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Bihar Bhumi Update: भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर नया आदेश! अब जमीन मालिकों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म, जानें कैसे होगी प्रक्रिया आसान

बिहार के रैयतों को अब दाखिल-खारिज के मामलों में लिपिकीय या गणितीय भूलों के कारण होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। जानें, किस तरह प्रशासन ने डीसीएलआर कोर्ट में जाने वाले मामलों को त्वरित निपटाने का निर्णय लिया है। पढ़ें पूरी जानकारी!

By Saloni uniyal
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Bihar Bhumi Update: भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर नया आदेश! अब जमीन मालिकों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म, जानें कैसे होगी प्रक्रिया आसान
Bihar Bhumi Update: भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर नया आदेश! अब जमीन मालिकों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म, जानें कैसे होगी प्रक्रिया आसान

बिहार में भूमि विवादों से जुड़े दाखिल-खारिज (Bihar Jamin Dakhil Kharij) मामलों में अब रैयतों को अनावश्यक चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस आदेश के तहत अब लिपिकीय और गणितीय त्रुटियों के कारण अटकने वाले मामलों का त्वरित निष्पादन किया जाएगा।

डीसीएलआर कोर्ट में जाने वाले मामलों की संख्या होगी कम

राजस्व विभाग के इस फैसले से डीसीएलआर (DCLR) कोर्ट में जाने वाले मामलों की संख्या में कमी आएगी। पहले लिपिकीय अथवा गणितीय भूलों के कारण अंचलाधिकारी (CO) के स्तर से दाखिल-खारिज की फाइलें अस्वीकृत हो जाती थीं, जिससे रैयतों को डीसीएलआर कोर्ट तक जाना पड़ता था। अब ऐसे मामलों में सुनवाई की पहली तिथि पर ही डीसीएलआर संबंधित सीओ को आदेश देंगे, जिससे मामला वहीं निपटाया जा सकेगा। इसके लिए रैयतों को आवश्यक दस्तावेज और साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे।

समाहर्ता ने जारी किया नया आदेश

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने सभी जिला समाहर्ताओं को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसके आलोक में मुजफ्फरपुर के समाहर्ता सुब्रत कुमार सेन ने डीसीएलआर पूर्वी और पश्चिमी को स्पष्ट आदेश देते हुए कहा है कि वे विभागीय निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।

समाहर्ता के आदेश के अनुसार, दाखिल-खारिज की अस्वीकृति के प्रमुख कारणों में शामिल हैं जैसे आवेदक द्वारा सही दस्तावेज न लगाना दूसरा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों का अपठनीय होना और ऑनलाइन जमाबंदी में रकबा कम दिखना अब, अगर किसी आवेदक ने अपील में इन त्रुटियों को स्पष्ट कर दिया है, तो डीसीएलआर मामले को सीओ को ट्रांसफर करेंगे और सीओ अंतिम आदेश पारित करेंगे।

मानवीय भूलों के कारण नहीं होगी अनावश्यक देरी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि लिपिकीय या गणितीय भूलों को मानवीय त्रुटियों की श्रेणी में रखा जाएगा और ऐसे मामलों में वाद को लंबे समय तक लंबित नहीं रखा जाएगा। यह निर्णय रैयतों की सुविधा और प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लिया गया है।

विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों पर सटीक जवाब देने के निर्देश

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे विधानसभा और विधान परिषद में उठाए गए भूमि से संबंधित सवालों का जवाब गंभीरता और जवाबदेही के साथ दें। उन्होंने कहा कि जवाब तथ्यों पर आधारित और स्पष्ट होने चाहिए, जिससे विधायकों को पूरी जानकारी मिल सके।

मंगलवार को मंत्री ने विधानमंडल में लंबित प्रश्नों की समीक्षा की। बुधवार को विधान परिषद और गुरुवार को विधानसभा में राजस्व विभाग से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। मुख्य रूप से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त और अभियान बसेरा से जुड़े सवाल उठाए जाएंगे।

ऑपरेशन बसेरा-2: भूमिहीनों को मिलेगा मुफ्त प्लॉट

राजस्व मंत्री ने समीक्षा बैठक में बताया कि ‘अभियान ऑपरेशन बसेरा-2’ के तहत बिहार सरकार योग्य भूमिहीनों को पांच डिसमिल तक की वासभूमि मुफ्त में दे रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंचे और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

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