ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट ने अपने ग्राहकों के लिए एक नया शुल्क लागू किया है, जिससे ऑनलाइन खरीदारी अब थोड़ी महंगी हो सकती है। कंपनी ने ‘प्रोटेक्ट प्रॉमिस फीस’ के तहत कुछ खास इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स जैसे टैबलेट्स, साउंड बार और अन्य उपकरणों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। यह नया शुल्क ग्राहकों को उनके प्रोडक्ट की सुरक्षा के नाम पर देना होगा, जिससे उनकी ऑनलाइन शॉपिंग पर अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है।
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प्रोटेक्ट प्रॉमिस फीस क्या है और कितनी होगी?
फ्लिपकार्ट की नई ‘प्रोटेक्ट प्रॉमिस फीस’ का उद्देश्य खरीदे गए सामान की सुरक्षा को बढ़ाना है। जब कोई प्रोडक्ट वेयरहाउस से ग्राहक तक पहुंचता है, तो यह कई चरणों से गुजरता है, और इसी प्रक्रिया में इसकी सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह शुल्क लागू किया गया है। यह शुल्क नौ रुपए से शुरू होकर 49 रुपए तक हो सकता है, जो खरीदे गए सामान की श्रेणी और उसकी कीमत पर निर्भर करेगा।
किस सामान पर कितना शुल्क लगेगा?
फ्लिपकार्ट के नए नियमों के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग शुल्क तय किए गए हैं। महंगे घरेलू उपकरणों और बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए 49 रुपए तक का शुल्क लिया जाएगा, जबकि मध्यम रेंज के टैबलेट्स और प्रिंटर्स पर 19 रुपए का चार्ज लगेगा। साउंड बार और इसी तरह के अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 29 रुपए, और छोटे ऑडियो प्रोडक्ट्स, स्मार्टवॉच तथा अन्य सस्ते सामानों पर 9 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
ऑफर हैंडलिंग फीस भी लागू
इसके अलावा, फ्लिपकार्ट ने ‘ऑफर हैंडलिंग फीस’ भी शुरू की है, जो 49 रुपए तक हो सकती है। यदि ग्राहक स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो उन्हें 49 रुपए का ‘ऑफर हैंडलिंग शुल्क’ और 59 रुपए का ‘पैकेजिंग शुल्क’ भी देना होगा। डिस्काउंट के तहत खरीदे गए लैपटॉप्स पर भी यह शुल्क लागू किया जा सकता है। जिन प्रोडक्ट्स पर ‘प्रोटेक्ट प्रॉमिस’ शुल्क नहीं है, वहां फ्लिपकार्ट 3 रुपए का ‘प्लेटफॉर्म फीस’ ले रहा है।
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ग्राहकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस नई फीस नीति के कारण ग्राहकों को अब फ्लिपकार्ट से खरीदारी करने में थोड़ा अधिक खर्च करना पड़ेगा। हालांकि, कंपनी का कहना है कि यह शुल्क प्लेटफॉर्म के संचालन को सुचारू बनाने, ग्राहक अनुभव को बेहतर करने और उत्पाद की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए है। इसके अतिरिक्त, ग्राहकों को पहले से मिल रही ‘ओपन बॉक्स डिलीवरी’ की सुविधा भी जारी रहेगी, जहां डिलीवरी एग्जीक्यूटिव ग्राहक के सामने पैकेज खोलकर यह सुनिश्चित करेगा कि प्रोडक्ट सही स्थिति में है या नहीं।
क्या यह फैसला ग्राहकों के लिए सही है?
फ्लिपकार्ट के इस नए कदम से ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों को थोड़ी अतिरिक्त लागत उठानी होगी। हालांकि, कंपनी इस शुल्क को आवश्यक बता रही है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि ग्राहक इस नए बदलाव को कैसे स्वीकार करते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर पहले ही विभिन्न तरह के शुल्क लगाए जाते हैं, और अब ‘प्रोटेक्ट प्रॉमिस’ व ‘ऑफर हैंडलिंग फीस’ जैसे अतिरिक्त चार्जेज ग्राहकों को ज्यादा खर्च करने पर मजबूर कर सकते हैं।