
पंजाब सरकार ने गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर सोमवार, 18 नवंबर को पूरे राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। यह निर्णय सिख समुदाय की धार्मिक आस्था और इस पर्व के विशेष महत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस दिन को मना सकें।
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गुरु नानक जयंती का महत्व और धार्मिक परंपराएँ
गुरु नानक जयंती सिख धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, जो सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से ‘गुरुपर्व’ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें गुरुद्वारों में विशेष पूजा-अर्चना, अखंड पाठ और नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु इस दिन सुबह जल्दी उठकर गुरुद्वारों में मत्था टेकते हैं, कीर्तन सुनते हैं और सेवा कार्यों में भाग लेते हैं। लंगर का आयोजन इस पर्व की एक विशेष परंपरा है, जिसमें सभी धर्मों और समुदायों के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।
पंजाब में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा
पंजाब सरकार के इस फैसले से राज्य के नागरिकों को गुरु नानक जयंती की विशेष पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। सरकारी और निजी संस्थानों को इस अवकाश की सूचना पहले ही दे दी गई है, जिससे लोग अपनी योजनाओं को पहले से व्यवस्थित कर सकें। इस छुट्टी से राज्य में त्योहार की रौनक और बढ़ जाएगी और लोग पूरे उत्साह के साथ इस दिन को मना सकेंगे।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
गुरु नानक जयंती का अवकाश राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को भी प्रभावित करता है। इस दिन भले ही अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहते हैं, लेकिन गुरुद्वारों के आसपास के बाजारों में जबरदस्त चहल-पहल देखने को मिलती है। पूजा सामग्री, प्रसाद, पारंपरिक वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं की मांग में वृद्धि होती है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को अच्छा लाभ मिलता है। इसके अलावा, समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक सौहार्द को भी बढ़ावा मिलता है, क्योंकि इस पर्व में हर समुदाय के लोग भाग लेते हैं।
समाज में इसकी स्वीकार्यता
सिख धर्म की इस महत्वपूर्ण तिथि पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा से पंजाब में आपसी सौहार्द और भाईचारे को भी मजबूती मिलती है। यह न केवल सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है, बल्कि अन्य समुदायों के बीच भी आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा धार्मिक सहिष्णुता और विविधता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।