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2600 घरों को नोटिस चलेगा बुलडोजर! एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के चलते नगर निगम की बड़ी कार्रवाई

देहरादून में 6252 करोड़ की एलिवेटेड रोड योजना के चलते नगर निगम की बड़ी कार्रवाई शुरू। रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे बने 2600 घरों को नोटिस जारी, जल्द हट सकता है अतिक्रमण। क्या आपका घर भी है निशाने पर? जानिए पूरा मामला, दस्तावेजों की जांच से लेकर बुलडोजर चलने तक की पूरी प्रक्रिया!

By Saloni uniyal
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2600 घरों को नोटिस चलेगा बुलडोजर! एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के चलते नगर निगम की बड़ी कार्रवाई
2600 घरों को नोटिस चलेगा बुलडोजर! एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के चलते नगर निगम की बड़ी कार्रवाई

देहरादून में प्रस्तावित रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड (Rispana-Bindal Elevated Road) परियोजना को लेकर नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के मार्ग में आने वाले 2600 से अधिक घरों को निगम की ओर से नोटिस जारी कर दिए गए हैं। यह घर दोनों नदियों—रिस्पना और बिंदाल—के किनारे बने हुए हैं। नगर निगम ने संबंधित निर्माण स्वामियों से निर्माण से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं और उन्हें अपनी आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर भी दिया है। दस्तावेजों की जांच और आपत्तियों के निस्तारण के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट: देहरादून को ट्रैफिक से मिलेगी राहत

रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारों पर लगभग 26 किलोमीटर लंबी दो एलिवेटेड रोड बनाने की योजना है। इस परियोजना का कुल बजट 6252 करोड़ रुपये है। इसमें रिस्पना नदी के ऊपर 11 किलोमीटर लंबा और बिंदाल नदी के ऊपर 15 किलोमीटर लंबा चार लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर (Elevated Corridor) प्रस्तावित किया गया है। इसका उद्देश्य देहरादून शहर की भीड़भाड़ को कम करना और शहर में सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करना है। शहर की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक लोड को देखते हुए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

लाल निशान के बाद अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी

नगर निगम और संबंधित विभागों द्वारा पहले ही नदियों के किनारे बने निर्माणों का संयुक्त सर्वेक्षण (Joint Survey) किया जा चुका है। सर्वे के बाद चिन्हित घरों और भवनों पर लाल निशान लगाए गए थे, जो अब विधिक प्रक्रिया के अगले चरण में प्रवेश कर चुके हैं। नगर निगम ने अब नोटिस जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने और आपत्तियां दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद जो निर्माण अवैध (Illegal Construction) पाए जाएंगे, उन्हें हटाया जाएगा।

प्रभावित परिवारों में बढ़ी चिंता, लेकिन परियोजना को मिल रहा समर्थन

नगर निगम की कार्रवाई के चलते प्रभावित क्षेत्र के लोगों में चिंता का माहौल है। कई परिवार दशकों से इन क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं और अब उन्हें अपने घरों को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इस परियोजना का समर्थन कर रहा है, क्योंकि इससे देहरादून की यातायात व्यवस्था (Traffic System) को नया जीवन मिलने की संभावना है। साथ ही, नदियों के किनारे हो रहे अतिक्रमण और प्रदूषण को भी रोका जा सकेगा।

पर्यावरणीय प्रभाव और नदियों का संरक्षण

इस परियोजना से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौतियों में एक है नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण। रिस्पना और बिंदाल दोनों ही देहरादून की प्रमुख जलधाराएं हैं। इनके किनारे बने अवैध निर्माण न केवल बाढ़ का खतरा बढ़ाते हैं, बल्कि जल स्रोतों को भी दूषित करते हैं। एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के अंतर्गत नदियों की सफाई, चौड़ीकरण और संरक्षण के उपाय भी किए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा।

आने वाले महीनों में शुरू हो सकता है निर्माण

दस्तावेजों और आपत्तियों की जांच की प्रक्रिया पूरी होते ही परियोजना का निर्माण चरण शुरू किया जा सकता है। इसके लिए वित्तीय स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2025 के अंत तक इस परियोजना का कार्य आरंभ हो जाएगा। यदि समयबद्ध तरीके से कार्य हुआ तो अगले तीन वर्षों में देहरादून को एक आधुनिक और ट्रैफिक फ्री यात्रा मार्ग मिल सकता है।

प्रशासन की अपील: सहयोग करें, विकास में भागीदार बनें

नगर निगम और जिला प्रशासन ने प्रभावित नागरिकों से अपील की है कि वे दस्तावेज समय पर जमा करें और यदि कोई वैध आपत्ति हो तो उसे विधिक तरीके से प्रस्तुत करें। प्रशासन का मानना है कि यह परियोजना न केवल शहर के ढांचे को बेहतर बनाएगी, बल्कि भविष्य के लिए एक स्मार्ट सिटी (Smart City) की नींव भी रखेगी। इसी के साथ, नदियों के किनारे बने अवैध निर्माणों को हटाकर जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

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