आजकल जब भी लोग पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने जाते हैं, तो मशीन में जीरो देखने के लिए सतर्क रहते हैं। यह आदत अच्छी है, लेकिन सिर्फ जीरो देखने से ही आपका नुकसान नहीं रुकता। पेट्रोल पंप पर कई अन्य तरीके भी अपनाए जाते हैं, जिनसे उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इनमें खराब क्वालिटी का पेट्रोल-डीजल, उसकी डेंसिटी में हेरफेर और मिलावट जैसी चीजें शामिल हैं।
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खराब क्वालिटी का ईंधन और उसका असर
खराब क्वालिटी वाले पेट्रोल-डीजल का असर आपकी गाड़ी के इंजन पर पड़ता है। मिलावटी ईंधन से इंजन में कार्बन जमा होने लगता है, जिससे माइलेज घट जाता है और मेंटेनेंस कॉस्ट बढ़ जाती है। इसके अलावा, ईंधन में मिलावट होने से आपकी गाड़ी का परफॉर्मेंस भी प्रभावित होता है, जिससे लॉन्ग टर्म में आपको बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी कैसे चेक करें?
ईंधन की डेंसिटी उसकी प्यॉरिटी को दर्शाती है। गवर्नमेंट ने फ्यूल डेंसिटी चेक करने के लिए कुछ स्टैंडर्ड तय किए हैं, जिनकी मदद से आप खुद भी जांच सकते हैं कि पेट्रोल-डीजल की क्वालिटी सही है या नहीं।
- डिस्प्ले और रसीद की जांच करें: पेट्रोल मशीन की डिस्प्ले और पंप से मिलने वाली रसीद पर डेंसिटी का उल्लेख होता है। अगर इसमें कोई अंतर दिखता है तो तुरंत इसकी शिकायत करें।
- डेंसिटी जार टेस्ट कराएं: पेट्रोल पंप पर एक डेंसिटी जार मौजूद होता है, जिसमें फ्यूल डालकर उसकी शुद्धता की जांच की जा सकती है। यदि पेट्रोल पंप कर्मचारी इस टेस्ट को करने से इनकार करता है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
- प्राइस और क्वालिटी का मिलान करें: कई बार घटिया क्वालिटी का पेट्रोल-डीजल भी बाजार रेट पर बेचा जाता है। इसलिए, हमेशा जांचें कि आपको सही कीमत पर सही क्वालिटी का ईंधन मिल रहा है या नहीं।
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पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी के मानक क्या हैं?
गवर्नमेंट द्वारा पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी के कुछ मानक तय किए गए हैं।
- पेट्रोल की डेंसिटी: 730 से 800 किलोग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए।
- डीजल की डेंसिटी: 830 से 900 किलोग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए।
यह मानक पूरी तरह फिक्स नहीं होते, क्योंकि तापमान के अनुसार इनमें हल्का बदलाव हो सकता है। यदि आपकी गाड़ी में भरा जा रहा पेट्रोल तय लिमिट से कम डेंसिटी वाला है, तो आप इसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
पेट्रोल की मिलावट की पहचान कैसे करें?
- गंध पर ध्यान दें: मिलावटी पेट्रोल से तेज़ और असामान्य गंध आती है।
- रंग जांचें: असली पेट्रोल हल्का गुलाबी या पीला होता है, जबकि मिलावटी पेट्रोल गहरा या ज्यादा चमकीला दिख सकता है।
- फायर टेस्ट करें: एक सफेद कपड़े पर पेट्रोल डालें और उसे जलाएं। यदि कोई काला धुआं निकलता है, तो इसका मतलब है कि पेट्रोल में मिलावट है।
शिकायत करने का तरीका
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत, हर ग्राहक को फ्यूल की क्वालिटी जांचने का अधिकार है। यदि आपको लगता है कि पेट्रोल-डीजल में मिलावट की गई है या डेंसिटी मानकों से कम है, तो आप इन जगहों पर शिकायत कर सकते हैं:
- पेट्रोल पंप के मैनेजर से शिकायत करें और लिखित में रिपोर्ट लें।
- तेल कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और अपना अनुभव साझा करें।
- लोकल कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करें यदि आपको उचित समाधान नहीं मिलता।
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