
भारत में केसर की खेती (Saffron Farming) अब सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं रही है। इसकी खेती अब हिमाचल, उत्तराखंड और यहां तक कि हरियाणा जैसे राज्यों में भी की जाने लगी है। खास बात यह है कि इसकी कीमत 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है, जिससे किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। अगर आप भी खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
क्यों खास है केसर की खेती?
केसर, जिसे ‘रेड गोल्ड’ भी कहा जाता है, दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है। इसका उपयोग औषधीय, कॉस्मेटिक, फूड इंडस्ट्री और पूजा-पाठ जैसे कई क्षेत्रों में किया जाता है। केसर की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, और आप कम जमीन में भी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
किन जगहों पर होती है केसर की खेती?
भारत में केसर की पारंपरिक खेती जम्मू-कश्मीर के पंपोर, श्रीनगर और कुपवाड़ा क्षेत्रों में की जाती है। लेकिन अब बदलते जलवायु तकनीकों और वैज्ञानिक खेती के तरीकों के चलते इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में भी की जा रही है। जिन क्षेत्रों का तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और जहां ठंडी और सूखी जलवायु हो, वहां इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
केसर की खेती के लिए जरूरी जलवायु और मिट्टी
Saffron Farming के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी दोमट (Loamy Soil) मानी जाती है। मिट्टी का pH लेवल 6 से 8 के बीच होना चाहिए। यह खट्टे या बहुत क्षारीय मृदा में नहीं उगता। इसके अलावा, इसे सूखी और ठंडी जलवायु की जरूरत होती है। खेती के लिए वह क्षेत्र चुना जाना चाहिए जहां बारिश बहुत कम हो और नमी नियंत्रण में रहे।
केसर की बुवाई का सही समय और तरीका
केसर बीज से नहीं बल्कि ‘Corms’ यानी बल्ब से उगता है। जुलाई से अगस्त के बीच बल्बों की बुवाई का सबसे अच्छा समय होता है। बल्बों को 10 सेमी गहराई और 10-15 सेमी की दूरी पर रोपना चाहिए। ध्यान रखें कि इन बल्बों में अत्यधिक नमी न पहुंचे, वरना वे सड़ सकते हैं। इसलिए सिंचाई को लेकर सावधानी बरतनी होती है। जरूरत के अनुसार ही पानी दें और जलभराव से बचाएं।
फूल आने का समय और केसर निकालने की प्रक्रिया
Saffron Flowers अक्टूबर से नवंबर के बीच खिलते हैं। हर फूल में तीन लाल रंग के रेशे होते हैं, जिन्हें ही केसर कहा जाता है। फूलों को सुबह के समय तोड़ना सबसे अच्छा रहता है क्योंकि उस समय इनमें नमी कम होती है। फूलों से रेशे निकालकर उन्हें छांव में सुखाया जाता है और फिर एयरटाइट कंटेनर में संग्रहित किया जाता है, जिससे इनकी गुणवत्ता बनी रहती है।
कितनी आती है लागत और कितना होता है मुनाफा?
अगर आप एक एकड़ जमीन में केसर की खेती करते हैं तो इसकी शुरुआती लागत 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकती है। इसमें बल्ब की खरीद, खेत की तैयारी, सिंचाई और श्रम का खर्च शामिल होता है। अच्छी देखभाल और वैज्ञानिक तरीके अपनाने पर आप एक एकड़ से 1 से 1.5 किलोग्राम केसर प्राप्त कर सकते हैं। मार्केट में इसकी कीमत 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक है, यानी एक एकड़ से आप आसानी से 5 से 7 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
कैसे करें केसर की खेती की शुरुआत?
अगर आप इस खेती में कदम रखना चाहते हैं तो शुरुआत में कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें। वे आपको प्रशिक्षण, बल्ब उपलब्धता और मार्केट से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं। आप चाहें तो Contract Farming का विकल्प भी चुन सकते हैं जिससे उत्पाद की बिक्री की समस्या नहीं आएगी।
केसर की खेती बन सकती है कमाई का नया जरिया
Saffron Farming न केवल पारंपरिक खेती से हटकर एक नया विकल्प है, बल्कि यह किसानों के लिए एक शानदार बिजनेस मॉडल भी बन सकती है। कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली यह खेती युवा किसानों और स्टार्टअप एग्रीप्रेन्योर के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रही है।