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बिहार जमीन सर्वे: स्वघोषणा और वंशावली के लिए बढ़ सकती है समयसीमा! रैयतों को बड़ी राहत

सरकार फिर दे सकती है मौका 84 लाख से ज्यादा रैयतों ने किया स्वघोषणा, लेकिन सॉफ्टवेयर दिक्कतों से कई अब भी परेशान। क्या फिर बढ़ेगी डेडलाइन? जानिए सरकार की नई योजना और आपके लिए क्या है राहत!

By Saloni uniyal
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बिहार जमीन सर्वे: स्वघोषणा और वंशावली के लिए बढ़ सकती है समयसीमा! रैयतों को बड़ी राहत
बिहार जमीन सर्वे: स्वघोषणा और वंशावली के लिए बढ़ सकती है समयसीमा! रैयतों को बड़ी राहत

बिहार में जमीन सर्वे (Bihar Land Survey) के तहत स्वघोषणा (Self Declaration) और वंशावली (Genealogy) करने की समयसीमा एक बार फिर बढ़ाई जा सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को विधानसभा में इस संबंध में संकेत दिए हैं। सरकार इससे पहले भी स्वघोषणा की समयसीमा बढ़ा चुकी है, और अब इसे फिर से बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। राज्य भर में अब तक 84 लाख से अधिक रैयतों ने स्वघोषणा कर दी है, लेकिन सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियों के कारण कई लोगों को अब भी समस्या हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार समयसीमा विस्तार पर विचार कर रही है।

जमीन सर्वे पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक

विधानसभा में विभागीय बजट पर हुए विमर्श के दौरान मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य दिसंबर 2026 तक पूरा किया जाना है। इस दौरान रैयतों को स्वघोषणा का अवसर दिया गया है, जिसकी समयसीमा 31 मार्च 2025 तक तय की गई थी। लेकिन, बीते कुछ महीनों में सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर में खराबी के कारण कई रैयतों को दस्तावेज अपलोड करने में परेशानी आई है। सरकार ने इस मामले में प्रमंडलों से रिपोर्ट मांगी है, और उसके आधार पर ही समयसीमा बढ़ाने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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मठ-मंदिरों की जमीन का होगा डिजिटल रिकॉर्ड

मंत्री संजय सरावगी ने यह भी कहा कि बिहार में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद (Bihar State Religious Trust Board) के अधीन कई मठ और मंदिर (Math-Temple Lands) संचालित हैं, लेकिन उनके पास कितनी भूमि है, इसका स्पष्ट ब्योरा उपलब्ध नहीं है। सरकार इस दिशा में पहल करते हुए मठ-मंदिरों की भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर रही है, जिसे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इससे आम लोग भी यह जानकारी देख सकेंगे और अतिक्रमण रोकने में मदद मिलेगी। इसके लिए हाल ही में विधि विभाग (Law Department) को पत्र भेजा गया है ताकि कानूनी रूप से भी इस कार्य को आगे बढ़ाया जा सके।

ऑनलाइन शिकायत पोर्टल से बढ़ेगी पारदर्शिता

अब तक भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी शिकायतों पर निगरानी रखने की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी, लेकिन सरकार अब इस दिशा में भी कदम उठा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) ने घोषणा की है कि एक ऑनलाइन कंप्लेन पोर्टल (Online Complaint Portal) विकसित किया जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि कौन-सी शिकायत दर्ज हुई है और उस पर क्या कार्रवाई की गई। इस नए पोर्टल की शुरुआत अगले 10-15 दिनों में कर दी जाएगी, जिससे लोगों की शिकायतों का त्वरित निवारण हो सकेगा।

बिहार में जमीन सर्वे से जुड़ी प्रमुख बातें:

  • बिहार में जमीन सर्वे का कार्य 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य
  • स्वघोषणा और वंशावली दर्ज करने की समयसीमा 31 मार्च 2025 तक तय, लेकिन इसके विस्तार की संभावना।
  • 84 लाख से अधिक रैयतों ने अब तक स्वघोषणा दर्ज की
  • सॉफ्टवेयर की तकनीकी खराबी के चलते दस्तावेज अपलोड करने में आ रही परेशानी।
  • मठ-मंदिरों की भूमि का ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा ताकि अतिक्रमण रोका जा सके।
  • ऑनलाइन शिकायत पोर्टल की जल्द होगी शुरुआत, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

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