यूटिलिटी न्यूज़

हरियाणा में जमीन रजिस्ट्री हुई आसान! अब नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर – जानें नया नियम

जानिए कैसे नई प्रणाली से बचेंगे बार-बार दफ्तरों के चक्कर, फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, और नामांतरण की प्रक्रिया होगी खत्म! सोनीपत और करनाल से शुरु हुई इस क्रांतिकारी बदलाव की पूरी जानकारी पढ़ें

By Saloni uniyal
Published on
हरियाणा में जमीन रजिस्ट्री हुई आसान! अब नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर – जानें नया नियम
हरियाणा में जमीन रजिस्ट्री हुई आसान! अब नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर – जानें नया नियम

हरियाणा सरकार ने जमीन रजिस्ट्री (Land Registry) की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। इस नई प्रणाली के तहत अब प्रॉपर्टी आईडी (Property ID) के आधार पर ही सभी रजिस्ट्री संपन्न की जाएंगी, जिससे दफ्तरों में बार-बार जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इस नई व्यवस्था को सबसे पहले सोनीपत (Sonipat) और करनाल (Karnal) जिलों में लागू किया गया है, जिससे लोगों को समय और ऊर्जा की बचत होगी।

यह भी देखें: EPFO खाताधारकों के लिए खुशखबरी! PF निकालना होगा और आसान – जल्द मिलेगी ये नई सुविधा

मुख्यमंत्री का निर्देश: पुरानी प्रणाली में थीं कई खामियां

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में जानकारी दी कि पुरानी रजिस्ट्री प्रणाली में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा एक ‘अन्य’ श्रेणी भी थी, जिसके कारण कई कमियां उत्पन्न हो रही थीं। इस श्रेणी के कारण जमीन के रिकॉर्ड में गड़बड़ियां और भ्रम की स्थिति बन रही थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन कमियों को दूर करने के लिए नई रजिस्ट्री प्रणाली (New Registry System) लागू की गई है, जो प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाएगी। इस प्रणाली के तहत रजिस्ट्री के दौरान सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े और विवादों की संभावनाएं कम होंगी।

यह भी देखें: New Property Registry Law Update: रजिस्ट्री का पैसा अब वापस नहीं मिलेगा? नया प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कानून जानें तुरंत!

शहरी क्षेत्रों की मैपिंग और राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ाव

हरियाणा सरकार ने नई व्यवस्था के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों की मैपिंग (Urban Area Mapping) का भी कार्य शुरू किया है। इस मैपिंग को राजस्व रिकॉर्ड्स (Revenue Records) से जोड़ा जाएगा, जिससे जमीन की प्रामाणिकता और भी सटीक हो जाएगी। यह प्रक्रिया भूमि के स्वामित्व और नामांतरण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाएगी।

इस नई व्यवस्था से न केवल जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि इससे नामांतरण (Mutation) की प्रक्रिया भी समाप्त हो जाएगी, जिससे जमीन के मालिकाना हक के विवादों में कमी आएगी।

प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर रजिस्ट्री: क्या है नई व्यवस्था?

नई प्रणाली के तहत हरियाणा में अब जमीन रजिस्ट्री प्रॉपर्टी आईडी (Property ID) के आधार पर की जाएगी। यह प्रॉपर्टी आईडी हर संपत्ति को एक यूनिक पहचान देगी और इससे संबंधित सभी दस्तावेज इस आईडी के माध्यम से ऑनलाइन वेरिफाई किए जाएंगे।

यह भी देखें: महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी! सरकार दे रही ₹23,000 तक की सीधी मदद – जानें नई स्कीम के बारे में

इस व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह है कि लोगों को अब बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच और वेरिफिकेशन ऑनलाइन ही हो जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार (Corruption) और फर्जीवाड़े (Fraud) पर लगाम लगेगी।

सोनीपत और करनाल में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

हरियाणा सरकार ने इस नई प्रणाली को पहले चरण में सोनीपत (Sonipat) और करनाल (Karnal) जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया है। इन दोनों जिलों में रजिस्ट्री की नई प्रक्रिया को लागू कर इसके परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा।

यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, जिससे हरियाणा (Haryana) के सभी निवासियों को लाभ मिलेगा। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता (Transparency) और सटीकता (Accuracy) आएगी, जिससे लोग अधिक संतुष्ट होंगे।

यह भी देखें: Income Tax Bill 2025: टैक्सपेयर्स के लिए बड़े बदलाव! तुरंत जानें ये 5 नए नियम

नई प्रणाली के फायदे: समय और ऊर्जा की बचत

हरियाणा में लागू की गई इस नई रजिस्ट्री प्रणाली से निवासियों को कई प्रकार के लाभ होंगे:

  1. समय की बचत (Time Saving): प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया से लोगों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
  2. पारदर्शिता (Transparency): ऑनलाइन वेरिफिकेशन से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
  3. फर्जीवाड़े पर रोक (Fraud Prevention): प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से सभी दस्तावेजों की वेरिफिकेशन ऑनलाइन होगी, जिससे फर्जीवाड़े की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
  4. नामांतरण की समाप्ति (End of Mutation): नई प्रणाली के तहत नामांतरण की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी, जिससे जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवादों में कमी आएगी।

Leave a Comment