
22 मई 2025 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमतों में देशभर में मामूली अंतर देखने को मिला, लेकिन कुछ शहरों के उपभोक्ताओं को भारी जेब ढीली करनी पड़ी। इस दिन दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर की कीमत ₹853.00 दर्ज की गई, जबकि बिहार की राजधानी पटना में वही सिलेंडर ₹942.50 में बेचा गया। यह अंतर लगभग ₹90 का है, जो उपभोक्ताओं के लिए खासा मायने रखता है।
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें राज्य करों, डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट और ट्रांसपोर्टेशन पर निर्भर करती हैं। Goodreturns और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार, पटना की तुलना में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरों में गैस की कीमतें तुलनात्मक रूप से कम हैं।
किस शहर में कितनी कीमत: देशभर में बड़ा अंतर
इस तारीख को प्रमुख शहरों में 14.2 किलोग्राम घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें कुछ इस प्रकार थीं — मुंबई में ₹852.50, लखनऊ में ₹890.50, वाराणसी में ₹916.50, हैदराबाद में ₹905.00, चेन्नई में ₹868.50, और बेंगलुरु में ₹855.50।
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दिलचस्प बात यह है कि मुंबई, जो भारत का सबसे महंगा शहर माना जाता है, वहां एलपीजी सिलेंडर दिल्ली से भी सस्ता मिला। वहीं, लखनऊ, इंदौर, आगरा जैसे शहरों में कीमतें ₹860 से ₹890 के बीच रहीं।
इससे साफ है कि एलपीजी सिलेंडर की कीमतें केवल केंद्र सरकार द्वारा तय नहीं की जातीं, बल्कि स्थानीय टैक्स और लॉजिस्टिक्स भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।
बजट 2025-26 में एलपीजी सब्सिडी के लिए ₹12,100 करोड़ का प्रावधान
भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में एलपीजी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कुल ₹12,100 करोड़ की राशि आवंटित की है। इस राशि का सबसे बड़ा हिस्सा — ₹9,100 करोड़ — गरीब परिवारों को मुफ्त या रियायती दरों पर नए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए रखा गया है।
इसके अलावा ₹1,200 करोड़ का प्रावधान पिछले वर्षों की सब्सिडी बकाया और पूर्वोत्तर राज्यों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए किया गया है। वहीं, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना PAHAL के तहत एलपीजी सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में भेजने के लिए ₹1,500 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
यह योजना उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और सीधे लाभ देने का एक अहम जरिया रही है और इसे 2014 से लागू किया गया है। इस योजना के जरिए लाखों उपभोक्ताओं को बैंक खातों में सब्सिडी मिलती रही है।
सब्सिडी और कीमतों के बीच संतुलन बनाना चुनौती
हालांकि बजट में एलपीजी सब्सिडी के लिए राशि तय की गई है, लेकिन सब्सिडी की रकम और बाजार कीमतों में तालमेल बैठाना अब भी एक चुनौती है। खासकर ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर रहती हैं और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) पर भी सरकार का फोकस बढ़ रहा है।
एलपीजी गैस अब भी भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में खाना पकाने का प्रमुख साधन है। ऐसे में कीमतों में हर बढ़ोतरी गरीब परिवारों के बजट पर सीधा असर डालती है।
देहरादून सहित अन्य शहरों की कीमतें जानना ज़रूरी
अगर आप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून या अन्य किसी क्षेत्र में रहते हैं और अपने शहर की ताज़ा एलपीजी कीमत जानना चाहते हैं, तो यह जानकारी अब विभिन्न वेबसाइट्स और ऐप्स पर आसानी से उपलब्ध है। सरकार की पहल “माईएलपीजी” पोर्टल और मोबाइल ऐप भी उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान करता है।
यह जरूरी है कि उपभोक्ता अपने क्षेत्र की कीमतें नियमित रूप से जांचते रहें और सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ समय पर लें। कई बार कीमतें हर महीने की पहली तारीख को अपडेट की जाती हैं और कुछ समय अंतराल पर रिवाइज भी होती हैं।
कीमतें भले एक जैसी न हों, लेकिन निगरानी ज़रूरी
22 मई 2025 को मिली एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से यह स्पष्ट हो गया है कि एक देश में अलग-अलग शहरों में गैस के दामों में काफी अंतर हो सकता है। जहां पटना में यह सिलेंडर ₹942.50 में उपलब्ध था, वहीं दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में इसकी कीमत ₹853.00 और ₹852.50 रही।
सरकार की ओर से बजट में एलपीजी सब्सिडी और PAHAL योजना के लिए किए गए प्रावधानों से उम्मीद है कि जरूरतमंद परिवारों को कुछ राहत जरूर मिलेगी। लेकिन तब तक, यह उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे खुद भी कीमतों की जानकारी रखें और योजनाओं का लाभ लें।