केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश किया। यह उनका लगातार आठवां बजट था, जिसे मुख्य रूप से मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। बजट में करदाताओं को राहत देने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं, जिससे न केवल करदाताओं की जेब में अतिरिक्त पैसे बचेंगे, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। खासतौर पर, सरकार ने इनकम टैक्स में बड़े बदलाव कर वेतनभोगियों और अन्य करदाताओं को राहत देने की कोशिश की है।
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12 लाख तक की आमदनी पर नहीं लगेगा टैक्स
इस बार के बजट में सबसे बड़ी घोषणा यह रही कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई कर नहीं लगेगा। पहले यह सीमा सात लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं, जिनकी आमदनी 24.75 लाख रुपये तक है, उन्हें मौजूदा कर व्यवस्था की तुलना में 1.10 लाख रुपये की अतिरिक्त बचत होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने बताया कि इस कदम से करदाताओं को नई कर व्यवस्था अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस बजट से कर दायरे में आने वाले लोगों की संख्या में भी बदलाव होगा। फिलहाल, 8 करोड़ से अधिक लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल किया है, लेकिन इनमें से 4.9 करोड़ लोग ऐसे थे, जिन्होंने अपनी आय को शून्य कर योग्य घोषित किया था। नई कर छूट से करीब एक करोड़ लोग टैक्स से मुक्त हो जाएंगे।
बजट के मुख्य बिंदु: करदाताओं के लिए क्या बदला?
- सरकार ने टैक्स स्लैब को सरल बनाया और नई कर व्यवस्था को डिफ़ॉल्ट के रूप में लागू कर दिया।
- जो लोग नई कर व्यवस्था अपनाते हैं, उनके लिए टैक्स छूट सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है (एनआरआई के लिए यह लागू नहीं होगी)।
- करदाता अब बिना किसी शर्त के दो स्व-कब्जे वाली संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को “शून्य” के रूप में घोषित कर सकते हैं।
- विदेशी लेनदेन पर स्रोत पर कर संग्रह (TCS) की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
- शिक्षा से जुड़े खर्चों के लिए किए गए प्रेषणों पर अब कोई टीसीएस लागू नहीं होगा।
- करदाताओं को अब 24 महीनों की बजाय 48 महीने तक अपना अपडेटेड ITR दाखिल करने की सुविधा दी गई है। हालांकि, इसमें 16 अतिरिक्त महीनों और कुल मिलाकर 70% ब्याज का प्रावधान किया गया है।
- एनपीएस में खुद के योगदान पर मिलने वाली 50,000 रुपये तक की कर छूट अब नाबालिगों के नाम पर किए गए योगदान पर भी लागू होगी।
- अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस छूट सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
- किराए पर टीडीएस की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। पहले यह सीमा 2.4 लाख रुपये सालाना थी।
- डिविडेंड आय और म्यूचुअल फंड यूनिट से प्राप्त आय पर टीडीएस की सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।
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करदाताओं को कैसे होगा फायदा?
इस बार के बजट में मध्यम वर्ग और वेतनभोगी लोगों के लिए खास राहत दी गई है। सरकार ने कर दरों को आसान बनाया है और इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाकर अधिक लोगों को राहत देने का प्रयास किया है। नई कर व्यवस्था को अपनाने वालों को अतिरिक्त बचत होगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।