
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें (How to become Software Engineer) – यह सवाल हर उस छात्र के मन में जरूर आता है, जिसे कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी में रुचि है। मौजूदा दौर में भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की भारी मांग है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप कल्चर और तकनीकी विकास के इस युग में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना न सिर्फ एक प्रॉमिसिंग करियर है, बल्कि इसमें तरक्की के भी अपार अवसर हैं। यदि आप 12वीं के बाद इस फील्ड में कदम रखना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी कोर्स करने होंगे और कुछ अहम स्किल्स को सीखना होगा।
कौन-से कोर्स करने होंगे 12वीं के बाद?
12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले छात्र को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान संकाय (PCM) के साथ कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करनी होती है। इसके बाद दो मुख्य रास्ते खुलते हैं – पहला, कंप्यूटर साइंस से बी.टेक (B.Tech in Computer Science) करना और दूसरा, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन यानी बीसीए (BCA) करना।
बी.टेक कोर्स आमतौर पर चार साल का होता है जिसमें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा स्ट्रक्चर, अल्गोरिदम, ऑपरेंटिंग सिस्टम, नेटवर्किंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों की पढ़ाई होती है। वहीं बीसीए तीन साल का कोर्स है जिसमें कंप्यूटर एप्लीकेशन पर फोकस किया जाता है। दोनों कोर्स छात्रों को टेक्निकल और प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
जेईई-मेंस जैसी परीक्षा से मिल सकता है मौका
अगर आप बी.टेक करना चाहते हैं, तो जेईई-मेंस (JEE Mains) जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा पास करनी जरूरी होगी। इसके जरिए आप देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों जैसे एनआईटी, IIIT और सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिला पा सकते हैं। कुछ राज्य स्तरीय परीक्षाएं जैसे MHT-CET, WBJEE, और COMEDK भी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश का माध्यम बन सकती हैं।
वहीं अगर आप बीसीए करना चाहते हैं तो कई यूनिवर्सिटी में 12वीं के अंकों के आधार पर डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। हालांकि कुछ संस्थानों में प्रवेश परीक्षा भी होती है।
कोर्स के बाद इंटर्नशिप और इंडस्ट्री अनुभव जरूरी
सिर्फ डिग्री ले लेने से ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर नहीं बना जा सकता। इस फील्ड में असली अनुभव और स्किल्स का बहुत महत्व है। इसलिए कोर्स के दौरान या बाद में किसी अच्छी आईटी कंपनी में इंटर्नशिप करना बेहद जरूरी होता है। इससे न सिर्फ इंडस्ट्री की कार्यशैली की समझ मिलती है, बल्कि नौकरी के मौके भी बढ़ जाते हैं। कई कंपनियां अपने इंटर्न को ही फुल-टाइम नौकरी का ऑफर दे देती हैं।
कितनी होती है सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी?
अगर आप यह सोच रहे हैं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने पर सैलरी कितनी मिल सकती है, तो आपको बता दें कि एक फ्रेशर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शुरुआती सालाना सैलरी करीब 5 लाख से 10 लाख रुपये तक हो सकती है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, वैसे-वैसे यह पैकेज 20 लाख या उससे भी ऊपर जा सकता है। खासकर अगर आप किसी मल्टीनेशनल कंपनी जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन या फेसबुक में काम करते हैं तो सैलरी का स्तर और भी अधिक हो सकता है।
कंप्यूटर लैंग्वेज सीखना है जरूरी
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सिर्फ डिग्री तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा करियर है जिसमें लगातार सीखते रहना जरूरी होता है। समय-समय पर नई तकनीकों, टूल्स और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी लेना जरूरी है। C, C++, Java, Python जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान न सिर्फ आपकी टेक्निकल स्किल को मजबूत करता है बल्कि ये आपके रिज्यूमे को भी आकर्षक बनाते हैं।
आजकल डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नोलॉजी में भी प्रोग्रामिंग स्किल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसलिए खुद को अपडेट करते रहना इस करियर में लंबे समय तक बने रहने के लिए जरूरी है।
मास्टर्स डिग्री से बनाएं करियर और भी मजबूत
अगर आप ग्रेजुएशन के बाद और भी गहराई से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो आप मास्टर्स कोर्स कर सकते हैं। एमसीए (Master of Computer Applications) या एमटेक (M.Tech in Computer Science) आपके करियर को और ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। ये कोर्स आपको स्पेशलाइजेशन के साथ-साथ रिसर्च और डेवलपमेंट की ओर भी लेकर जाते हैं।