
बिहार में जमीन सर्वे का काम अब तेज रफ्तार पकड़ने वाला है। कुछ दिनों से तकनीकी कारणों से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया बंद थी, लेकिन अब इसे फिर से बहाल कर दिया गया है। राज्य के सभी प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर को सक्रिय कर दिया गया है, जिससे ऑनलाइन आवेदन में आ रही तकनीकी समस्याओं का समाधान हो गया है। इसके साथ ही, जिन्होंने ऑफलाइन तरीके से स्वघोषणा भरी थी, उनका विवरण भी जल्द ही ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
जिन लोगों ने अभी तक जमीन सर्वेक्षण के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके लिए अब गांव के अमीन उनके घर-घर जाकर उन्हें आवेदन करने के लिए प्रेरित करेंगे और सभी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को सर्वेक्षण प्रक्रिया में शामिल करना और भू-अभिलेख को डिजिटाइज्ड करना है।
यह भी देखें: खुशखबरी: सिर्फ 1 दिन की छुट्टी लें और 5 दिन तक करें मजा! 13 और 14 मार्च को सार्वजनिक अवकाश
ऑनलाइन सेवा फिर से हुई बहाल
बिहार सरकार ने जमीन सर्वेक्षण को सुगम बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सभी 9 प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर सक्रिय कर दिए गए हैं, जिससे सर्वेक्षण से संबंधित दस्तावेजों की स्टोरेज में आ रही समस्याओं का समाधान हो गया है। सारण प्रमंडल का सर्वर भी गुरुवार से काम करने लगा, जिससे यह तकनीकी प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही।
अब रैयतों को सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर स्वघोषणा और वंशावली अपलोड करने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। लोग अब ऑनलाइन भी अपने दस्तावेज अपलोड करके जमीन सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे न केवल आवेदन प्रक्रिया तेज होगी बल्कि डिजिटाइज्ड डाटा को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
जिलेवार विकल्प से आसान हुई प्रक्रिया
जमीन सर्वेक्षण की आधिकारिक वेबसाइट को भी नया रूप दिया गया है। अब पेज पर जिलेवार नया विकल्प मिलेगा। जैसे ही कोई यूजर स्वघोषणा के लिए प्रपत्र वाले ऑप्शन पर क्लिक करेगा, उसे जिला चुनने का ऑप्शन मिलेगा। जिला चुनते ही उसका आवेदन सीधे संबंधित प्रमंडल के डाटा स्टोर में चला जाएगा।
यह भी देखें: Public Holiday: लगातार 4 दिन की छुट्टी! स्कूल, बैंक और सरकारी दफ्तर रहेंगे बंद, जानें पूरी जानकारी
इस नई व्यवस्था से डिजिटाइज्ड और स्कैन किए गए डाटा को सुरक्षित रखने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। इसके अलावा, अब तक जो स्वघोषणाएं ऑफलाइन मोड में प्राप्त हुई हैं, उन्हें भी इस सप्ताह के भीतर ऑनलाइन कर दिया जाएगा, ताकि सारी जानकारियाँ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सकें।
घर-घर जाकर जागरूक करेंगे अमीन
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने इस बार जमीन मालिकों को जागरूक करने के लिए खास योजना बनाई है। जिन लोगों ने अभी तक स्वघोषणा जमा नहीं की है, उनके घर अमीन जाएंगे और उनसे बातचीत करेंगे। इस दौरान जमीन मालिकों के मन में उठ रहे सवालों का जवाब दिया जाएगा और उन्हें स्वघोषणा प्रपत्र जमा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
यह भी देखें: Winter Vacation Extended: बदले मौसम के चलते बढ़ी स्कूलों की छुट्टियां, जानें अब कब खुलेंगे स्कूल
इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक रैयत अपनी भूमि से जुड़े दस्तावेजों को जमा करें और जमीन सर्वेक्षण के इस महत्त्वपूर्ण कार्य में हिस्सा लें। इससे भविष्य में किसी भी तरह के विवाद या समस्या को रोका जा सकेगा और रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटाइज्ड किया जा सकेगा।
वेबसाइट पर दिखेगा नया स्वरूप
आधिकारिक वेबसाइट को और भी उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया गया है। अब स्वघोषणा के लिए प्रपत्र वाले ऑप्शन पर क्लिक करते ही जिला चुनने का विकल्प मिलेगा। जैसे ही यूजर अपना जिला चुनेगा, उसका आवेदन सीधे संबंधित प्रमंडल के डाटा स्टोर में भेज दिया जाएगा।
यह भी देखें: अरविंद केजरीवाल ने खुद बढ़ाई अपनी पेंशन! जानें अब हर महीने कितनी मिलेगी पूर्व मुख्यमंत्री को पेंशन
इस नई व्यवस्था से डिजिटाइज्ड और स्कैन किए गए डाटा को सुरक्षित रखने में कोई दिक्कत नहीं होगी। साथ ही, जो स्वघोषणाएं अब तक ऑफलाइन मोड में प्राप्त हुई हैं, उन्हें भी ऑनलाइन कर दिया जाएगा, ताकि सभी डेटा एक ही जगह स्टोर हो सके और किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
अमीनों को दिए गए विशेष निर्देश
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने अमीनों को घर-घर जाकर स्वघोषणा प्राप्त करने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है। अमीन घर-घर जाकर जमीन मालिकों से बातचीत करेंगे और उन्हें स्वघोषणा प्रपत्र जमा करने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके साथ ही, जो लोग तकनीकी समस्याओं के कारण ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सके, उन्हें आवेदन प्रक्रिया को समझाकर मदद की जाएगी।
यह भी देखें: पानी का बिल माफ! सरकार के बड़े फैसले से 17 लाख उपभोक्ताओं को मिली राहत
यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि जमीन सर्वेक्षण के इस महत्त्वपूर्ण कार्य में अधिक से अधिक लोग भाग लें और भूमि से जुड़े दस्तावेजों को डिजिटाइज्ड किया जा सके।