![अब हर जोड़े को मिलेगी शादी से पहले काउंसलिंग, तलाक मामलों में आएगी गिरावट](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/There-will-be-counseling-before-marriage-1024x576.jpg)
ओडिशा सरकार ने राज्य में बढ़ती तलाक दर को नियंत्रित करने और वैवाहिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, अब विवाह-पूर्व परामर्श केंद्र (प्री-मैरिटल काउंसलिंग सेंटर) स्थापित किए जाएंगे, जो नवविवाहित जोड़ों को शादी के बाद आने वाली संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करेंगे। इसके अलावा, सरकार ने वर्ष 2025 को “तलाक रोकथाम वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य वैवाहिक जीवन को सुदृढ़ बनाना और समाज में विवाह संस्था को मजबूत करना है।
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नवविवाहित जोड़ों के लिए मानसिक और भावनात्मक सहयोग
ओडिशा सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस नई योजना के अंतर्गत नवविवाहित जोड़ों को मानसिक और भावनात्मक रूप से वैवाहिक जीवन के लिए तैयार किया जाएगा। इन केंद्रों को ‘मां रा छाता’ या ‘मदर कोर्ट’ के नाम से जाना जाएगा, जहां योग्य परामर्शदाता, मनोवैज्ञानिक और विशेषज्ञ जोड़ों को परामर्श देंगे। इस पहल के जरिए नवविवाहितों को वैवाहिक जीवन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से परिचित कराया जाएगा और उन्हें उन समस्याओं से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा।
राज्य सरकार का वैवाहिक स्थिरता पर जोर
ओडिशा में हाल के वर्षों में तलाक की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने विवाह-पूर्व परामर्श को अनिवार्य बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। राज्य की उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा ने बताया कि यह पहल न केवल तलाक की संख्या को कम करेगी, बल्कि यह दंपतियों के बीच बेहतर समझ विकसित करने में भी सहायक होगी। इन केंद्रों में जोड़ों को संचार कौशल, तनाव प्रबंधन और पारिवारिक जीवन को संतुलित करने के तरीकों पर मार्गदर्शन दिया जाएगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिश के बाद लिया गया निर्णय
ओडिशा सरकार ने यह फैसला राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर की सिफारिश के बाद लिया है। हाल ही में, रहाटकर ने ओडिशा राज्य महिला आयोग के 32वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया था, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को विवाह-पूर्व परामर्श केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया था। सरकार ने इस सिफारिश को गंभीरता से लेते हुए इसे लागू करने का निर्णय लिया।
अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए ‘सुमंगल पोर्टल’ लॉन्च
ओडिशा सरकार ने विवाह संस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से ‘सुमंगल पोर्टल’ भी लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। सरकार का मानना है कि यह कदम सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा और विवाह को जाति और समुदाय की सीमाओं से परे ले जाने में सहायक होगा।
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सरकार की इस पहल से क्या उम्मीदें हैं?
सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि यह तलाक के मामलों में कमी लाने में सहायक होगी। प्री-मैरिटल काउंसलिंग सेंटर न केवल नवविवाहितों को एक स्वस्थ वैवाहिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि यह समाज में स्थायी वैवाहिक संबंधों को भी बढ़ावा देगा। राज्य सरकार का यह निर्णय ओडिशा को एक सामाजिक रूप से सशक्त और संतुलित समाज की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।