यूटिलिटी न्यूज़

Haryana Land Registry: हरियाणा में खरीददारों के लिए खुशखबरी सस्ती हुई जमीन की रजिस्ट्री!

अब बिना किसी झंझट के अपने मकान और ज़मीन के बनें कानूनी मालिक! सरकार ने शुरू की आसान प्रक्रिया, जानिए कब और कैसे मिलेगा स्वामित्व प्रमाण पत्र?

By Saloni uniyal
Published on

हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई लाल डोरा योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित घरों और जमीनों के मालिकाना हक को आधिकारिक रूप से वैध बनाना है। इस योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा की गई थी, जिसके तहत उन ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है जो पीढ़ियों से लाल डोरा क्षेत्र में रह रहे हैं लेकिन उनके पास संपत्ति के आधिकारिक दस्तावेज नहीं हैं। अब फरीदाबाद नगर निगम ने इस योजना को तेजी से लागू करने के लिए गांवों में व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।

मात्र 1 रुपये में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

नगर निगम ने ग्रामीणों को राहत देते हुए सिर्फ 1 रुपये में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है। यह रजिस्ट्रेशन गांव के नंबरदार की रिपोर्ट के आधार पर किया जा रहा है। इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य मार्च 2025 तक सभी पात्र ग्रामीणों को मालिकाना हक प्रमाण पत्र जारी करना है।

पहले, लाल डोरा क्षेत्र के निवासी अपने घरों पर केवल कब्जे के आधार पर रह रहे थे लेकिन उनके पास कोई वैध स्वामित्व प्रमाण नहीं था। इस कारण वे अपनी संपत्ति को कानूनी रूप से न तो बेच सकते थे और न ही इसे बैंकों में गिरवी रख सकते थे। लेकिन इस योजना के बाद अब वे बैंकों से लोन प्राप्त करने और भूमि की खरीद-फरोख्त करने के लिए अधिकृत हो जाएंगे।

निगम की टीमें घर-घर जाकर कर रहीं सर्वेक्षण

नगर निगम की विशेष टीमें घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं और लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक कर रही हैं। टीमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सके।

ग्रामीणों को न केवल कानूनी रूप से मालिकाना हक मिलेगा बल्कि उनकी संपत्ति की कीमत में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, ज़मीन और मकान पर मालिकाना हक मिलने से अधिकारिक रजिस्ट्री संभव होगी जिससे संपत्ति के दस्तावेज पूरी तरह से वैध माने जाएंगे।

मालिकाना हक के प्रमुख लाभ

इस योजना के तहत संपत्ति के आधिकारिक दस्तावेज मिलने से ग्रामीणों को निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • बैंक में संपत्ति गिरवी रखकर लोन प्राप्त करने की सुविधा
  • संपत्ति का खरीद-फरोख्त आसान हो जाएगा।
  • कानूनी रूप से स्वामित्व अधिकार प्राप्त होगा जिससे संपत्ति का सही उपयोग संभव होगा।
  • ग्रामीणों की संपत्ति की बाजार कीमत में वृद्धि होगी।

हालांकि, कुछ ग्रामीण इस योजना से असंतुष्ट भी नजर आ रहे हैं क्योंकि स्वामित्व प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद उन्हें हाउस टैक्स देना होगा।

हाउस टैक्स की दरें

नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स की दरों को न्यूनतम रखा गया है ताकि ग्रामीणों को अधिक बोझ महसूस न हो:

  • 99.99 गज तक के खाली प्लॉट – कोई टैक्स नहीं।
  • 100 गज के मकान – सालाना ₹100 टैक्स।
  • 150 गज के मकान – सालाना ₹150 टैक्स।

योजना से ग्रामीणों को मिलेगा कानूनी और आर्थिक सशक्तिकरण

यह योजना ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रही है। इसके तहत उन्हें कानूनी रूप से अपने घरों और ज़मीनों का मालिकाना हक मिलेगा, जिससे वे अपनी संपत्तियों का सही उपयोग कर सकेंगे। यह योजना हरियाणा के ग्रामीणों को आर्थिक और कानूनी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

Leave a Comment