
जालंधर, 8 मई 2025: राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास (Radha Soami Satsang Dera Beas) से जुड़ी संगत के लिए एक बड़ी और अहम जानकारी सामने आई है। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे मौजूदा तनाव के चलते डेरा ब्यास में 9 मई से 11 मई 2025 तक आयोजित होने वाला दूसरा भंडारा और संबंधित सत्संग कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश और विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की ब्यास आने की योजना थी, लेकिन सुरक्षा कारणों और वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए यह बड़ा निर्णय लिया गया है।
सवाल-जवाब सत्र और मुख्य सत्संग भी रद्द
इस रद्द कार्यक्रम में खासतौर पर 9 और 10 मई को प्रस्तावित सवाल-जवाब (Q&A) सत्र और 11 मई को निर्धारित मुख्य सत्संग अब नहीं होंगे। डेरा की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन सभी कार्यक्रमों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है और नई तारीखों के बारे में समय आने पर जानकारी दी जाएगी।
सत्संग में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालु पहले ही यात्रा की तैयारी कर चुके थे। इस सूचना के बाद डेरा प्रशासन ने संगत से अपील की है कि कोई भी श्रद्धालु अब ब्यास की ओर यात्रा न करे।
संगत से संयम और सहयोग की अपील
डेरा प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से यह विशेष अनुरोध किया है कि वे मौजूदा हालात को समझें और संयम बनाए रखें। वर्तमान स्थिति को देखते हुए किसी भी तरह की यात्रा या भीड़भाड़ न करने की सख्त सलाह दी गई है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि यह निर्णय संगत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हालात की गंभीरता को समझते हुए लिया गया है। सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वे केवल डेरा की आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें और सोशल मीडिया पर फैल रही किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
सेवादारों को भी रोकने के निर्देश
डेरा ब्यास के इस बड़े आयोजन के लिए पूरे देश से हज़ारों सेवादारों की टीम ब्यास पहुंचने वाली थी, जिन्हें अब तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए गए हैं। जिन सेवादारों की ड्यूटी पहले से निर्धारित थी, उन्हें कहा गया है कि वे अपने-अपने स्थानों पर ही बने रहें और किसी भी प्रकार की यात्रा से बचें।
यह निर्णय दर्शाता है कि डेरा प्रशासन न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को महत्व देता है, बल्कि उनकी सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता देता है।
सूचना को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने की अपील
डेरा प्रशासन ने संगत से विशेष रूप से अपील की है कि इस सूचना को अपने-अपने स्तर पर अधिक से अधिक श्रद्धालुओं तक जल्द से जल्द पहुँचाएं। इसका उद्देश्य यही है कि कोई भी व्यक्ति जानकारी के अभाव में ब्यास की यात्रा न कर बैठे।
डेरा ब्यास हमेशा से अनुशासन, आध्यात्मिकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक रहा है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह निर्णय लिया गया है।
राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास: आध्यात्मिक केंद्र के रूप में महत्व
राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र है, जहां लाखों लोग जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने, मानसिक शांति पाने और समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाने के उद्देश्य से एकत्र होते हैं।
डेरा का भंडारा एक विशाल आयोजन होता है जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ कई लाख तक पहुंचती है। इस आयोजन में न केवल आध्यात्मिक प्रवचन होते हैं, बल्कि समाज सेवा, अनुशासन और सेवा-भाव का भी जीवंत उदाहरण देखने को मिलता है।
राष्ट्रीय हालात के बीच लिया गया जिम्मेदार निर्णय
भारत-पाकिस्तान के बीच इन दिनों जो तनाव चल रहा है, उसके चलते यह निर्णय कहीं न कहीं यह भी दर्शाता है कि डेरा ब्यास सिर्फ एक धार्मिक या आध्यात्मिक संस्था नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार सामाजिक संगठन भी है।
इस निर्णय से जहां श्रद्धालुओं को थोड़ी असुविधा हो सकती है, वहीं इससे यह भी स्पष्ट होता है कि संस्था किसी भी स्थिति में मानव जीवन और समाज के हित को प्राथमिकता देती है।
भविष्य में कार्यक्रमों की सूचना आधिकारिक चैनलों से प्राप्त करें
डेरा प्रशासन ने यह भी कहा है कि भविष्य में जब हालात सामान्य होंगे, तब नए कार्यक्रमों की जानकारी आधिकारिक चैनलों के माध्यम से साझा की जाएगी। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें।