
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य में आयोजित होने वाली NEET परीक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस परीक्षा की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए केंद्र सरकार से तीन बड़े बदलाव करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कई ऐसे छात्र प्रवेश पा रहे हैं, जिनका शैक्षणिक और व्यावहारिक ज्ञान पर्याप्त नहीं है, जबकि वे उच्च अंक प्राप्त कर रहे हैं। इसके चलते उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव की मांग की है।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा के अंकों पर सवाल
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने बताया कि कई प्रोफेसर यह कह रहे हैं कि उच्च अंकों के बावजूद कुछ छात्रों का ज्ञान सीमित है। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले विशेष शाखा को इसकी जांच करने का निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य सरकार को इस बात की जानकारी मिली है कि अधिकांश NEET परीक्षा केंद्र सरकारी स्कूल या विश्वविद्यालयों में न होकर निजी संस्थानों में स्थित हैं। यह परीक्षा दिल्ली द्वारा आयोजित की जाती है, इसलिए अब तक राज्य सरकार का इसमें कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं था। लेकिन अब इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का निर्णय लिया गया है।
NEET परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए तीन बड़े फैसले
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में NEET परीक्षा को लेकर तीन बड़े फैसले लिए गए हैं:
- सरकारी स्कूलों में ही आयोजित हो NEET परीक्षा
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा केवल सरकारी विद्यालयों में आयोजित की जाए। इससे परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहेगी। - सीधे प्रशासनिक निगरानी में हो परीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार NEET परीक्षा के आयोजन में जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की प्रत्यक्ष निगरानी सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और शिक्षा मंत्रालय से अनुरोध करेगी। इससे परीक्षा केंद्रों पर किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सकेगा। - बायोमेट्रिक जांच होगी अनिवार्य
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करने से पहले उम्मीदवारों की बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य करने का अनुरोध किया जाएगा। उनका मानना है कि इस कदम से परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा सकता है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सकता है।
मेडिकल छात्रों की गुणवत्ता को लेकर चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का ज्ञान सीमित होने की बात मेडिकल कॉलेजों के कई फैकल्टी मेंबर्स ने बताई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है और यही कारण है कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ये तीन प्रमुख बदलाव किए जाने का निर्णय लिया गया है।
परीक्षा प्रणाली में बदलाव से बढ़ेगी पारदर्शिता
मुख्यमंत्री सरमा ने स्पष्ट किया कि यदि ये तीन प्रमुख बदलाव लागू किए जाते हैं, तो मेडिकल प्रवेश परीक्षा अधिक पारदर्शी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रणाली को सुधारना जरूरी है ताकि योग्य छात्र ही मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पा सकें। सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करेगी।