
गर्मी का मौसम आते ही हर कोई राहत पाने के लिए कूलर या एसी की तलाश में लग जाता है। हालांकि, जब बात एयर कूलर की आती है, तो एक बड़ा सवाल सामने आता है – कौन सा कूलर करता है कमरे को ज्यादा ठंडा: लोहा (मेटल) वाला या प्लास्टिक वाला? इस सवाल का जवाब आसान नहीं है, क्योंकि दोनों के अपने-अपने फायदे और सीमाएं हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्लास्टिक और मेटल कूलर (Plastic vs. Metal Air Cooler) में कौन ज्यादा कूलिंग देता है, किसकी कीमत क्या है, और रखरखाव में कौन बेहतर है।
प्लास्टिक और मेटल कूलर में क्या अंतर होता है?
एयर कूलर खरीदते समय ग्राहक आमतौर पर दो विकल्पों में से एक चुनते हैं – प्लास्टिक बॉडी कूलर और मेटल बॉडी कूलर। दोनों की बनावट, परफॉर्मेंस और कीमत में काफी अंतर होता है। प्लास्टिक कूलर आमतौर पर हल्के और किफायती होते हैं, जबकि मेटल कूलर भारी लेकिन मजबूत और शक्तिशाली कूलिंग देने वाले होते हैं।
मेटल कूलर ज्यादा टिकाऊ, लेकिन देखभाल भी जरूरी
मेटल कूलर यानी लोहे या स्टील के बने कूलर लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। इनकी बॉडी मजबूत होती है और यह आसानी से टूटते नहीं। खासकर अगर आपके घर में बड़े कमरे हैं या आप उसे हाफ-आउटडोर सेटअप में इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो मेटल कूलर बेहतर विकल्प साबित होते हैं। हालांकि, समय के साथ इनमें जंग लगने की संभावना रहती है, इसलिए इन्हें अधिक रखरखाव की आवश्यकता होती है। नियमित रूप से पानी की टंकी और पंखों की सफाई जरूरी होती है, ताकि इनकी कार्यक्षमता बनी रहे।
यह भी पढें-क्यों लोहे और प्लास्टिक वाले कूलर से लगता है करंट?
प्लास्टिक कूलर हल्के, सस्ते और कम रखरखाव वाले
दूसरी ओर, प्लास्टिक बॉडी वाले कूलर उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जो अपने कमरे में हल्के और स्टाइलिश डिजाइन पसंद करते हैं। ये कूलर जंग-प्रतिरोधी होते हैं और इन्हें ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती। अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां धूल कम है, तो प्लास्टिक कूलर आपके लिए उपयुक्त रहेगा। इनका वजन कम होता है, इसलिए इन्हें एक कमरे से दूसरे कमरे में ले जाना भी आसान होता है।
कौन देता है बेहतर कूलिंग?
जब बात कूलिंग परफॉर्मेंस की आती है, तो मेटल कूलर थोड़ा आगे निकल जाते हैं। मेटल कूलर में बड़े कूलिंग पैड्स होते हैं और वे तेज गर्मी में भी अधिक प्रभावशाली कूलिंग देते हैं। खासतौर पर खुले या बड़े क्षेत्रों में ये बेहतर काम करते हैं। वहीं, प्लास्टिक कूलर छोटे और मध्यम आकार के कमरों के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं और इनकी कूलिंग कैपेसिटी सीमित होती है।
रखरखाव में कौन बेहतर?
प्लास्टिक कूलर को साफ करना आसान होता है और इनमें जंग लगने का खतरा भी नहीं होता। इसलिए ये उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो कम समय और खर्च में चीजों को मेंटेन करना चाहते हैं। मेटल कूलर टिकाऊ होते हैं, लेकिन इनमें अगर समय रहते सफाई न की जाए, तो जंग लग सकता है और परफॉर्मेंस कम हो सकता है।
कीमत में कौन सस्ता?
अगर बात की जाए कीमत (Price) और बजट (Budget) की, तो प्लास्टिक कूलर बाज़ार में अधिक किफायती रेंज में मिल जाते हैं। कुछ तो ₹3,000-₹5,000 तक के बजट में भी मिल जाते हैं। वहीं, मेटल कूलर की कीमत ₹7,000 से शुरू होकर ₹15,000 तक जा सकती है, जो कि उनके आकार और ब्रांड पर निर्भर करता है। लेकिन इस अधिक कीमत में आपको बेहतर कूलिंग और ज्यादा टिकाऊपन भी मिलता है।
किसका चुनाव करें?
आपके लिए कौन सा कूलर बेहतर है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का उपयोग चाहते हैं। अगर आप इनडोर, कम जगह और हल्के मेंटेनेंस वाले कूलर की तलाश में हैं, तो प्लास्टिक कूलर आपके लिए बेहतर है। लेकिन अगर आपको मजबूत कूलिंग की जरूरत है, खासकर बड़े कमरे या गर्म क्षेत्रों के लिए, तो मेटल कूलर ज्यादा उपयुक्त होगा।
पर्यावरण और ऊर्जा खपत के नजरिए से?
जहां तक रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy और पर्यावरण के लिहाज से देखें, तो दोनों ही कूलर बिजली से चलते हैं, लेकिन मेटल कूलर आमतौर पर ज्यादा बिजली खपत करते हैं क्योंकि इनमें मोटर बड़ी होती है। वहीं, प्लास्टिक कूलर छोटे होते हैं और इनकी ऊर्जा खपत कम होती है। यदि आपके पास सोलर इन्वर्टर है, तो प्लास्टिक कूलर ज्यादा सुविधाजनक रहेंगे।