ब्रेकिंग न्यूज

कितने साल लगातार फिर बनेगी बीजेपी की सरकार? अमित शाह ने दिया चौंका देने वाला बयान अभी सालों-साल और बनेगी BJP की सरकार

क्या बीजेपी सच में अगले 20 साल और सत्ता में बनी रहेगी? अमित शाह ने अपने पुराने दावे को फिर दोहराया और बताया क्यों जनता का भरोसा अब भी कायम है। समान नागरिक संहिता से लेकर अनुच्छेद 370 और आंतरिक सुरक्षा तक, जानिए वो सब कुछ जो इस बयान के पीछे छिपा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट!

By Saloni uniyal
Published on
कितने साल लगातार फिर बनेगी बीजेपी की सरकार? अमित शाह ने दिया चौंका देने वाला बयान अभी सालों-साल और बनेगी BJP की सरकार
कितने साल लगातार फिर बनेगी बीजेपी की सरकार? अमित शाह ने दिया चौंका देने वाला बयान अभी सालों-साल और बनेगी BJP की सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम में बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) आने वाले 20 सालों तक केंद्र की सत्ता में बनी रहेगी। यह बयान उन्होंने उस वक्त दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी का सत्ता में बने रहना लंबे वक्त तक संभव है। अमित शाह ने कहा कि जब वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि पार्टी अगले 30 वर्षों तक देश की सत्ता में रहेगी।

उन्होंने साफ किया कि अब तक 10 साल ही बीते हैं, जबकि पार्टी के सत्ता में बने रहने के लिए अभी कम से कम 20 साल और बाकी हैं। उनका कहना था कि लोकतंत्र में वही पार्टी लंबे समय तक टिकती है जो अपने लिए नहीं, देश के विकास (Development) के लिए काम करती है।

विकास पर आधारित राजनीति को जनता देती है समर्थन: अमित शाह

अमित शाह ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि जो सरकारें केवल राजनीतिक लाभ के लिए कार्य करती हैं, उन्हें जनता लंबे समय तक समर्थन नहीं देती। वहीं जो सरकारें रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में ठोस काम करती हैं, उन्हें बार-बार जनादेश मिलता है।

उनके अनुसार, बीजेपी की नीतियां जनहित में हैं और यही वजह है कि पार्टी पर लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है।

समान नागरिक संहिता को बताया बीजेपी का प्राथमिक एजेंडा

अमित शाह ने यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी के मुख्य एजेंडों में से एक है और इसे धीरे-धीरे सभी बीजेपी शासित राज्यों में लागू किया जाएगा।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब पार्टी ने अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने और राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का वादा किया था, तो उसे पूरा किया गया। अब समान नागरिक संहिता को भी जल्द पूरा किया जाएगा। शाह ने बताया कि उत्तराखंड पहला राज्य है जहां इसे लागू किया जा चुका है और अन्य बीजेपी शासित राज्य भी इसे अपनी सुविधानुसार अपनाएंगे।

न्यायाधीश के घर से नकदी मिलने पर शाह की प्रतिक्रिया

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने का मामला सामने आया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने पहले ही इस मामले पर संज्ञान लिया है और तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से न्यायपालिका के साथ है और जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी की मांग को फिलहाल खारिज कर दिया है।

आरएसएस और बीजेपी सरकार के रिश्तों पर दी सफाई

बीजेपी सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर भी अमित शाह ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि आरएसएस का कार्य क्षेत्र राष्ट्रभक्त नागरिक तैयार करना है, न कि सरकार में दखल देना। उन्होंने कहा कि संघ बीते 100 वर्षों से राष्ट्रहित के लिए कार्य कर रहा है और बीजेपी के नेताओं ने संघ से यही सीखा है कि किस प्रकार देशहित को प्राथमिकता दी जाए।

अमित शाह ने कहा कि सरकार में फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में लिए जाते हैं और संघ केवल वैचारिक समर्थन देता है, न कि निर्णयात्मक भूमिका निभाता है।

आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर भी बोले शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) से जुड़ी चुनौतियों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने गृह मंत्री का पद संभाला था, तब तीन बड़ी चुनौतियां थीं—नक्सलवाद, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद।

शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में इन क्षेत्रों में काफी सुधार हुआ है और 16,000 से अधिक युवाओं ने आत्मसमर्पण किया है। सरकार की प्राथमिकता हमेशा इन क्षेत्रों में शांति और स्थिरता लाने की रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि 1991 के उपासना स्थल अधिनियम पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सरकार निश्चित रूप से इस पर अपना पक्ष कोर्ट में रखेगी।

Leave a Comment