![सरकार का बड़ा फैसला! इन कर्मचारियों को मिलेगी जबरन रिटायरमेंट, लिटिगेशन पॉलिसी जल्द ही होगी तैयार Employees Retirement](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/Employees-Retirement-1024x576.jpg)
हरियाणा सरकार ने सरकारी विभागों में कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। अब 50 साल से अधिक उम्र के उन कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Forced Retirement) दी जाएगी, जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। इस निर्णय का उद्देश्य सरकारी तंत्र में सुस्ती को दूर करना और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इसके लिए सभी सरकारी विभागों में विशेष समीक्षा कमेटियों का गठन किया जाएगा, जो कर्मचारियों के कामकाज की विस्तृत जांच करेंगी।
यह भी पढ़ें- EPS 95 पेंशन में धमाकेदार बढ़ोतरी! पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी – जानें नया अपडेट!
समीक्षा कमेटियों का गठन और उनकी भूमिका
मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने हाल ही में सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों की कार्यशैली की समीक्षा करने के लिए कमेटियां बनाएं। इसके अलावा, सरकारी बोर्ड और निगमों में भी ऐसी समीक्षा कमेटियां गठित की जाएंगी, ताकि नियमों को समान रूप से लागू किया जा सके। इन कमेटियों का मुख्य कार्य कर्मचारियों के प्रदर्शन की जांच करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्णय निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लिया जाए।
नई लिटिगेशन पॉलिसी होगी प्रभावी
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही एक लिटिगेशन पॉलिसी (Litigation Policy) लागू की जाएगी, जिससे कर्मचारियों से जुड़े कानूनी विवादों को कम किया जा सके। इस नीति के तहत प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा और कर्मचारियों को अनावश्यक मुकदमों से बचाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे। इससे सरकारी कर्मचारियों और प्रशासन दोनों को फायदा होगा और सरकारी कामकाज में तेजी आएगी।
2019 में नीति में हुआ था बदलाव
हरियाणा सरकार ने 2019 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की नीति में संशोधन किया था। उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निर्देश दिए थे कि 50 साल से अधिक उम्र के उन कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाए, जिनका प्रदर्शन लगातार खराब रहा है। अब सरकार इस नियम को और प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सख्त करने जा रही है।
यह भी पढ़ें- EPS 95 पेंशन में धमाकेदार बढ़ोतरी! पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी – जानें नया अपडेट!
किन कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल उन कर्मचारियों पर की जाएगी, जिनका प्रदर्शन लंबे समय से खराब रहा है। ऐसे कर्मचारी जो काम में लापरवाही बरतते हैं, समय पर कार्य पूरा नहीं करते या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। यह फैसला सरकारी कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
कर्मचारियों के प्रदर्शन की गहन जांच
समीक्षा कमेटियां कर्मचारियों के पिछले कुछ वर्षों के प्रदर्शन की गहराई से जांच करेंगी। उनके कामकाज, अनुशासन और विभागीय योगदान को आधार बनाकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यदि किसी कर्मचारी का प्रदर्शन लगातार खराब पाया जाता है, तो उसे जबरन रिटायर किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार ने हर संभव उपाय करने की बात कही है।
सरकारी कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
हरियाणा सरकार के इस फैसले पर कर्मचारियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ कर्मचारी इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे कर्मचारियों पर दबाव बनाने की नीति बता रहे हैं। उनका कहना है कि बिना उचित जांच के किसी को भी जबरन सेवानिवृत्त करना अन्यायपूर्ण होगा। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत लागू किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- Pension Calculator: 10 साल नौकरी के बाद कितनी मिलेगी पेंशन? EPF पेंशन कैलकुलेशन का पूरा फॉर्मूला जानें!
सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी
सरकार के इस निर्णय से सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ेगी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। अब कर्मचारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा, अन्यथा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़ सकता है। इस नीति के लागू होने से सरकारी कार्यों में तेजी आने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की संभावना है।