
देश में बुलेटप्रूफ कार (Bulletproof Car) का इस्तेमाल आमतौर पर वीवीआईपी, बड़े राजनेता और हाई-प्रोफाइल सेलेब्रिटी करते हैं। इन वाहनों को खासतौर पर हमलों और खतरों से सुरक्षा देने के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। लेकिन कई बार आम लोग भी सोचते हैं कि क्या वे अपनी निजी कार को बुलेटप्रूफ बनवा सकते हैं? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो इस लेख में हम आपको इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे—जैसे बुलेटप्रूफिंग के नियम, प्रक्रिया और खर्च (Cost of Bulletproof Car in India) ।
क्या आम नागरिक अपनी कार को बुलेटप्रूफ करवा सकता है?
भारत में बुलेटप्रूफ कार बनवाना पूरी तरह से मुमकिन है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष प्रक्रियाओं और सरकारी अनुमति (Government Permission) की आवश्यकता होती है। कोई भी आम नागरिक, अगर सुरक्षा कारणों से ऐसा चाहता है, तो वह अपनी कार को बुलेटप्रूफ करवा सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और सुरक्षा जांच जरूरी होती हैं।
बुलेटप्रूफ कार के लिए जरूरी है सरकारी अनुमति
भारत सरकार की ओर से बुलेटप्रूफ वाहन रखने की अनुमति बिना सुरक्षा कारणों के किसी को नहीं दी जाती। अगर कोई व्यक्ति अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर है और उसे वाकई खतरा महसूस होता है, तो वह लोकल पुलिस या संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से अनुमति के लिए आवेदन कर सकता है। यह अनुमति विभिन्न सुरक्षा जांच और सत्यापन के बाद ही दी जाती है।
इसके अलावा, कई बार यह अनुमति गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) से भी लेनी पड़ती है, खासकर जब कार में हाई लेवल की बुलेटप्रूफिंग होनी हो।
क्या होती है बुलेटप्रूफ कार बनाने की प्रक्रिया?
बुलेटप्रूफ कार बनाने की प्रक्रिया बेहद तकनीकी होती है। इसमें कार के ढांचे, दरवाजे, खिड़कियां, टायर और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों को इस तरह से मॉडिफाई किया जाता है कि वे गोली, विस्फोट या किसी भी प्रकार के हमले को झेल सकें।
इस प्रक्रिया में कार को पूरी तरह से डिफेंस-ग्रेड मैटेरियल से कोट किया जाता है, जैसे कि आर्मर स्टील और बुलेटप्रूफ ग्लास। खिड़कियों में विशेष लेयरिंग की जाती है ताकि वे गोली लगने पर भी न टूटें। इसके अलावा टायर भी रन-फ्लैट टाइप के लगाए जाते हैं, जो गोली लगने के बाद भी कुछ दूरी तक कार को चलने में सक्षम बनाते हैं।
बुलेटप्रूफिंग में कितना आता है खर्च?
बुलेटप्रूफिंग एक बेहद महंगी प्रक्रिया है और इसका खर्च वाहन के मॉडल, लेवल ऑफ प्रोटेक्शन और इस्तेमाल किए गए मैटेरियल पर निर्भर करता है। भारत में सामान्य तौर पर एक कार को बुलेटप्रूफ कराने का खर्च ₹50 लाख से लेकर ₹1.5 करोड़ तक हो सकता है।
अगर आप पहले से तैयार बुलेटप्रूफ वाहन खरीदना चाहते हैं, तो उसके लिए भी आपको इसी रेंज का बजट रखना होगा। इसके अलावा, बुलेटप्रूफ कार के मेंटेनेंस और स्पेयर पार्ट्स का खर्च भी आम कारों से कहीं ज्यादा होता है।
कहां से करवा सकते हैं कार को बुलेटप्रूफ?
भारत में कुछ चुनिंदा कंपनियां और गवर्नमेंट अप्रूव्ड वर्कशॉप्स ही इस प्रकार की सेवाएं प्रदान करती हैं। ये कंपनियां डिफेंस और सिक्योरिटी सेक्टर में अनुभव रखती हैं और सभी सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं। इनमें से कुछ कंपनियां विदेशी तकनीक और विशेषज्ञता का भी इस्तेमाल करती हैं ताकि कार को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर बुलेटप्रूफ बनाया जा सके।
किस-किस स्तर की सुरक्षा मिलती है?
बुलेटप्रूफिंग के भी अलग-अलग स्तर होते हैं, जिन्हें सुरक्षा की ज़रूरतों के अनुसार चुना जाता है। उदाहरण के तौर पर Level B4 सुरक्षा केवल हैंडगन फायर से सुरक्षा देती है, जबकि B6 या B7 लेवल की कारें AK-47 जैसे राइफल और हैंड ग्रेनेड तक झेल सकती हैं।
राजनेताओं या हाई रिस्क प्रोफाइल वाले लोगों को आमतौर पर B6 या उससे ऊपर की सुरक्षा वाली कारें दी जाती हैं।
कानूनी जिम्मेदारियाँ और सीमाएं
बुलेटप्रूफ कार रखना एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। इसके लिए न केवल विशेष परमिट की जरूरत होती है, बल्कि सरकार समय-समय पर इसकी जांच भी करती है। किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में ऐसी कार का इस्तेमाल गंभीर अपराध माना जाता है।
क्या आपको बुलेटप्रूफ कार बनवानी चाहिए?
अगर आपको अपनी जान को लेकर गंभीर खतरा है, और आपके पास इसके लिए पर्याप्त बजट भी है, तब आप बुलेटप्रूफ कार बनवाने की प्रक्रिया में जा सकते हैं। लेकिन यह प्रक्रिया लंबी, तकनीकी और कानूनी औपचारिकताओं से भरी होती है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले अच्छे से रिसर्च करें और सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करें।