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Haryana: भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन! 47 तहसीलदारों की लिस्ट तैयार, सरकार जल्द लेगी सख्त कदम

सरकार का भ्रष्टाचार पर ताबड़तोड़ एक्शन! 47 तहसीलदारों की लिस्ट तैयार, बड़े फेरबदल की अटकलें तेज। क्या होंगे अगले बड़े कदम? जानिए पूरी रिपोर्ट!

By info@newzoto.com
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Haryana: भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन! 47 तहसीलदारों की लिस्ट तैयार, सरकार जल्द लेगी सख्त कदम

हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाते हुए 47 भ्रष्ट तहसीलदारों की लिस्ट तैयार कर ली है। पहले पटवारियों और दलालों के नाम सामने आए थे, लेकिन अब तहसीलदारों की संदिग्ध गतिविधियों पर भी सरकार की पैनी नजर है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, यह लिस्ट पूरी तरह गोपनीय रखी गई है और संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है।

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खुफिया इनपुट से हुआ खुलासा

खुफिया विभाग से मिले इनपुट में बताया गया है कि इन तहसीलदारों ने अवैध रूप से रजिस्ट्रियां की हैं और धारा 7-A का उल्लंघन किया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर बिना NOC के जमीनों की रजिस्ट्री कर दी। साथ ही, सरकार को यह भी शक है कि इनमें से कई तहसीलदारों के पास उनकी आय से अधिक संपत्ति हो सकती है।

भ्रष्टाचार पर सरकार का सख्त रुख

इससे पहले, सरकार ने 370 भ्रष्ट पटवारियों और 404 दलालों की लिस्ट तैयार की थी, जिनमें से कई पर कार्रवाई भी की गई थी। हालांकि, तहसीलदारों के खिलाफ पहले की गई जांचों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। अब सरकार ने इन अधिकारियों की संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की गहन जांच का आदेश दिया है।

रजिस्ट्री घोटाले से जुड़े तार

सूत्रों की मानें तो इन तहसीलदारों का नाम 2020 में हुए रजिस्ट्री घोटाले से भी जुड़ रहा है। कोरोना काल के दौरान हुए इस घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच समिति (SEC) गठित की गई थी। जांच में 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा 232 अन्य राजस्व अधिकारियों को दोषी पाया गया था। इन अधिकारियों पर आरोप था कि इन्होंने भू-माफिया और रियल एस्टेट एजेंटों की सहायता के लिए सरकारी रिकॉर्ड में हेरफेर किया था।

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पटवारियों और दलालों की भूमिका

भ्रष्टाचार के इस जाल में केवल तहसीलदार ही नहीं, बल्कि पटवारी और दलाल भी सक्रिय हैं। पिछले साल सरकार ने 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची तैयार की थी, जिसमें यह स्पष्ट रूप से बताया गया था कि कौन सा पटवारी किस जिले में कितनी रिश्वत लेता है। इनमें से 170 पटवारी तो निजी सहायक रखकर अवैध वसूली कर रहे थे। इसके अलावा, 404 दलालों की एक और सूची सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि ये दलाल तहसील और पटवारी कार्यालयों में सरकारी काम के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं।

सरकार की अगली रणनीति

अब सरकार भ्रष्ट तहसीलदारों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इसके तहत तहसील कार्यालयों में सख्त निगरानी रखी जाएगी और हर लेनदेन की जांच होगी। साथ ही, भ्रष्टाचार रोकने के लिए कई तहसीलों में CCTV कैमरे भी लगाए जाएंगे ताकि अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।

क्या इस बार होगी कड़ी कार्रवाई?

पिछली बार सरकार ने जब भ्रष्टाचार के मामलों की जांच शुरू की थी, तो राजनीतिक दबाव और ऊंची पहुंच के कारण कई मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब देखना होगा कि इस बार सरकार अपने रुख पर कितनी दृढ़ रहती है। यदि इन तहसीलदारों पर ठोस कार्रवाई होती है, तो यह प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

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