
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है। लगभग 210 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली से देहरादून की दूरी को घटाएगा, बल्कि मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और हरिद्वार के लाखों लोगों को जाम से राहत भी देगा।
सफर होगा सिर्फ ढाई घंटे का
अब दिल्ली से देहरादून का सफर घंटों नहीं बल्कि मात्र ढाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा। यह नई सुविधा रोजाना हजारों यात्रियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। वर्तमान में जहां लोगों को पांच से छह घंटे लगते हैं, वहीं अब Expressway के जरिए यह दूरी काफी कम समय में तय की जा सकेगी।
केंद्रीय मंत्री ने की प्रगति की समीक्षा
राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने हाल ही में NHAI (National Highways Authority of India) के अधिकारियों के साथ पूरे दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बचे हुए कार्यों को निर्धारित समय में पूरा किया जाए ताकि इसे जल्द आम जनता के लिए खोल दिया जा सके। मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से यात्रा सिर्फ तेज नहीं बल्कि ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक भी होगी।
किन शहरों को मिलेगा फायदा?
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर बागपत, बड़ौत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जाएगा। इसके अलावा एक डायवर्जन हरिद्वार की ओर भी बनाया जा रहा है, जिससे चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्ता और भी सुगम हो जाएगा।
दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जैसे शहरों के लोगों को सबसे अधिक फायदा होगा क्योंकि उन्हें अब जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। इसके साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और 7 अन्य नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव भी कम हो जाएगा।
100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां
इस हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। इससे न केवल सफर का समय घटेगा, बल्कि यात्रा अधिक आरामदायक भी होगी। प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 12,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील निर्माण
इस परियोजना में पर्यावरण संरक्षण को विशेष प्राथमिकता दी गई है। राजाजी नेशनल पार्क के भीतर 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया गया है, जिसे एशिया का सबसे बड़ा एलिवेटेड कॉरिडोर कहा जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जंगली जानवरों की आवाजाही में किसी प्रकार की बाधा न आए।
NHAI के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का शेष कार्य अगले 2 से 3 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद आम लोग इस हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे पर सफर का आनंद ले सकेंगे।
आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे न केवल ट्रैफिक जाम से राहत देगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और पर्यटन विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। देहरादून और हरिद्वार जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा अब और आसान हो जाएगी। इससे होटल, ट्रांसपोर्ट, फूड और लोकल बिज़नेस में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी।
सरकार की बड़ी कामयाबी और भविष्य की झलक
यह परियोजना केंद्र सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस और तेज गति से हो रहे विकास कार्यों की मिसाल है। Expressway जैसे प्रोजेक्ट्स आने वाले समय में देश के परिवहन नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।