
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और कुछ अन्य प्रमुख बैंकों ने हाल ही में अपने Fixed Deposit (FD) और लोन की ब्याज दरों में अहम बदलाव किए हैं। जहां एक ओर होम लोन-Housing Loan लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी राहत की खबर है, वहीं डिपॉजिट करने वालों को थोड़ा झटका लगा है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में कटौती की है, जिससे डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों की कमाई पर असर पड़ सकता है।
SBI ने दी होम लोन ग्राहकों को बड़ी राहत
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन पर ब्याज दरों में कटौती कर ग्राहकों को राहत दी है। RBI द्वारा रेपो रेट में कमी किए जाने के बाद, बैंक ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती की है। इस कटौती के बाद अब RLLR घटकर 8.25 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, बैंक ने अपनी एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) को भी 25 bps घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया है।
इन संशोधित ब्याज दरों को 15 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा। इसका फायदा बैंक के मौजूदा और नए दोनों प्रकार के होम लोन ग्राहकों को मिलेगा, जिससे उनकी मासिक किस्तों (EMI) में राहत मिलेगी।
सावधि जमा पर ब्याज दरों में कटौती
जहां एक ओर होम लोन ग्राहकों को राहत मिली है, वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों के लिए SBI की ओर से बुरी खबर आई है। बैंक ने जमाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत से लेकर 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की है। नई दरें 15 अप्रैल से प्रभावी होंगी।
अब तीन करोड़ रुपये तक की FD के लिए एक से दो साल की अवधि पर ब्याज दर 6.80 प्रतिशत से घटकर 6.70 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं दो साल से तीन साल की अवधि वाली FD पर अब 7 प्रतिशत की बजाय 6.90 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। यह कदम बैंक की तरलता और ब्याज दरों के समायोजन की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
बैंक ऑफ इंडिया ने भी घटाई ब्याज दरें
Bank of India ने भी SBI के कदमों का अनुसरण करते हुए अपने होम लोन सहित अन्य खुदरा ऋणों की ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। बैंक के मुताबिक, अब होम लोन पर ब्याज दर ग्राहकों के CIBIL Score के आधार पर 7.90 प्रतिशत प्रति वर्ष हो गई है।
बैंक ने न केवल होम लोन बल्कि वाहन ऋण (Car Loan), व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan), संपत्ति के एवज में ऋण (Loan Against Property), शिक्षा ऋण (Education Loan) और रिवर्स मॉर्गेज जैसी योजनाओं की ब्याज दरों में भी समान रूप से 0.25 प्रतिशत की कटौती की है।
साथ ही, बैंक ऑफ इंडिया ने सावधि जमाओं की दरों में भी संशोधन किया है, जिससे फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज पाने वाले ग्राहकों की आय में मामूली कमी आ सकती है।
एचडीएफसी बैंक का भी बड़ा फैसला
HDFC Bank, जो निजी क्षेत्र का एक प्रमुख बैंक है, उसने भी अपनी डिपॉजिट और बचत खातों की ब्याज दरों में कटौती की है। बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 2.75 प्रतिशत कर दिया है। यह दर निजी क्षेत्र के बैंकों में सबसे कम मानी जा रही है।
एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, जिन ग्राहकों के बचत खाते में ₹50 लाख से अधिक जमा राशि है, उन्हें अब 3.5 प्रतिशत की बजाय केवल 3.25 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। यह नई दरें 12 अप्रैल से प्रभाव में आ चुकी हैं।
ग्राहकों के लिए क्या है मायने
इन बैंकों द्वारा किए गए ब्याज दरों के संशोधन से दो प्रकार के ग्राहकों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। होम लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए यह एक राहत भरी खबर है क्योंकि उनकी EMI कम हो जाएगी। लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग अकाउंट में पैसे रखने वाले ग्राहकों की ब्याज से होने वाली आय में कमी आएगी।
जहां FD पर ब्याज दरें घट रही हैं, वहीं कुछ अन्य नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) और कुछ छोटे फाइनेंस बैंक 8 से लेकर 10 प्रतिशत तक का ब्याज दे रही हैं। हालांकि 30 प्रतिशत ब्याज का दावा केवल कुछ हाई-रिस्क निवेश विकल्पों में ही देखा गया है, जो सामान्य ग्राहकों के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते।
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निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर रहे हैं, तो आपको अब अन्य विकल्पों की ओर देखना चाहिए जैसे कि Mutual Funds, Recurring Deposits, या फिर Tax-Free Bonds। वहीं, होम लोन लेने की सोच रहे ग्राहकों के लिए यह अच्छा मौका हो सकता है क्योंकि ब्याज दरें फिलहाल कम चल रही हैं।
बैंक अक्सर अपनी दरों में बदलाव करते रहते हैं, इसलिए ग्राहकों को समय-समय पर बैंकों की आधिकारिक वेबसाइट से लेटेस्ट रेट्स चेक करनी चाहिए।