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छत्तीसगढ़ के शिक्षक बोले – हमें चाहिए गर्मी की पूरी छुट्टी! सरकार से की बड़ी मांग

छत्तीसगढ़ में घोषित ग्रीष्मावकाश के बीच शिक्षकों ने सरकार के सामने रख दी बड़ी मांग “छुट्टी मतलब छुट्टी होनी चाहिए!” जानिए क्यों टीचर्स एसोसिएशन ने दिया सरकार को अल्टीमेटम, और क्या मिलेगा इस बार फुल ब्रेक?

By Saloni uniyal
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छत्तीसगढ़ के शिक्षक बोले – हमें चाहिए गर्मी की पूरी छुट्टी! सरकार से की बड़ी मांग
छत्तीसगढ़ के शिक्षक बोले – हमें चाहिए गर्मी की पूरी छुट्टी! सरकार से की बड़ी मांग

CG Teacher Holiday को लेकर प्रदेश में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 25 अप्रैल से 15 जून तक सभी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय लगातार बढ़ते तापमान और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि इस वर्ष गर्मी ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। ऐसे में छात्रों के लिए जल्द छुट्टी घोषित कर देना समय की आवश्यकता बन गया था।

हालांकि, अब सवाल उठ रहा है कि क्या शिक्षकों को भी 15 जून तक पूर्ण अवकाश मिलेगा? इस विषय पर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सरकार के सामने एक स्पष्ट और सशक्त मांग रखी है। एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षकों को भी इस पूरे अवकाश अवधि में किसी प्रकार के अन्य सरकारी या गैर-शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखा जाए।

भीषण गर्मी में जल्द छुट्टी, लेकिन शिक्षकों की छुट्टियों पर संशय

CG Teacher Holiday को लेकर भले ही स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई हो, लेकिन शिक्षकों की भूमिका को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने साफ कहा है कि गर्मी की तीव्रता को देखते हुए जो अवकाश दिया गया है, वह सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि अवकाश का मकसद शिक्षकों को राहत देना और उन्हें नए शैक्षणिक सत्र की तैयारी का समय देना होना चाहिए।

एसोसिएशन की मांग: शिक्षकों को अतिरिक्त ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त रखा जाए

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की सबसे बड़ी मांग है कि 1 मई से 15 जून तक की अवकाश अवधि में शिक्षकों को किसी प्रकार की अतिरिक्त ड्यूटी जैसे जनगणना, सर्वेक्षण कार्य, या निर्वाचन सूची अद्यतन जैसे कार्यों में नहीं लगाया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि अक्सर ग्रीष्मावकाश के दौरान शिक्षकों को विभिन्न सरकारी कामों में लगा दिया जाता है, जिससे वे न तो पूरी तरह आराम कर पाते हैं और न ही आगामी सत्र की उचित योजना बना पाते हैं।

संजय शर्मा के अनुसार, शिक्षकों के पास सप्ताह में छह कार्यदिवस होते हैं जबकि अन्य विभागों के कर्मचारियों को पांच दिन कार्य करना होता है। इसके बावजूद शिक्षकों को कम अर्जित अवकाश की पात्रता दी जाती है, जो अनुचित है। इस असमानता को दूर करने के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।

शिक्षकों को मिले पारिवारिक और अकादमिक दायित्व निभाने का अवसर

टीचर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों – सुधीर प्रधान, वाजिद खान, हरेन्द्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, डॉ. कमल वैष्णव, मनोज सनाढ्य और शैलेंद्र पारीक – ने भी संयुक्त रूप से मांग की है कि शिक्षकों को पूर्ण 45 दिनों का ग्रीष्मावकाश दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह समय शिक्षकों के लिए आत्मविश्लेषण, अध्ययन-अध्यापन के सशक्तिकरण और पारिवारिक-सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए बहुत अहम है।

एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि जब शिक्षा विभाग ने छात्रों के हित में इतनी संवेदनशीलता दिखाई है, तो उसी तरह शिक्षकों के हित में भी एक पारदर्शी और ठोस परिपत्र जारी किया जाना चाहिए ताकि जिला और ब्लॉक स्तर पर आदेशों का समान रूप से पालन हो सके।

क्या शिक्षा विभाग देगा शिक्षकों की मांग को मंजूरी?

अब सवाल यह उठता है कि क्या CG Teacher Holiday को लेकर शिक्षकों की यह मांग सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकार की जाएगी? जिस तरह से गर्मी ने अपना कहर बरपाया है और एसोसिएशन ने शिक्षकों के लिए ठोस तर्क प्रस्तुत किए हैं, उसे देखते हुए यह जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले पर कोई निर्णय ले।

छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी गर्मियों की छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को विभिन्न कार्यों में लगाया गया है, जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ा है। एसोसिएशन इस बार इसे लेकर बेहद सख्त रुख में है और चाहता है कि अवकाश को सिर्फ “अवकाश” की तरह ही लिया जाए, न कि ड्यूटी के नाम पर एक और बोझ की तरह।

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