
हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गेहूं की फसल में आग लगने से हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने का एलान किया है। किसानों को राहत देने के उद्देश्य से सरकार ने एक मुआवजा पोर्टल शुरू किया है, जहां प्रभावित किसान अपनी फसल के नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब राज्य के विभिन्न जिलों में गेहूं की फसल में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। वित्तीय आयुक्त राजस्व (एफसीआर) की ओर से आदेश मिलने के बाद अब सात जिलों के उपायुक्तों ने अपने-अपने क्षेत्र के किसानों को इस पोर्टल पर आवेदन करने की जानकारी दी है।
गेहूं की फसल में आग लगने की घटनाएं बढ़ीं
गर्मी के मौसम में गेहूं के खेतों में आग लगने की घटनाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। विशेष रूप से अप्रैल माह में ऐसे हादसों की संख्या में इज़ाफा हुआ है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। गेहूं की फसल अधिकांशतः पकने के कगार पर होती है और आग लगने से पूरी फसल जलकर राख हो जाती है, जिससे किसानों की मेहनत और भविष्य की आमदनी दोनों ही नष्ट हो जाते हैं। इस साल, लगभग 312 किसानों की 814 एकड़ फसल आग से जलकर तबाह हो चुकी है। अब तक यह जानकारी मिली है कि राज्य के सात जिलों में गेहूं की फसल आग के कारण बर्बाद हुई है।
मुआवजे के लिए पोर्टल का शुभारंभ
हरियाणा सरकार ने आगजनी से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके तहत, किसानों को 1 मई तक अपनी फसल के नुकसान का विवरण पोर्टल पर अपलोड करना होगा। वित्तीय आयुक्त राजस्व (एफसीआर) सुमिता मिश्रा ने राज्य के सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर, कैथल और रोहतक जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे अपने जिलों के किसानों से क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करने को कहें, ताकि मुआवजे की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जा सके।
इन जिलों के किसानों से अपील की गई है कि वे एक मई तक अपने फसल नुकसान का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड करें। यह पोर्टल किसानों को नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करने का एक आसान तरीका प्रदान करेगा, जिससे सरकार उनके लिए मुआवजे का भुगतान जल्दी कर सकेगी।
मुआवजे की राशि
वर्तमान में, मुआवजे की राशि को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, हालांकि, सरकार ने प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा देने का सुझाव विचाराधीन रखा है। इसके साथ ही, नुकसान का पूरी तरह से आकलन करने के बाद ही इस राशि पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सामान्य तौर पर, खराब फसलों पर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता है।
इससे पहले, शॉर्ट सर्किट और आग लगने के प्रमुख कारण बताए गए हैं, जो खेतों के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइनों के कारण होते हैं। इन घटनाओं में सबसे अधिक नुकसान सिरसा जिले में हुआ है, जहां 266.28 एकड़ गेहूं की फसल आग से नष्ट हो गई। इसके अलावा, कैथल में 146.3 एकड़, फतेहाबाद में 83.3 एकड़ और कुरुक्षेत्र में 57 एकड़ फसल जलकर खाक हो गई है।
सरकार का कदम किसानों के लिए राहत
हरियाणा सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जिन्होंने अपनी फसल में आग लगने से भारी नुकसान झेला है। यह मुआवजा न केवल उनकी मेहनत का थोड़ा सा प्रतिफल प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें आगामी समय में खेती की ओर लौटने के लिए प्रेरित भी करेगा। सरकार का कहना है कि वह पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता से चलाएगी और किसानों के नुकसान का त्वरित निपटान करेगी।
इस कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आगे चलकर राज्य में आग लगने की घटनाओं में कमी आएगी, क्योंकि अब किसानों को यह महसूस होगा कि उन्हें ऐसे नुकसान के लिए मुआवजा मिलेगा और वे अपनी फसल के नुकसान को लेकर अधिक सतर्क रहेंगे। साथ ही, सरकार ने यह भी कहा है कि वह इस बारे में उपयुक्त कदम उठाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं का सामना न करना पड़े।