
राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही तारबंदी योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। किसानों को अब अपनी फसलों को नीलगाय, जंगली जानवरों और निराश्रित पशुओं से बचाने के लिए और भी आसान शर्तों पर लाभ मिल सकेगा। तारबंदी योजना के तहत अब न्यूनतम भूमि सीमा में छूट दी गई है और आवेदन की प्रक्रिया भी पहले से अधिक सरल कर दी गई है। कृषि विभाग द्वारा जारी नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्ष 2025-26 के लिए किसानों को नए नियमों के तहत आवेदन करना होगा।
अब आधा हैक्टेयर भूमि पर भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि पहले किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए एक ही स्थान पर कम से कम 1.5 हैक्टेयर भूमि होना अनिवार्य था। लेकिन अब सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए इस नियम में शिथिलता दी है। अब व्यक्तिगत या समूह में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर (लगभग दो बीघा) भूमि होने पर भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह बदलाव किसानों की सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ऐसे मिलेगा किसानों को अनुदान
सहायक निदेशक कृषि विस्तार डॉ. धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि यदि कोई किसान समूह बनाकर कम से कम 10 किसान मिलकर कुल 5 हैक्टेयर भूमि पर तारबंदी करवाते हैं तो उन्हें 70% अनुदान दिया जाएगा। प्रत्येक किसान को अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56000 रुपये की अनुदान राशि मिलेगी।
वहीं, व्यक्तिगत स्तर पर या समूह में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि की परिधि में तारबंदी करने पर लघु और सीमांत किसानों को प्रति किसान 400 रनिंग मीटर पर अधिकतम 48000 रुपये तथा सामान्य किसानों को 40000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
खेतों की तारबंदी करते समय इन बातों का रखें ध्यान
तारबंदी करते समय किसानों को कुछ तकनीकी मानकों का पालन करना आवश्यक होगा। सहायक निदेशक राठौड़ ने बताया कि खेतों की तारबंदी करते समय प्रत्येक 15 फीट की दूरी पर खम्भे लगाना अनिवार्य है। इसके साथ ही 5 कांटेदार तार आड़े और 2 कांटेदार तार क्रॉस में लगाने होंगे या फिर चैनलिंक जाली का भी उपयोग किया जा सकता है।
खम्भों के स्थायित्व के लिए जमीन में पीसीसी (Plain Cement Concrete) करवाना अनिवार्य किया गया है। किसानों को तारबंदी के पूरे कार्य के बिल और व्यय की रसीदें सुरक्षित रखनी होंगी, ताकि भौतिक सत्यापन के समय उसे प्रस्तुत किया जा सके। कार्य पूर्ण होने के उपरांत कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षक द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा, जो राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किसान अपने आवेदन कर सकते हैं। कृषि अधिकारी एवं योजना प्रभारी कजोड़ मल गुर्जर ने बताया कि इच्छुक किसान नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस, जमाबंदी, जन आधार कार्ड तथा लघु एवं सीमांत प्रमाण पत्र के साथ अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर या स्वयं पोर्टल पर लॉगिन कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे और प्राथमिकता से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी।
इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और किसानों तक सीधे अनुदान पहुंचाना है। इससे किसानों को बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा और सरकारी योजना का वास्तविक लाभ जरूरतमंद किसानों तक पहुँचेगा।
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
तारबंदी योजना में हुए इस बदलाव से अब अधिक से अधिक छोटे और सीमांत किसान भी अपनी फसलों की रक्षा के लिए तारबंदी करवा सकेंगे। सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान राशि से किसानों पर वित्तीय बोझ भी कम होगा और फसल सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। सही समय पर ऑनलाइन आवेदन कर किसान इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।