उत्तर प्रदेश

यूपी में बसने जा रहा है ‘चंडीगढ़’ जैसा मॉडर्न शहर! जानिए कहां बनेगा और किसे मिलेंगे सबसे बड़े फायदे

गाजियाबाद में 35,000 एकड़ में बन रहा है हाईटेक शहर, जिसमें होगी चंडीगढ़ जैसी प्लानिंग, स्मार्ट सुविधाएं और जबरदस्त रियल एस्टेट ग्रोथ! जानिए किनको मिलेगा सबसे बड़ा फायदा और कब से शुरू होगा निर्माण कार्य

By Saloni uniyal
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यूपी में बसने जा रहा है 'चंडीगढ़' जैसा मॉडर्न शहर! जानिए कहां बनेगा और किसे मिलेंगे सबसे बड़े फायदे
यूपी में बसने जा रहा है ‘चंडीगढ़’ जैसा मॉडर्न शहर! जानिए कहां बनेगा और किसे मिलेंगे सबसे बड़े फायदे

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) एक और बड़ी उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा रहा है। राज्य सरकार ने चंडीगढ़ (Chandigarh) की तर्ज पर एक नया मॉडर्न शहर बसाने की योजना बनाई है। यह शहर न केवल आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और प्लानिंग से सुसज्जित होगा, बल्कि इसके निर्माण से राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को भी मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार कर ली गई है, और इसे गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDC) के अंतर्गत आकार लेगा, और इसका मुख्य उद्देश्य NCR क्षेत्र में एक संतुलित और टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देना है।

कहां बसाया जाएगा यह नया शहर?

नया मॉडर्न शहर गाजियाबाद जिले के मसूरी और दादरी तहसीलों के बीच स्थित जमीन पर बसाया जाएगा। यह इलाका दिल्ली-NCR क्षेत्र का हिस्सा है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बेहद करीब है। प्रस्तावित शहर का विकास 35,000 एकड़ क्षेत्रफल में किया जाएगा, जो इसे उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरी विकास प्रोजेक्ट्स में से एक बना देगा।

इस क्षेत्र को विशेष रूप से ऐसे स्थान पर चुना गया है जहां पहले से ही बेहतर कनेक्टिविटी मौजूद है। यह यमुना एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख मार्गों से जुड़ा होगा, जिससे यातायात की सुगमता बनी रहेगी।

किस तर्ज पर होगा शहर का विकास?

यह शहर पूरी तरह से प्लान्ड और ग्रीनफील्ड मॉडल पर आधारित होगा। चंडीगढ़ की तर्ज पर यहां सेक्टर्स में विभाजित लेआउट होगा, जिसमें हर सुविधा का वैज्ञानिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से विकास किया जाएगा।

शहर को स्मार्ट सिटी के मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसमें Renewable Energy, वॉटर रीसायक्लिंग सिस्टम, वेस्ट मैनेजमेंट, स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल, और डिजिटल गवर्नेंस जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

किसे मिलेंगे सबसे बड़े फायदे?

इस प्रोजेक्ट से कई वर्गों को व्यापक लाभ मिलने की संभावना है। सबसे पहले तो रियल एस्टेट सेक्टर को नई दिशा मिलेगी। प्रॉपर्टी इन्वेस्टर्स और डेवलपर्स के लिए यह शहर एक हॉट डेस्टिनेशन बन सकता है।

इसके अलावा, स्थानीय लोगों को रोजगार (Employment) के नए अवसर मिलेंगे। अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट से 10 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

शहर में आईटी, एजुकेशन, हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और युवाओं को अपने राज्य में ही बेहतर करियर अवसर मिलेंगे।

क्या होंगे इस शहर की खास विशेषताएं?

  • स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: फाइबर ऑप्टिक्स से लैस, हाई-स्पीड इंटरनेट, स्मार्ट ट्रैफिक और लाइटिंग सिस्टम।
  • ग्रीन एनवायरनमेंट: पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग, बड़े ग्रीन बेल्ट और सार्वजनिक गार्डन।
  • ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी: मेट्रो, हाईवे, और रेल नेटवर्क से डायरेक्ट लिंक।
  • डिजिटल गवर्नेंस: सभी नागरिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।
  • टिकाऊ विकास: Renewable Energy का उपयोग, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, और एनर्जी एफिशिएंट इमारतें।

क्या सरकार ने दी है मंजूरी?

इस महत्वाकांक्षी योजना को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। UPSIDC और अन्य संबंधित एजेंसियां इस शहर की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने में जुटी हुई हैं। साथ ही, इस प्रोजेक्ट के लिए निजी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

क्या है समय-सीमा और बजट?

हालांकि परियोजना की कुल लागत और समय-सीमा को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि पहले चरण में करीब ₹10,000 करोड़ का निवेश होगा। पहले चरण का विकास कार्य 2025 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

क्या मिलेगा निवेशकों को?

निवेशकों को विशेष टैक्स छूट, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और सरकारी सहयोग दिया जाएगा। साथ ही, IT कंपनियों और स्टार्टअप्स को विशेष इंसेटिव्स दिए जाएंगे ताकि वे इस नए शहर को अपना बेस बनाएं।

उत्तर प्रदेश के विकास में एक और मील का पत्थर

उत्तर प्रदेश पहले ही डिफेंस कॉरिडोर, GBC-Greater Bundelkhand Corridor, डाटा सेंटर पॉलिसी, और IPO-IPO से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स में तेजी से काम कर रहा है। नया मॉडर्न शहर इसी कड़ी में एक और अहम जोड़ साबित होगा।

यह प्रोजेक्ट न केवल यूपी बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकता है कि कैसे योजनाबद्ध और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से एक नया शहर बसाया जा सकता है।

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