
अयोध्या के राम मंदिर में महाकुंभ के बाद से श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। 26 जनवरी से अब तक प्रतिदिन लगभग एक करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इस समर्पण राशि की गिनती के लिए नौ स्थाई स्टाफ के अलावा तीन दर्जन अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए हैं। श्रद्धालुओं की यह भारी भीड़ और चढ़ावे की बड़ी धनराशि मंदिर की आस्था और महत्ता को दर्शाती है।
यह भी देखें-अयोध्या में राम मंदिर के बाहर जूते-चप्पलों का पहाड़! अब जेसीबी मशीनों से हटाए जा रहे हजारों फुटवियर
34 दिनों में 34 करोड़ का चढ़ावा
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर रहे हैं और चढ़ावे के रूप में अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। मकर संक्रांति से शुरू हुए इस धार्मिक आयोजन के बाद मौनी अमावस्या के पहले से ही अयोध्या में अपार भीड़ का सिलसिला जारी है। भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा के मुख्य प्रबंधक जीपी मिश्र के अनुसार, यदि 26 जनवरी से अब तक के चढ़ावे का अनुमान लगाया जाए, तो यह आंकड़ा प्रतिदिन एक करोड़ रुपये तक पहुंचता है। इस तरह, 28 फरवरी तक कुल 34 दिनों में 34 करोड़ रुपये का चढ़ावा मंदिर में समर्पित किया जा चुका है।
बैंक में जमा हैं करोड़ों के सिक्के
राम मंदिर में चढ़ाए गए रुपयों और सिक्कों की गिनती के लिए SBI ने नौ स्थाई कर्मचारियों के साथ 36 आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी नियुक्त किए हैं। कुल मिलाकर 45 कर्मचारियों की टीम चढ़ावे की गिनती में लगी हुई है। प्रतिदिन यह स्टाफ चढ़ावे में प्राप्त नोट और सिक्कों की गिनती कर उन्हें सुरक्षित रखता है और फिर मंदिर से बैंक की शाखा में लाकर जमा करता है।
एसबीआई शाखा प्रबंधक ने बताया कि मंदिर में चढ़ाए गए सिक्कों की गिनती मशीन के माध्यम से की जाती है। यह मशीन विभिन्न मूल्यों के सिक्कों—एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये और दस रुपये—को अलग-अलग करके गिनती करती है। सौ-सौ सिक्कों की गिनती के बाद उन्हें दो-दो हजार रुपये के पैकेट में रखा जाता है। बैंक के अनुसार, एक और दो रुपये के सिक्के वहीं जमा हो जाते हैं, जबकि अन्य सिक्कों का उपयोग मंदिर में ही होता है।
चढ़ाए गए आभूषणों से बनाए जा रहे बिस्किट
राम मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए सोने-चांदी के आभूषणों को वैज्ञानिक विधि से जांचकर शुद्ध धातु को अलग किया जाता है और इससे बिस्किट तैयार किए जाते हैं। इस कार्य के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने भारत सरकार की अर्द्ध शासकीय संस्था सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) से अनुबंध किया हुआ है। इस संस्था का कार्यालय लखनऊ में स्थित है।
पहले मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए आभूषणों को एकत्र कर रखता था और फिर इसकी सूचना देकर SPMCIL को बुलाया जाता था। इसके बाद धातुओं की शुद्धता की जांच की जाती थी और उन्हें बिस्किट के रूप में परिवर्तित किया जाता था।
आस्था का अटूट प्रवाह
महाकुंभ में उमड़ी भीड़ अयोध्या में भी धार्मिक ऊर्जा का संचार कर रही है। मकर संक्रांति से लेकर अब तक मंदिर में दर्शन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मौनी अमावस्या के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। यह रामलला की आस्था का प्रमाण है कि हर दिन करोड़ों की धनराशि, आभूषण और अन्य चढ़ावे के रूप में समर्पित की जा रही है।