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जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला! किसानों को भी मिला बड़ा तोहफा

मोदी सरकार का बड़ा फैसला जाति जनगणना को मिली मंजूरी, गन्ना किसानों के लिए FRP बढ़ाकर 355 रुपये किया गया। साथ ही 22,864 करोड़ की लागत से शिलॉन्ग-सिलचर हाईवे को भी हरी झंडी! जानिए कैसे ये फैसले बदल सकते हैं आपकी जिंदगी, सामाजिक संतुलन और देश की दिशा अभी पढ़ें पूरी रिपोर्ट!

By Saloni uniyal
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जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला! किसानों को भी मिला बड़ा तोहफा
जाति जनगणना को लेकर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला! किसानों को भी मिला बड़ा तोहफा

दिल्ली में बुधवार, 30 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जाति जनगणना (Caste Census) कराने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि यह जनगणना देश की मूल जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा होगी और इसे आगामी जनगणना में सम्मिलित किया जाएगा।

जाति जनगणना पर केंद्र का बड़ा ऐलान, कांग्रेस पर निशाना

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि 1947 के बाद पहली बार जाति जनगणना (Caste Census) को आधिकारिक रूप से जनगणना का हिस्सा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस और यूपीए सरकारों ने केवल राजनीतिक लाभ के लिए जाति सर्वे (Caste Survey) कराया था।

अश्विनी वैष्णव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जाति जनगणना को कभी गंभीरता से नहीं लिया और केवल कुछ राज्यों में राजनीति के चश्मे से जातिगत सर्वेक्षण कराए। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने इसे संविधान और सामाजिक न्याय के नजरिए से देखा है और इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय जनगणना में औपचारिक रूप से सम्मिलित करने का निर्णय लिया है।

किसानों को लेकर भी बड़ी घोषणाएं, गन्ने का FRP बढ़ाया गया

मोदी कैबिनेट की बैठक में गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के लिए भी राहत भरी खबर आई। सरकार ने गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP – Fair and Remunerative Price) बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह नया FRP 2025-26 की चीनी सीजन के लिए तय किया गया है और इसे बेंचमार्क मूल्य के रूप में लागू किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे कम कीमत पर चीनी मिलें किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकेंगी। यह फैसला सीधे तौर पर देश के करोड़ों गन्ना किसानों को राहत देगा और उनकी आय में सुधार करेगा।

पूर्वोत्तर भारत को मिला नया इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट, शिलॉन्ग से सिलचर हाईवे को मंजूरी

कैबिनेट मीटिंग में पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को मजबूती देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। शिलॉन्ग से सिलचर तक 166.8 किलोमीटर लंबा 4-लेन हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है।

यह हाई स्पीड कॉरिडोर (High-Speed Corridor) मेघालय और असम को जोड़ेगा और इस पर अनुमानित 22,864 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजना से क्षेत्रीय संपर्क बेहतर होगा, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

मोदी कैबिनेट के फैसले से बदलेगा देश का सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य

केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस पहल से न केवल विभिन्न जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का वास्तविक डेटा उपलब्ध होगा, बल्कि इससे सरकार को योजनाओं की प्लानिंग में भी मदद मिलेगी।

वहीं, गन्ना किसानों के लिए FRP में वृद्धि और पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की घोषणाएं सरकार की किसान और विकास केंद्रित नीति को रेखांकित करती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए ये निर्णय न सिर्फ सामाजिक संतुलन की दिशा में कारगर साबित होंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगे।

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