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अयोध्या में राम मंदिर के बाहर जूते-चप्पलों का पहाड़! अब जेसीबी मशीनों से हटाए जा रहे हजारों फुटविय

अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, लेकिन मंदिर के बाहर जूते-चप्पलों की बेतहाशा बढ़ती संख्या बनी प्रशासन के लिए सिरदर्द। आखिर क्यों श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल वापस नहीं ले रहे? जानिए पूरी कहानी!

By Saloni uniyal
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अयोध्या में राम मंदिर के बाहर जूते-चप्पलों का पहाड़! अब जेसीबी मशीनों से हटाए जा रहे हजारों फुटविय
अयोध्या में राम मंदिर के बाहर जूते-चप्पलों का पहाड़! अब जेसीबी मशीनों से हटाए जा रहे हजारों फुटविय

अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनके परिणामस्वरूप मंदिर के प्रवेश द्वार पर प्रतिदिन लाखों जूते-चप्पल जमा हो रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए अपने जूते-चप्पल वापस लेना कठिन हो गया है, जिससे नगर निगम के सामने इनकी सफाई एक बड़ी चुनौती बन गई है।

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भीड़ नियंत्रण के लिए बदले गए नियम

राम मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार (गेट नंबर 1) पर श्रद्धालुओं से उनके जूते-चप्पल जमा करने के लिए कहा जाता है। पहले, मंदिर परिसर में लगभग आधा किलोमीटर का चक्कर लगाने के बाद, श्रद्धालु उसी गेट से बाहर निकलकर अपने जूते-चप्पल प्राप्त कर सकते थे।

हालांकि, बढ़ती भीड़ के कारण, अयोध्या प्रशासन ने भक्तों को गेट नंबर 3 और अन्य गेटों से बाहर निकलने के निर्देश दिए हैं। इससे अपने जूते-चप्पल लेने के लिए उन्हें 5-6 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस असुविधा के कारण, कई श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल वहीं छोड़कर नंगे पांव ही चले जाते हैं।

नगर निगम के सामने सफाई की चुनौती

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के प्रवेश द्वार पर प्रतिदिन लाखों जूते-चप्पल जमा हो रहे हैं। इन लावारिस जूते-चप्पलों को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, और इन्हें ट्रॉलियों में लादकर 4-5 किलोमीटर दूर एक स्थान पर डंप किया जा रहा है।

महाकुंभ के कारण बढ़ी भीड़

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ के कारण भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले 30 दिनों में व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं, ताकि अप्रत्याशित रूप से उमड़ी भक्तों की भीड़ को बिना किसी अव्यवस्था के आसानी से दर्शन करने की सुविधा मिल सके।

समाधान की आवश्यकता

वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि प्रशासन और मंदिर प्रबंधन मिलकर ऐसे समाधान पर विचार करें, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा न हो और नगर निगम को भी अतिरिक्त भार से मुक्ति मिले। संभावित समाधानों में जूते-चप्पल जमा करने और वापस लेने की प्रक्रिया को सरल बनाना, अतिरिक्त स्टोरेज सुविधा प्रदान करना, या श्रद्धालुओं को अपने जूते-चप्पल रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुझाना शामिल हो सकता है।

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