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अब BPL लिस्ट से होगा बाहर! बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया तो सरकार छीन सकती है सारे फायदे

झरलोग पंचायत का कड़ा फैसला, बच्चों को सरकारी स्कूल भेजना होगा अनिवार्य। गांव-गांव चलेगी जांच, स्वच्छता नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना। जानें पूरी रिपोर्ट!

By Saloni uniyal
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अब BPL लिस्ट से होगा बाहर! बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया तो सरकार छीन सकती है सारे फायदे
अब BPL लिस्ट से होगा बाहर! बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया तो सरकार छीन सकती है सारे फायदे

भोरंज उपमंडल की झरलोग पंचायत में आयोजित ग्राम सभा की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें यह स्पष्ट कर दिया गया कि बी.पी.एल. (BPL) परिवारों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाना होगा। यदि कोई परिवार अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता है, तो उसे बी.पी.एल. सूची (BPL List) से बाहर कर दिया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य पात्र और जरूरतमंद परिवारों को ही बी.पी.एल. सुविधाओं का लाभ देना है, ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँच सके।

पंचायत प्रतिनिधि बनाएंगे सूची, गांव-गांव होगी निगरानी

बैठक में सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि सभी पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने वार्डों में जाकर उन बी.पी.एल. परिवारों की सूची तैयार करेंगे, जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। इस सूची को पंचायत प्रधान को सौंपा जाएगा, जिसके बाद संबंधित परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। पंचायत का मानना है कि जब कोई परिवार महंगी फीस देकर बच्चों को निजी स्कूल भेज सकता है, तो वह आर्थिक रूप से बी.पी.एल. की श्रेणी में नहीं आता।

झरलोग पंचायत की ग्राम सभा में हुआ अहम फैसला

झरलोग पंचायत के पंचायत घर में आयोजित इस ग्राम सभा की अध्यक्षता पंचायत प्रधान नरेश ठाकुर ने की। बैठक में सभी वार्डों के ग्रामीणों ने भाग लिया और कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। पंचायत में 14वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त राशि से किए गए विकास कार्यों (Development Works) पर भी समीक्षा की गई, जिसे लेकर ग्रामीणों ने अपनी संतुष्टि जताई।

जल आपूर्ति की समस्या पर ग्रामीणों ने जताई चिंता

बैठक के दौरान ग्रामीणों ने नलों में पानी की कमी की समस्या को भी पंचायत के सामने उठाया। इस समस्या को लेकर पंचायत ने निर्णय लिया कि सिंचाई विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाएगा, ताकि समस्या का शीघ्र समाधान हो सके। जल संकट के इस मुद्दे को प्राथमिकता में रखते हुए पंचायत ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

संपूर्ण स्वच्छता को लेकर भी बनी रणनीति

बैठक में स्वच्छता को लेकर भी एक अहम फैसला लिया गया। ग्राम सभा में यह स्पष्ट किया गया कि गांव की सड़कों, रास्तों और नालियों में गंदा पानी या कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। पंचायत ने कहा कि संपूर्ण स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक होना होगा और नियमों का पालन करना अनिवार्य है। स्वच्छता की दिशा में यह कड़ा निर्णय गांव को साफ-सुथरा और स्वस्थ रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

पंचायत ने ग्रामीणों से मांगे विकास कार्यों के सुझाव

पंचायत प्रधान नरेश ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि ग्राम सभा ही पंचायत के विकास का आधार होती है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में ग्राम सभा की बैठकों में भाग लें और अपने सुझाव दें। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों की भागीदारी से ही पंचायत सशक्त बन सकती है और स्थानीय विकास योजनाओं को गति दी जा सकती है।

योजनाओं के लाभार्थियों की समीक्षा जरूरी

ग्राम सभा में यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया कि कई बार कुछ परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए गलत तरीके से BPL सूची में शामिल हो जाते हैं। ऐसे में पात्रता की समीक्षा जरूरी है ताकि सही व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले। इसी उद्देश्य से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों की जांच कर उन्हें सूची से हटाने का निर्णय लिया गया।

पंचायत की सख्ती से बदलेगी तस्वीर?

झरलोग पंचायत का यह फैसला न सिर्फ शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम है, बल्कि इससे सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, इससे पंचायत को बी.पी.एल. योजना के लिए वास्तविक पात्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी। स्वच्छता और जल आपूर्ति जैसे विषयों पर भी जिस तरह से पंचायत ने सक्रियता दिखाई है, वह ग्रामीण विकास में गंभीरता का संकेत है।

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