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Voter ID News: पाकिस्तानी नागरिक ने बनवाया भारतीय वोटर कार्ड, जानें वोटर कार्ड बनवाने के नियम और योग्यता

क्या विदेशी नागरिक भी भारत में बनवा सकते हैं वोटर ID और डाल सकते हैं वोट? जानिए इस हैरान कर देने वाले मामले की पूरी सच्चाई, वोटर कार्ड के नियम और कैसे होती है नागरिकता की जांच।

By Saloni uniyal
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Voter ID News: पाकिस्तानी नागरिक ने बनवाया भारतीय वोटर कार्ड, जानें वोटर कार्ड बनवाने के नियम और योग्यता
Voter ID News: पाकिस्तानी नागरिक ने बनवाया भारतीय वोटर कार्ड, जानें वोटर कार्ड बनवाने के नियम और योग्यता

पाकिस्तानी नागरिक ओसामा ने हाल ही में एक वीडियो के माध्यम से यह दावा किया था कि उसने जम्मू कश्मीर में हुए चुनावों में वोट डाला है, जबकि उसकी नागरिकता पाकिस्तान की है। इस दावे के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू की। इस घटना ने देश भर में हड़कंप मचाया, और लोगों ने सवाल उठाया कि क्या कोई पाकिस्तान का नागरिक भारत के चुनावों में वोट डाल सकता है। इस स्थिति में चुनाव आयोग के नियमों और प्रक्रिया को समझना बेहद जरूरी हो गया है।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब ओसामा ने बताया कि वह 2008 में पाकिस्तान के रावलपिंडी से भारत के जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले के उरी क्षेत्र में आकर बस गया था। ओसामा के इस वीडियो के बाद बारामूला के जिला चुनाव अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया और चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। इसने यह सवाल खड़ा किया कि क्या कोई पाकिस्तान का नागरिक भारतीय चुनाव में वोट डालने के योग्य हो सकता है, जबकि भारतीय संविधान और चुनाव कानून इसके खिलाफ हैं।

भारतीय नागरिकता के तहत वोट डालने का अधिकार

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल वही व्यक्ति जो भारतीय नागरिक है, वह ही लोकसभा, राज्यसभा और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनावों में मतदान कर सकता है। इसका मतलब यह है कि विदेशी नागरिकों, विशेषकर पाकिस्तान जैसे देशों के नागरिकों के लिए भारतीय चुनावों में वोट डालना पूरी तरह से असंभव है।

Representation of the People Act, 1950 के तहत मतदाता योग्यताएँ

Representation of the People (RP) Act, 1950 की धारा 16 के तहत ऐसे कई कारण बताए गए हैं जिनके आधार पर किसी व्यक्ति को भारतीय मतदाता सूची में शामिल करने से रोका जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि व्यक्ति को भारतीय नागरिक होना चाहिए। इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित किया गया हो या चुनावी गड़बड़ी के कारण उसे वोट डालने से अयोग्य ठहराया गया हो, तो उसका नाम मतदाता सूची में नहीं डाला जाएगा।

इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग के द्वारा निर्धारित फॉर्म 6 में नागरिकता की घोषणा करना अनिवार्य है। इसमें व्यक्ति को अपनी उम्र, पता और नागरिकता की जानकारी देनी होती है। इस फॉर्म में नागरिकता के संबंध में दी गई जानकारी यदि गलत पाई जाती है, तो चुनाव आयोग भारतीय नागरिकता के दावे पर विचार करते हुए कार्रवाई कर सकता है।

ERO का काम और नागरिकता की जांच

जब किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में डाला जाता है, तो Electoral Registration Officer (ERO) यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति भारतीय नागरिक है। अगर किसी व्यक्ति का आवेदन संदिग्ध होता है या उस पर कोई आपत्ति आती है, तो ERO उस व्यक्ति से नागरिकता प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज मांग सकता है। यदि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक नहीं पाया जाता है, तो उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है।

हालांकि, चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी आवेदन करने वाले पर होती है। यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ यह आरोप लगाया जाता है कि वह भारतीय नागरिक नहीं है, तो आरोप साबित करने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होती है, जो शिकायत करता है।

आधार और वोटर आईडी कार्ड की लिंकिंग

चुनाव आयोग ने एक नई पहल की योजना बनाई है, जिसके तहत आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल भारतीय नागरिक ही चुनावों में मतदान कर सकेंगे। यदि किसी व्यक्ति के पास पाकिस्तान जैसे विदेशी देश का नागरिकता प्रमाण पत्र होगा, तो उसे वोटर आईडी कार्ड नहीं मिलेगा, और ऐसे व्यक्तियों को मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।

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