![8th Pay Commission: CRPF ने 8वें वेतन आयोग पर दिए 12 अहम सुझाव – जानें क्या होंगे नए बदलाव!](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/8th-Pay-Commission-news-1024x576.jpg)
केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के बाद से केंद्रीय गृह मंत्रालय से विभिन्न बलों से सुझाव मांगे गए थे। इस संदर्भ में, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उत्तराखंड सेक्टर ने आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर 12 अहम सुझाव प्रस्तुत किए हैं। इनमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को पुनः लागू करने, पैरामिलिट्री भत्ते को बढ़ाने, टैक्स-फ्री जोखिम और राशन भत्ते की मांग सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल हैं।
केंद्रीय बलों द्वारा प्रस्तुत सुझावों में सबसे अहम बिंदु, वेतनमान में सुधार और कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा से संबंधित हैं। विशेष रूप से, द्वितीय कमान अधिकारी (2आईसी) के पे स्केल को लेवल 12 से 13 में अपग्रेड करने की मांग की गई है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता बढ़ाने और शिक्षा भत्ते को आयकर मुक्त करने की मांग भी शामिल है।
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संदर्भ शर्तों का महत्व
वेतन आयोग की संदर्भ शर्तें आयोग के कार्यों को परिभाषित करती हैं और नियोक्ता को कर्मचारियों की समस्याओं को समझने में मदद करती हैं। ये शर्तें आयोग के दायरे, प्रक्रिया और कार्य प्रणाली को स्पष्ट करने का कार्य करती हैं। इसी आधार पर वेतनमान में सुधार और अन्य लाभों का निर्धारण किया जाता है।
वेतन आयोग के गठन और लागू करने की प्रक्रिया
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, जिसकी सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होनी हैं। इससे पहले, आयोग की रिपोर्ट तैयार करने और उसे लागू करने में दो वर्षों से अधिक का समय लगता था। लेकिन अब डिजिटल संसाधनों के माध्यम से अन्य देशों के वेतनमान और वित्तीय नीतियों की समीक्षा करना आसान हो गया है। इस कारण, इस बार प्रक्रिया अपेक्षाकृत तेज़ हो सकती है।
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केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुख प्रस्ताव
- फिटमेंट फैक्टर: इसे न्यूनतम 2.86 तक बढ़ाया जाए।
- पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस): केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए इसे पुनः लागू किया जाए।
- पैरामिलिट्री भत्ता: अन्य सुरक्षा बलों के समान स्तर पर किया जाए।
- वन रैंक, वन पेंशन: इस नीति को लागू किया जाए।
- शिशु शिक्षण भत्ता: इसे स्नातक तक बढ़ाकर आयकर मुक्त किया जाए।
- राशन भत्ता: इसे टैक्स फ्री किया जाए।
- जोखिम भत्ता: इसे भी आयकर की सीमा से बाहर किया जाए।
- अन्य करों से छूट: केंद्रीय कर्मचारियों को रोड टैक्स और वाहन टैक्स से मुक्त किया जाए।
- स्थानांतरण भत्ता: बटालियन मुख्यालय के आधार पर दिया जाए।
- द्वितीय कमान अधिकारी के वेतन में वृद्धि: इसे लेवल 12 से 13 में अपग्रेड किया जाए।
- आवास भत्ता: इसे समान स्तर पर लाया जाए।
- विशेष अवकाश: आश्रित माता-पिता की देखभाल के लिए विशेष छुट्टी दी जाए।
पुरानी पेंशन योजना पर असहमति
विभिन्न केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई है, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। यह मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ की मान्यता दी थी और एनपीएस को हटाने की बात कही थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले रखा है।
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अगले कदम और संभावनाएं
केंद्रीय बलों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट गृह मंत्रालय के माध्यम से वित्त मंत्रालय को भेजी जा रही है। वहां से इन सुझावों का अध्ययन कर सरकार अंतिम निर्णय लेगी। यदि इनमें से कुछ प्रमुख सिफारिशें लागू होती हैं, तो यह केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।