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Robert Vadra Net Worth: इतने करोड़ के मालिक हैं सोनिया गांधी के दामाद, प्रॉपर्टी जानकर रह जाएंगे हैरान!

DLF और बीकानेर लैंड स्कैम में फंसे सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को ED ने दोबारा भेजा समनक्या करोड़ों की डील के पीछे छुपा है बड़ा घोटाला? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें आगे...

By Saloni uniyal
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DLF और बीकानेर लैंड स्कैम में फंसे सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को ED ने दोबारा भेजा समन—क्या करोड़ों की डील के पीछे छुपा है बड़ा घोटाला? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें आगे...
Robert Vadra Net Worth: इतने करोड़ के मालिक हैं सोनिया गांधी के दामाद, प्रॉपर्टी जानकर रह जाएंगे हैरान!

Robert Vadra Net Worth एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि हरियाणा लैंड स्कैम (Haryana Land Scam) मामले में रॉबर्ट वाड्रा की परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें दूसरी बार समन भेजा है और सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले 8 अप्रैल को भी उन्हें तलब किया गया था, लेकिन वाड्रा ED के समक्ष पेश नहीं हुए थे।

रॉबर्ट वाड्रा की कुल संपत्ति कितनी है?

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा की कुल संपत्ति की बात करें तो ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी संपत्ति लगभग $2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 17,250 करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि इस आंकड़े में उनकी कथित बेनामी संपत्तियों का विवरण शामिल नहीं है। कहा जा रहा है कि उनकी वास्तविक संपत्ति इससे कहीं अधिक हो सकती है।

वाड्रा के खिलाफ क्या हैं आरोप?

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की जांच शुरू कर रखी है। खासकर दो बड़े मामलों में उनका नाम सामने आया है:

बीकानेर भूमि घोटाला (Bikaner Land Scam)

इस मामले में आरोप है कि वाड्रा की कंपनी ने सरकारी जमीन को अवैध रूप से खरीदा और उसमें हेराफेरी की। जांच एजेंसियों के अनुसार, वाड्रा की कंपनी ने सस्ती दरों पर जमीन लेकर बाद में मोटे मुनाफे में बेची, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।

डीएलएफ जमीन सौदा मामला (DLF Land Deal Case)

इस केस में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी (Skylight Hospitality) पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन फरवरी 2008 में 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। इसके बाद उन्होंने कमर्शियल लाइसेंस (Commercial License) प्राप्त किया और फिर वही जमीन डीएलएफ (DLF) को 58 करोड़ रुपये में बेच दी। यह मामला 1 सितंबर 2018 को खेरकी दौला थाने में तौरू निवासी सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

ED ने वाड्रा को एक बार फिर पूछताछ के लिए तलब किया है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सूत्रों के अनुसार, एजेंसी को संदेह है कि वाड्रा ने इस जमीन सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए गैरकानूनी लाभ उठाया है। इससे पहले भी इस मामले में उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है, लेकिन अब दोबारा समन भेजा जाना इस बात का संकेत है कि जांच एजेंसी इस मामले को गंभीरता से आगे बढ़ा रही है।

राजनीतिक असर और चर्चा

रॉबर्ट वाड्रा का नाम आते ही यह मामला केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं रह जाता, बल्कि इसका सीधा असर भारतीय राजनीति में भी दिखाई देता है। चूंकि वे गांधी परिवार के दामाद हैं, इसलिए हर बार उनके नाम पर सियासी बयानबाजी तेज हो जाती है। विपक्ष इसे कांग्रेस की भ्रष्टाचार की नीतियों का उदाहरण बताता है, जबकि कांग्रेस इसे एक ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ कहती आई है।

रॉबर्ट वाड्रा का बिजनेस साम्राज्य

रॉबर्ट वाड्रा ने रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और अन्य क्षेत्रों में अपने बिजनेस फैलाए हैं। उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के माध्यम से उन्होंने कई महत्वपूर्ण संपत्तियां हासिल की हैं। हालांकि इन संपत्तियों के पीछे की कानूनी प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।

ED की रणनीति और संभावित परिणाम

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वाड्रा जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो एजेंसी उनके खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है। यह मामला केवल वित्तीय अनियमितताओं तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग, बेनामी संपत्ति और कर चोरी जैसी धाराएं भी जुड़ सकती हैं। वाड्रा की गैरमौजूदगी उनकी स्थिति को और भी कमजोर कर सकती है।

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