
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PM Awas Yojana-Gramin) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जो लाखों जरूरतमंद लोगों के लिए राहत भरी है। अब इस योजना के तहत पात्रता की शर्तों में तीन अहम बदलाव किए गए हैं। यानी अब सिर्फ 10 मानदंडों पर ही आवेदकों की पात्रता तय होगी। सरकार का उद्देश्य है कि इस बदलाव से अधिक से अधिक लोगों को पक्का घर मिलने का लाभ मिल सके। आवास सर्वे का कार्य फिलहाल जारी है और इसकी अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर अब 15 मई 2025 कर दिया गया है।
पीएम आवास योजना-ग्रामीण: सरकार ने आसान की पात्रता
PMAY-G योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ऐसे लोगों को घर उपलब्ध कराना है जिनके पास खुद का आवास नहीं है या जिनके पास रहने की अत्यधिक असुविधाजनक व्यवस्था है। अब तक इस योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए कुल 13 मापदंड तय किए गए थे। इन शर्तों के आधार पर ही यह तय होता था कि कौन इस योजना का लाभ पाने का पात्र है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने तीन शर्तें हटा दी हैं और आय सीमा को भी संशोधित किया गया है।
पहले थे 13 मापदंड, अब केवल 10
पुरानी व्यवस्था में जिन परिवारों के पास मोटरसाइकिल, नाव, या फिर मासिक आय ₹10,000 से अधिक थी, उन्हें इस योजना से बाहर कर दिया जाता था। लेकिन अब इन तीनों मापदंडों को योजना से हटा दिया गया है। यानी अगर आपके पास टू-व्हीलर या नाव है, तब भी आप इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। साथ ही मासिक आय की सीमा भी अब ₹15,000 कर दी गई है, जिससे ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।
पीएम आवास योजना में अब ज्यादा लोगों को मिलेगा लाभ
सरकार द्वारा की गई यह ढील उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी जो मामूली मजदूरी या स्वरोजगार कर किसी तरह गुजारा करते हैं लेकिन पहले आय सीमा या अन्य शर्तों की वजह से योजना से बाहर रह जाते थे। अब ऐसे लोग भी योजना के तहत 1.20 लाख रुपये (या पहाड़ी क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये) की सहायता राशि प्राप्त कर पक्का घर बना सकेंगे।
सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आधार पर तय होती है पात्रता
PM Awas Yojana-Gramin की पात्रता सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 (SECC 2011) के आधार पर तय होती है। यानी सरकार उन परिवारों को प्राथमिकता देती है जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। इस जनगणना के डेटा के आधार पर ही यह निर्धारित किया जाता है कि कौन-से परिवार आर्थिक रूप से कमजोर और आवासहीन हैं।
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आवास सर्वे की तारीख 15 मई तक बढ़ी
PMAY-G के तहत घर प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी प्रक्रिया है “आवास सर्वे”। पहले इसकी अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2025 निर्धारित थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 मई 2025 कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि कई जरूरतमंद लोग जानकारी के अभाव या अन्य कारणों से सर्वे में शामिल नहीं हो पाए हैं, इसलिए उन्हें एक और मौका दिया गया है।
सरकार की मंशा: हर जरूरतमंद को मिले पक्का घर
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से देश के हर गरीब नागरिक को 2024-25 तक पक्का घर देने के लक्ष्य पर काम कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के तहत अब तक करोड़ों घरों का निर्माण हो चुका है और लगातार नए लाभार्थियों को शामिल किया जा रहा है। सरकार की ओर से किए गए ये बदलाव इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
PMAY-G में महिलाओं को मिलती है प्राथमिकता
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया जाता है। अगर परिवार की मुखिया महिला है और उसके पास कोई पुरुष सदस्य नहीं है, तो उसे योजना में प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा विधवा महिलाएं, विकलांग सदस्य वाला परिवार, भूमिहीन परिवार आदि को भी योजना में वरीयता दी जाती है।
डिजिटल माध्यम से बढ़ रहा है आवेदन का दायरा
सरकार इस योजना के तहत आवेदन और सर्वे की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों का भी सहारा ले रही है। ऑनलाइन पोर्टल्स और मोबाइल एप्स के माध्यम से आवास सर्वे की जानकारी एकत्र की जा रही है और लाभार्थियों की सूची को भी डिजिटल माध्यम से अपडेट किया जा रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा मजबूती
PMAY-G जैसे योजनाओं से न केवल जरूरतमंद लोगों को छत मिलती है, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी सृजित होता है। घरों के निर्माण कार्य में स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिलता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। साथ ही निर्माण सामग्री की मांग बढ़ने से कई अन्य सेक्टर्स को भी फायदा होता है।
जल्द कराएं आवास सर्वे, बढ़ी हुई आय सीमा का उठाएं लाभ
अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित रह गए हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है। अब शर्तें पहले से आसान कर दी गई हैं और अंतिम तिथि भी बढ़ा दी गई है। बस समय रहते आवास सर्वे में अपना नाम दर्ज कराएं और 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि प्राप्त करने की दिशा में एक कदम बढ़ाएं।