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सरकार का बड़ा फैसला! अब जन्म तिथि के लिए सिर्फ जन्म प्रमाणपत्र होगा मान्य, बाकी सभी दस्तावेज अमान्य

सरकार ने पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया में किया अहम संशोधन। 1 अक्तूबर 2023 या उसके बाद जन्मे बच्चों के लिए अब जन्म प्रमाणपत्र होगा अनिवार्य। जानें इस बदलाव के पीछे की वजह और कैसे सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे के दस्तावेज़ पूरे हों।

By Saloni uniyal
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सरकार का बड़ा फैसला! अब जन्म तिथि के लिए सिर्फ जन्म प्रमाणपत्र होगा मान्य, बाकी सभी दस्तावेज अमान्य
सरकार का बड़ा फैसला! अब जन्म तिथि के लिए सिर्फ जन्म प्रमाणपत्र होगा मान्य, बाकी सभी दस्तावेज अमान्य

भारत सरकार ने पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। अब, 1 अक्तूबर 2023 या उसके बाद जन्म लेने वाले सभी व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट आवेदन के समय जन्म प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह कदम पासपोर्ट नियम, 1980 में संशोधन के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य जन्म तिथि के प्रमाणन में एकरूपता लाना है।

नए नियमों का प्रभाव

नए नियमों के अनुसार, 1 अक्तूबर 2023 या उसके बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट आवेदन के समय केवल जन्म प्रमाणपत्र ही जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार, नगर निगम या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत सशक्त किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी होना चाहिए।

पूर्व में जन्मे आवेदकों के लिए विकल्प

जो व्यक्ति 1 अक्तूबर 2023 से पहले जन्मे हैं, वे पासपोर्ट आवेदन के समय जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं। इनमें ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, सरकारी कर्मचारियों के लिए सर्विस रिकॉर्ड या पेंशन ऑर्डर, वोटर आईडी कार्ड, और एलआईसी या सार्वजनिक कंपनियों द्वारा जारी पॉलिसी बॉन्ड शामिल हैं।

सरकार का उद्देश्य

इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य जन्म तिथि के प्रमाणन में एकरूपता स्थापित करना और प्रक्रिया को सरल बनाना है। इससे सरकारी कामकाज में तेजी आएगी और नागरिकों को भी सुविधा होगी। यह कदम देश में जन्म प्रमाणपत्र को एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

पृष्ठभूमि

26 जनवरी 1989 को, सरकार ने पासपोर्ट आवेदन के लिए जन्म प्रमाणपत्र को अनिवार्य किया था। हालांकि, 2016 में पासपोर्ट नियमों में संशोधन करके इसे हटा दिया गया था, जिससे आवेदकों को अन्य दस्तावेजों का उपयोग करने की अनुमति मिली थी। अब, नए संशोधन के साथ, 1 अक्तूबर 2023 या उसके बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए जन्म प्रमाणपत्र फिर से अनिवार्य कर दिया गया है।

नागरिकों के लिए सलाह

नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों के जन्म के तुरंत बाद उनका जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करें। यह न केवल पासपोर्ट आवेदन के लिए बल्कि अन्य सरकारी सेवाओं के लिए भी आवश्यक हो सकता है। समय पर जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने से भविष्य में किसी भी असुविधा से बचा जा सकता है।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार द्वारा पासपोर्ट नियमों में किया गया यह संशोधन नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि 1 अक्तूबर 2023 या उसके बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए जन्म प्रमाणपत्र ही जन्म तिथि का एकमात्र प्रमाण होगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और एकरूपता आएगी।

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