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Rules For Playing Music in Car: कार में तेज म्यूजिक बजाया तो हो सकती है जेल! जानें नए ट्रैफिक नियम

गाड़ी में गाने बजाने के नियमों को अनदेखा करना पड़ सकता है भारी, जानिए क्या कहता है कानून और क्या हो सकती है सजा!

By Saloni uniyal
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भारत में सड़क पर वाहन चलाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम के तहत कई नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना हर वाहन चालक के लिए अनिवार्य होता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम यह भी है कि गाड़ी में तेज आवाज में म्यूजिक बजाने को लेकर कुछ सीमाएं तय की गई हैं। कई बार आपने देखा होगा कि कुछ गाड़ियां बहुत ही तेज म्यूजिक बजाते हुए सड़क पर गुजरती हैं, जिससे आसपास के लोगों को असुविधा होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाड़ी में तेज म्यूजिक बजाने के लिए भी नियम निर्धारित किए गए हैं? अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो यह आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि गाड़ी में म्यूजिक बजाने के लिए क्या नियम बनाए गए हैं और उल्लंघन करने पर क्या सजा हो सकती है।

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क्या कहता है कानून?

अगर आप अपनी कार में बैठकर गाने सुन रहे हैं या कहीं सफर के दौरान म्यूजिक का आनंद ले रहे हैं, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। सीधे तौर पर यह किसी कानून का उल्लंघन नहीं माना जाता। लेकिन यदि गाड़ी में बजने वाली ध्वनि इतनी तेज है कि वह बाहर तक सुनाई दे रही है और इससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है, तो यह मामला कानूनी रूप से दंडनीय हो सकता है।

मोटर वाहन अधिनियम के तहत भले ही इस पर सीधे कोई पाबंदी न हो, लेकिन नॉयज पॉल्यूशन (रेगुलेशन एंड कंट्रोल) रूल्स-2000 के अंतर्गत इस पर कार्रवाई की जा सकती है। इसका मतलब यह है कि यदि आपकी गाड़ी से निकलने वाली आवाज शोर-शराबे की सीमा को पार कर जाती है, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।

कितना तेज बजा सकते हैं म्यूजिक?

भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन यह स्वतंत्रता तब तक ही मान्य होती है जब तक कि यह किसी अन्य व्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा न उत्पन्न करे। इसीलिए गाड़ी में म्यूजिक बजाने का अधिकार तो आपको है, लेकिन यदि उसकी आवाज जरूरत से ज्यादा तेज है और दूसरों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, तो यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आ सकता है।

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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ मानक तय किए हैं। इसके अनुसार:

  • दिन के समय अधिकतम 50 डेसीबल (dB) और रात के समय 45 डेसीबल (dB) तक की आवाज में ही लाउडस्पीकर या अन्य ध्वनि उत्पादक उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है।
  • कार में लगे हुए म्यूजिक सिस्टम भी ध्वनि प्रदूषण के इसी दायरे में आते हैं।
  • यदि आपकी कार में बजने वाला म्यूजिक निर्धारित सीमा से अधिक तेज है, तो यह शोर प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

नियम तोड़ने पर क्या सजा हो सकती है?

अगर कोई व्यक्ति रिहायशी या सार्वजनिक स्थानों पर तेज आवाज में म्यूजिक बजाता है और यह नॉइज़ पॉल्यूशन की निर्धारित सीमा को पार कर जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। कानून के अनुसार:

  • यदि कोई व्यक्ति निर्धारित ध्वनि सीमा का उल्लंघन करता है, तो उसे 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
  • इसके अलावा, इस अपराध के लिए अधिकतम 5 साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है।
  • पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारी इस संबंध में तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं, और जरूरत पड़ने पर म्यूजिक सिस्टम को जब्त भी किया जा सकता है।

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क्या करना चाहिए?

यदि आप गाड़ी में म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • हमेशा मध्यम वॉल्यूम में म्यूजिक सुनें ताकि बाहर बैठे लोगों को असुविधा न हो।
  • रिहायशी इलाकों, अस्पतालों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों के पास म्यूजिक की आवाज को कम रखें।
  • रात के समय तेज म्यूजिक बजाने से बचें क्योंकि यह ध्वनि प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन कर सकता है।
  • यदि ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोका जाए, तो सहयोग करें और नियमों का पालन करें।

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