हरियाणा

छात्रों की फ्री बस सुविधा होगी बंद! महिलाओं की छूट भी खत्म, अब देना पड़ेगा किराया

HRTC की नई योजना से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं पर पड़ सकता है बड़ा असर! जानिए कैसे बदल सकता है किराये का नियम और कौन होगा सबसे ज्यादा प्रभावित। क्या आपका भी सफर महंगा होने वाला है

By Saloni uniyal
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छात्रों की फ्री बस सुविधा होगी बंद! महिलाओं की छूट भी खत्म, अब देना पड़ेगा किराया
छात्रों की फ्री बस सुविधा होगी बंद! महिलाओं की छूट भी खत्म, अब देना पड़ेगा किराया

हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जा रही मुफ्त HRTC बस सुविधा जल्द ही बंद हो सकती है। हाल ही में हुई HRTC के निदेशक मंडल की बैठक में विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम बस किराये पर पास बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। इस प्रस्ताव में छात्रों से न्यूनतम बस किराया लेने का विचार है। इसके अलावा, शहरी निकाय क्षेत्रों में महिलाओं के लिए बस किराये में 50 फीसदी की छूट को भी बंद करने की योजना बनाई गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह छूट जारी रखने का प्रस्ताव है। इन सभी प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय राज्य के मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाएगा।

विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम किराया पास की योजना

निदेशक मंडल की बैठक में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए 15 सिंगल फेयर बस पास प्रति माह बनाने के विकल्प पर चर्चा की गई है। इसका अर्थ है कि विद्यार्थियों को महीने में 15 दिनों का किराया देना होगा, जो केवल एक तरफ का ही वसूला जाएगा। इसका उद्देश्य मुफ्त बस सुविधा के वित्तीय बोझ को कम करना और न्यूनतम शुल्क से सेवाओं को जारी रखना है। यह प्रस्ताव विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आर्थिक असमानता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

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शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को किराये में छूट बंद करने की योजना

HRTC निदेशक मंडल ने शहरी निकाय क्षेत्रों में महिलाओं के लिए बस किराये में 50% छूट को बंद करने का प्रस्ताव भी रखा है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में इस छूट को जारी रखने की योजना बनाई गई है। बैठक में यह तर्क दिया गया कि आधे किराये का लाभ मुख्यतः उन महिलाओं को मिलना चाहिए जो बेरोजगार हैं या जिनकी आय कम है, जबकि शहरी क्षेत्रों में नौकरीपेशा महिलाएं भी इस सुविधा का लाभ ले रही हैं, जो आर्थिक दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं माना गया।

न्यूनतम किराया बढ़ाने पर भी विचार

बैठक में न्यूनतम किराया बढ़ाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके तहत, दो किलोमीटर तक के सफर के लिए 5 रुपये और चार किलोमीटर तक के लिए 10 रुपये न्यूनतम किराया लागू करने पर चर्चा हुई है। वर्तमान में 3 किलोमीटर तक के सफर के लिए 5 रुपये न्यूनतम किराया वसूला जा रहा है। यह बदलाव डीजल की बढ़ती कीमतों और बस ऑपरेटरों के घाटे को देखते हुए प्रस्तावित किया गया है।

निजी बस ऑपरेटर संघ और अन्य संगठनों की प्रतिक्रिया

किराये में छूट बंद करने का समर्थन

हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ के महासचिव रमेश कमल ने न्यूनतम किराया 5 से 10 रुपये करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को महिलाओं के किराये में छूट, रियायती पास जैसी योजनाओं को बंद करना चाहिए, जिससे सामान्य किराया बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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न्यूनतम किराया 10 रुपये करने की मांग

हिमाचल प्रदेश निजी बस चालक-परिचालक संघ के महासचिव अखिल गुप्ता ने कहा कि हिमाचल में न्यूनतम बस किराया अन्य राज्यों की तुलना में कम है। उदाहरण के लिए, पंजाब में न्यूनतम किराया 15 रुपये है। उनका मानना है कि हिमाचल में बस सेवा मुख्य परिवहन साधन है, इसलिए न्यूनतम किराये में बढ़ोतरी आवश्यक है लेकिन सामान्य किराये में बदलाव नहीं होना चाहिए।

घाटे से उबरने के लिए किराया बढ़ाने की वकालत

निजी बस ऑपरेटर यूनियन शिमला के पूर्व महासचिव अमित चड्ढा ने कहा कि 40 लाख रुपये की बस खरीदकर और 90 रुपये प्रति लीटर डीजल खर्च करके प्रति सवारी 5 रुपये किराया वसूलना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने न्यूनतम किराया 10 रुपये और सामान्य किराया 20% बढ़ाने का सुझाव दिया, जिससे घाटे में चल रहे बस ऑपरेटरों को राहत मिल सके।

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मंत्रिमंडल लेगा अंतिम निर्णय

HRTC निदेशक मंडल द्वारा सुझाए गए इन सभी प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय हिमाचल प्रदेश के मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन प्रस्तावों पर क्या रुख अपनाती है, खासकर जब ये परिवर्तन सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

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