
सोशल मीडिया की लत अब सिर्फ मानसिक तनाव या एकाग्रता में कमी तक सीमित नहीं रही है, बल्कि इसका असर किशोरियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है। जिले के महिला अस्पताल में स्थित मॉडल साथिया केंद्र द्वारा की गई काउंसिलिंग में यह खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया (social media) की अधिकता और असंतुलित दिनचर्या के कारण किशोरियों में मासिक धर्म की अनियमितता तेजी से बढ़ रही है।
394 किशोरियों की जांच में सामने आए गंभीर तथ्य
जनवरी और फरवरी 2025 में बरेली के मॉडल साथिया केंद्र पर 394 किशोरियों की काउंसिलिंग की गई। इनमें बड़ी संख्या में ऐसी लड़कियां थीं जो जल्दी या बहुत देर से मासिक धर्म शुरू होने की समस्या से जूझ रही थीं। विशेषज्ञों के अनुसार, हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) के कारण ये समस्याएं हो रही हैं और इसका मुख्य कारण लड़कियों की बिगड़ती जीवनशैली, शारीरिक गतिविधियों की कमी, सोशल मीडिया की लत और गलत खानपान है।
खेलकूद की कमी और मोबाइल का अत्यधिक उपयोग
काउंसलर अल्पना सक्सेना का कहना है कि आजकल की किशोरियां ज्यादातर समय मोबाइल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बिता रही हैं, जिससे उनके जीवन में फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) लगभग खत्म हो चुकी है। नतीजतन, उनका हार्मोन बैलेंस बिगड़ रहा है, जिससे मासिक धर्म (Menstrual Health) पर असर पड़ रहा है।
मासिक धर्म का असामान्य समय पर शुरू होना चिंता का विषय
एक और चिंता की बात यह है कि 10-12 साल की उम्र में ही मासिक धर्म शुरू होने के मामले बढ़ गए हैं। यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक विकास के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इस उम्र में हार्मोनल बदलाव से किशोरियों को भावनात्मक असंतुलन और तनाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि समय रहते उचित जांच और सलाह न ली जाए, तो यह एनीमिया (Anemia) जैसी गंभीर स्थिति को जन्म दे सकती है।
2024-25 में हर महीने बढ़ते काउंसलिंग के आंकड़े
मॉडल साथिया केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीते एक वर्ष में किशोरियों की काउंसलिंग के मामले लगातार बढ़े हैं।
अप्रैल 2024 में 297
मई में 322
जून में 308
जुलाई में 253
अगस्त में 202
सितंबर में 265
अक्टूबर में 207
नवंबर में 170
दिसंबर में 200
जनवरी 2025 में 193
फरवरी में 201
इन आंकड़ों से साफ है कि समस्या लगातार बढ़ रही है और इसे नजरअंदाज करना अब घातक साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय: जीवनशैली में लाएं सुधार
वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला शर्मा के अनुसार, किशोरियों में मासिक धर्म की अनियमितता (Irregular Periods) का सबसे बड़ा कारण है उनकी असंतुलित दिनचर्या। पढ़ाई और स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण वे शारीरिक रूप से निष्क्रिय होती जा रही हैं, जिससे उनका शरीर आवश्यक हार्मोन नहीं बना पाता। साथ ही, तनाव (Stress), नींद की कमी (Sleep Disorder) और असमय भोजन भी इस समस्या को गंभीर बना रहे हैं।
इन कारणों से बिगड़ रहा है किशोरियों का हार्मोन बैलेंस
डॉक्टरों के अनुसार, मासिक धर्म की अनियमितता के पीछे निम्न कारण प्रमुख हैं:
सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग
शारीरिक गतिविधियों की कमी
असंतुलित और देरी से भोजन
तनाव और अनियमित नींद
किशोरियों को क्या करना चाहिए
विशेषज्ञों की सलाह है कि किशोरियों को सोशल मीडिया पर बिताए गए समय को सीमित करना चाहिए। उन्हें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, समय पर संतुलित भोजन लेना चाहिए और नींद का समय सुनिश्चित करना चाहिए। मासिक धर्म से जुड़ी किसी भी असमान्यता को हल्के में न लें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें ताकि समय रहते उचित इलाज हो सके।
भविष्य में हो सकती हैं गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं
यदि किशोरावस्था में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया, तो भविष्य में प्रजनन क्षमता (Fertility) पर असर पड़ सकता है। साथ ही, एनीमिया, ओवेरियन सिस्ट्स और हार्मोनल डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। यह न सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए घातक है बल्कि सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी चिंता का विषय बन सकता है।