
मध्यप्रदेश में नर्मदा एक्सप्रेस-वे (Narmada Expressway) के निर्माण की योजना बनाई गई है, जो प्रदेश की सबसे लंबी सड़क और सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है। लगभग 1200 किलोमीटर लंबी यह सड़क 11 जिलों से होकर गुजरेगी और इसके निर्माण पर करीब 31 हजार करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। इसे यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) से लगभग चार गुना बड़ा बताया जा रहा है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे का उद्देश्य न केवल राज्य में यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि इसके जरिए संबंधित जिलों में विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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11 जिलों से गुजरेगा नर्मदा एक्सप्रेस-वे
नर्मदा एक्सप्रेस-वे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मध्यप्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगा। इसके माध्यम से लगभग 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और इन जिलों की विभिन्न सड़कें आपस में जुड़ेंगी। इससे स्पष्ट रूप से इन जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह एक्सप्रेस-वे केवल सड़क संपर्क ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।
यमुना एक्सप्रेस-वे से चार गुना बड़ा होगा
नर्मदा एक्सप्रेस-वे की लंबाई लगभग 1200 किमी होगी, जो इसे यमुना एक्सप्रेस-वे से चार गुना बड़ा बनाएगी। जहां यमुना एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में दिल्ली और आगरा को जोड़ता है, वहीं नर्मदा एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में विभिन्न जिलों को जोड़कर यातायात और परिवहन को सुगम बनाएगा। इसके जरिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करने का समय कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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मालवा निमाड़ विकास पथ: 450 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे
नर्मदा एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा मालवा निमाड़ विकास पथ (Malwa Nimar Vikas Path) के नाम से भी जाना जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे लगभग 450 किमी लंबा होगा और मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, धार, अलीराजपुर और बुरहानपुर जिलों को जोड़ेगा। इसके निर्माण में लगभग 7972 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है।
मालवा निमाड़ विकास पथ का महत्व विशेष रूप से 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए बढ़ जाता है, क्योंकि यह मार्ग प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को जोड़ता है। इससे इन क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय व्यापार को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे: एमपी-यूपी को जोड़ने वाला नया मार्ग
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे (Agra-Gwalior Expressway) की नींव भी रखी गई है, जो दोनों राज्यों के बीच परिवहन को मजबूत करेगा। यह एक्सप्रेस-वे 88 किमी लंबा होगा और इसके निर्माण में लगभग 2500 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। यह मार्ग ग्वालियर के निरवाली तिराहा से शुरू होकर झांसी, शिवपुरी, भिंड, मुरैना और दतिया से होते हुए आगरा तक जाएगा।
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इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से ग्वालियर से आगरा की दूरी 3 घंटे से घटकर 2 घंटे में पूरी हो जाएगी, जिससे व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम: सात शहर होंगे जुड़े
मध्यप्रदेश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (Regional Connectivity Scheme) के तहत मंडला, उज्जैन, छिंदवाड़ा, नीमच और खंडवा को जोड़ा जा रहा है। शहडोल और शिवपुरी के लिए केंद्र सरकार को सहमति भेजी जा चुकी है।
इसके अलावा, रीवा में हवाई सेवा पहले ही आरंभ हो चुकी है और सतना के लिए तैयारी की जा रही है। गुना के लिए दोबारा प्रस्ताव बनाया जाएगा, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा।
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नर्मदा एक्सप्रेस-वे: विकास की नई दिशा
नर्मदा एक्सप्रेस-वे केवल एक सड़क परियोजना नहीं है, बल्कि यह मध्यप्रदेश के लिए विकास की नई दिशा है। यह न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि संबंधित जिलों में व्यापार, रोजगार, पर्यटन और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, यह राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा और मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से और भी मजबूती से जोड़ने में सहायक होगा।