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महिलाओं के नाम पर घर खरीदने से मिलते हैं 4 बड़े फायदे! जानिए कैसे बचें ₹2 लाख तक टैक्स में

कम ब्याज दर, स्टांप ड्यूटी में छूट और सरकार की योजनाओं के फायदे महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने से सिर्फ टैक्स ही नहीं, आत्मनिर्भरता भी मिलती है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट और जानिए कैसे उठा सकते हैं आप ये लाभ।

By Saloni uniyal
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महिलाओं के नाम पर घर खरीदने से मिलते हैं 4 बड़े फायदे! जानिए कैसे बचें ₹2 लाख तक टैक्स में
महिलाओं के नाम पर घर खरीदने से मिलते हैं 4 बड़े फायदे! जानिए कैसे बचें ₹2 लाख तक टैक्स में

भारत में महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने (Property in woman’s name) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसकी एक बड़ी वजह है इससे मिलने वाले टैक्स (Tax Benefit), होम लोन में छूट (Home Loan Concession) और सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन। न सिर्फ वित्तीय लाभ, बल्कि यह महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता (Financial Independence) और सशक्तिकरण (Women Empowerment) को भी मजबूती देता है। यदि आप भी कोई नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि महिला सदस्य के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदना क्यों एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है।

स्टांप ड्यूटी में छूट से होती है बड़ी बचत

महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदते समय सबसे बड़ा फायदा स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) में मिलने वाली छूट का होता है। देश के कई राज्यों में महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी की दरें पुरुषों की तुलना में 2% से 3% तक कम होती हैं। उदाहरण के तौर पर दिल्ली में पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी 6% है, वहीं महिलाओं के लिए यह दर सिर्फ 4% है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में महिला खरीदारों को ₹10,000 तक की छूट मिलती है। झारखंड में तो महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप ड्यूटी केवल ₹1 देनी होती है, जो कि देश में सबसे कम है।

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अगर आप ₹50 लाख की प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने से ₹1 लाख तक की सीधी बचत हो सकती है। यह छूट राज्यों की नीति पर निर्भर करती है, लेकिन मोटे तौर पर यह कदम वित्तीय लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होता है।

होम लोन पर ब्याज में छूट से कम होती है ईएमआई

महिलाओं को होम लोन (Home Loan for Women) लेते समय ब्याज दरों में भी विशेष छूट दी जाती है। आमतौर पर यह छूट 0.5% से 1% तक होती है, जो लंबे समय में बड़ा लाभ देती है। उदाहरण के तौर पर ₹50 लाख के लोन पर 20 वर्षों की अवधि में यदि ब्याज दर 1% कम हो, तो कुल ₹10.7 लाख तक की बचत संभव है। यह बचत हर महीने की EMI को कम कर देती है, जिससे घर खरीदना ज्यादा आसान और किफायती हो जाता है।

साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत यदि घर महिला के नाम पर हो और वह पहली बार खरीदी जा रही हो, तो 6.5% की ब्याज सब्सिडी मिलती है। इस स्कीम के अंतर्गत ₹2.67 लाख तक की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इस तरह सरकारी योजनाएं भी महिला के नाम पर घर खरीदने को प्राथमिकता देती हैं।

टैक्स में डबल छूट: धारा 80EE, 80C और 24(b) के लाभ

टैक्स बचत की बात करें तो महिलाओं को आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी कई तरह की छूट मिलती हैं। यदि महिला पहली बार घर खरीद रही हैं, तो धारा 80EE के अंतर्गत ₹50,000 की अतिरिक्त छूट ली जा सकती है। यह छूट होम लोन के ब्याज पर मिलती है।

इसके अलावा यदि पति-पत्नी दोनों उस प्रॉपर्टी के सह-मालिक (Co-owners) हैं और लोन की किस्तें मिलकर भर रहे हैं, तो दोनों को संयुक्त रूप से धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख और धारा 24(b) के तहत ₹2 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है। कुल मिलाकर, यह एक परिवार के लिए सालाना ₹7 लाख तक की टैक्स कटौती का रास्ता खोल सकता है।

महिला के नाम पर प्रॉपर्टी: आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदना सिर्फ टैक्स और वित्तीय लाभ तक सीमित नहीं है। यह महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाता है। जब किसी महिला के नाम पर संपत्ति होती है, तो वह उसे किराए पर दे सकती है, बेच सकती है या अपनी शर्तों पर कोई अन्य निर्णय ले सकती है। इससे उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।

इसके साथ ही यह संपत्ति भविष्य में किसी आपात स्थिति में आर्थिक सुरक्षा का माध्यम बन सकती है। ऐसे समय में जब देश में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment in India) पर जोर दिया जा रहा है, यह एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।

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