढ़ते वाहनों और यातायात दबाव के कारण अधिक उल्लंघन
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2020-21 और 2025 के चालान आंकड़ों की तुलना
वर्ष | कुल चालान राशि | वसूली गई राशि | प्रतिशत |
---|---|---|---|
2020-21 | 16,32,60,06,000 रुपये | 8.69% | 91.31% राशि बकाया |
2025 | 23,57,67,16,200 रुपये | 0.17% | 99.83% राशि बकाया |
भविष्य में समाधान क्या हो सकता है?
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यदि चालान वसूली बढ़ानी है, तो डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और मजबूत करना होगा। साथ ही, लोक अदालतों में चालान राशि में कटौती पर सख्ती से विचार करना होगा। ऑनलाइन चालान भुगतान को अनिवार्य बनाना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है।