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जमीन रजिस्ट्री सिस्टम में 10 बड़े बदलाव, अब 500 में होगी ये रजिस्ट्री, प्रॉपर्टी भी होगी आधार से लिंक

छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई अहम बदलाव किए हैं, जो 2025 से लागू हो रहे हैं। जानिए कैसे ये बदलाव आपकी रजिस्ट्री को और भी तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाएंगे, और कैसे आपको मिलेगा एक डिजिटल और भ्रष्टाचारमुक्त अनुभव!

By Saloni uniyal
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जमीन रजिस्ट्री सिस्टम में 10 बड़े बदलाव, अब 500 में होगी ये रजिस्ट्री, प्रॉपर्टी भी होगी आधार से लिंक
जमीन रजिस्ट्री सिस्टम में 10 बड़े बदलाव, अब 500 में होगी ये रजिस्ट्री, प्रॉपर्टी भी होगी आधार से लिंक

छत्तीसगढ़ सरकार ने 2025 से प्रभावी होने वाले अपनी जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में उठाया गया है। इन बदलावों से न केवल नागरिकों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। नए नियमों के तहत, रजिस्ट्री की प्रक्रिया और भी तेज और आसान हो जाएगी, जिससे राज्य के लोगों को लंबे इंतजार और दफ्तरों की भीड़-भाड़ से मुक्ति मिलेगी।

रजिस्ट्री शुल्क में बदलाव

इन बदलावों में पहला बड़ा बदलाव रजिस्ट्री शुल्क से संबंधित है। अब दान, हक त्याग और बंटवारे जैसी प्रक्रियाओं पर ₹500 का शुल्क लिया जाएगा, जबकि पहले यह शुल्क 0.8% था। हालांकि, स्टांप ड्यूटी की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दान और हक त्याग पर 0.5% की स्टांप ड्यूटी जबकि बंटवारे पर 2% की स्टांप ड्यूटी पहले की तरह लागू रहेगी। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो संपत्ति में परिवर्तन या बंटवारे से जुड़े मामलों में कमीशन का भुगतान करते थे।

घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा

इसके अलावा, राज्य सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत अब लोग घर बैठे रजिस्ट्री कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा, लेकिन यह सुविधा प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी। अब लोगों को लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल रजिस्ट्री की इस पहल से लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर से रजिस्ट्री का काम करा सकते हैं, जिससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

आधार कार्ड से लिंकिंग और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

नए बदलावों में आधार कार्ड से लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। अब रजिस्ट्री के समय आधार कार्ड से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होगा, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की संभावना खत्म हो जाएगी। यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाएगा, जिससे नागरिकों का विश्वास और बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त, रजिस्ट्री प्रक्रिया की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जिसमें खरीदार और विक्रेता के बयान भी रिकॉर्ड होंगे, जो किसी विवाद की स्थिति में अहम सबूत साबित हो सकते हैं।

डिजिटल पेमेंट की सुविधा

अब रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान डिजिटल पेमेंट गेटवे के माध्यम से किया जाएगा। नकद लेन-देन को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, और लोग अधिक सुविधाजनक तरीके से अपना कार्य संपन्न कर सकेंगे। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति निर्धारित टाइम स्लॉट से बाहर रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो इसके लिए ₹15,000 का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। यह कदम अधिकारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने और समय प्रबंधन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

पंजीयन विभाग में पदों की भर्ती

राज्य सरकार ने पंजीयन विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के 85 पदों पर भर्ती करने का भी फैसला लिया है। इससे विभाग की कार्यक्षमता में सुधार होगा और रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाया जाएगा। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार ने “सुगम एप” लॉन्च किया है, जिससे लोग रजिस्ट्री प्रक्रिया को ऑनलाइन और पेपरलेस तरीके से कर सकते हैं। यह एप रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाएगा, और नागरिकों को एक नई डिजिटल सुविधा प्रदान करेगा।

डिजिटलीकरण की दिशा में एक और कदम

इन बदलावों से यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ सरकार रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटलीकरण की ओर अग्रसर करने में गंभीर है। इसके जरिए न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, बल्कि आम नागरिकों के लिए प्रक्रिया भी सरल और सुलभ हो जाएगी। यह पहल छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, और यह एक डिजिटल और भ्रष्टाचारमुक्त भविष्य की ओर कदम बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

छत्तीसगढ़ की रजिस्ट्री प्रक्रिया का भविष्य

इस डिजिटल बदलाव से छत्तीसगढ़ की रजिस्ट्री प्रक्रिया भारत के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकती है। साथ ही, यह बदलाव राज्य के नागरिकों के लिए अधिक पारदर्शिता, सुरक्षा और सुलभता लाएगा, जिससे लोग भूमि रजिस्ट्री के काम को आसानी से और बिना किसी समस्या के पूरा कर सकेंगे।

कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ सरकार के इन नए बदलावों का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल बनाना है। यह कदम निश्चित रूप से राज्य के नागरिकों के लिए एक राहतकारी बदलाव साबित होगा, जो एक सुगम और भ्रष्टाचारमुक्त भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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