
बिहार सरकार ने मुर्गी पालन (Poultry Farming) को बढ़ावा देने और ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने एक नई महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत बायलर और लेयर मुर्गी पालन (Broiler and Layer Poultry Farming) करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता और अनुदान दिया जा रहा है। यह योजना विशेष रूप से उन ग्रामीण युवाओं और छोटे किसानों के लिए तैयार की गई है जो स्वरोजगार की तलाश में हैं।
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बायलर मुर्गी पालन पर मिलेगा सरकार से अनुदान
रोहतास जिले के भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिषेक आनंद ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अगर कोई किसान 3,000 बायलर मुर्गियों की यूनिट लगाना चाहता है, तो इसके लिए कुल लागत 10 लाख रुपये आंकी गई है। इस पर सामान्य वर्ग के किसानों को 30 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा, जबकि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के किसानों को 40 प्रतिशत तक का सब्सिडी (Subsidy) मिलेगा। इस सहायता से किसानों को प्रोजेक्ट शुरू करने में बड़ी राहत मिलेगी।
लेयर मुर्गी पालन के लिए मिलेंगे लाखों में अनुदान
लेयर मुर्गी पालन के इच्छुक किसानों के लिए भी सरकार की ओर से बड़ा प्रावधान किया गया है। यदि कोई किसान 5,000 लेयर मुर्गियों की यूनिट लगाना चाहता है, तो इसकी अनुमानित लागत 48 लाख रुपये रखी गई है। वहीं, 10,000 लेयर मुर्गियों की यूनिट की लागत 98 लाख रुपये होगी। इन दोनों ही योजनाओं पर भी सामान्य वर्ग को 30 प्रतिशत और एससी-एसटी वर्ग को 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। यह राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
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योजना के लिए जरूरी है प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने कुछ जरूरी शर्तें भी रखी हैं। सबसे अहम शर्त है कि लाभार्थी को कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) या बिहार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय (Bihar Animal Sciences University) या किसी अन्य मान्यता प्राप्त सरकारी संस्था से कम से कम पांच दिनों का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जो आवेदन के समय प्रस्तुत करना जरूरी होगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
डॉ. अभिषेक आनंद ने बताया कि यह योजना सिर्फ एक रोजगार योजना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को मजबूती देने का एक प्रयास है। मुर्गी पालन से न सिर्फ स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि अंडा और मांस (Egg and Meat Supply) की स्थानीय स्तर पर आपूर्ति बेहतर होगी। इससे गांवों में खाद्य सुरक्षा और पोषण स्तर में भी सुधार आएगा।
मुर्गी पालन से जुड़ें और बनें आत्मनिर्भर
बिहार सरकार की यह योजना आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के सपनों को साकार करने में मदद कर सकती है। स्वरोजगार की दिशा में यह एक बड़ा कदम है, जो न केवल बेरोजगारी को कम करेगा, बल्कि राज्य के पोल्ट्री उद्योग को भी नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा। अगर आप भी मुर्गी पालन शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए बेहद अनुकूल है।
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पोल्ट्री उद्योग में निवेश की बढ़ रही संभावनाएं
देशभर में पोल्ट्री उद्योग (Poultry Industry) तेजी से विकास कर रहा है। बिहार जैसे राज्य में इस उद्योग की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां की जनसंख्या घनत्व और अंडा-मांस की मांग दोनों ही अधिक है। इस योजना से किसानों को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि वे एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
सरकार की योजना से जुड़ने का तरीका
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान या युवा आवेदन से पहले अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। वहां से उन्हें प्रशिक्षण की जानकारी, आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेजों की सूची प्राप्त होगी। योजना पूरी तरह पारदर्शी है और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से लाभार्थियों को जोड़ा जा रहा है।