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EPFO स्कीम सर्टिफिकेट क्यों है जरूरी? जानिए रिटायरमेंट और पेंशन से जुड़ी जरूरी बातें

अगर आपने 10 साल तक EPFO में किया है योगदान, तो ये दस्तावेज आपके रिटायरमेंट का सबसे बड़ा सहारा बन सकता है। जानिए कैसे Scheme Certificate से आप या आपके परिवार को मिल सकती है आजीवन पेंशन की गारंटी।

By Saloni uniyal
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EPFO स्कीम सर्टिफिकेट क्यों है जरूरी? जानिए रिटायरमेंट और पेंशन से जुड़ी जरूरी बातें
EPFO स्कीम सर्टिफिकेट क्यों है जरूरी? जानिए रिटायरमेंट और पेंशन से जुड़ी जरूरी बातें

EPFO Scheme Certificate उन कर्मचारियों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन योजना EPS से जुड़े होते हैं। अगर आप किसी प्राइवेट सेक्टर की नौकरी में हैं और आपकी सैलरी से हर महीने PF कटता है, तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि Scheme Certificate आपको कब और क्यों लेना चाहिए। यह सर्टिफिकेट कर्मचारी के उस योगदान का प्रमाण होता है जो उसने EPS योजना में दिया है।

EPFO इस दस्तावेज को उन कर्मचारियों को जारी करता है जिन्होंने कुछ समय तक EPFO के अंतर्गत योगदान दिया है लेकिन किसी कारणवश वह अपनी नौकरी छोड़ते हैं या किसी गैर-EPFO संस्थान में स्थानांतरित हो जाते हैं। यह सर्टिफिकेट भविष्य में पेंशन क्लेम करने के लिए बेहद काम आता है।

Scheme Certificate में कौन-कौन सी जानकारियां होती हैं?

EPFO Scheme Certificate में कर्मचारी और उसके परिवार से संबंधित कई जरूरी जानकारियां दर्ज होती हैं। इसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेख होता है कि कर्मचारी कितने समय तक पेंशन योजना (EPS) का सदस्य रहा है और उसके पेंशन खाते में कुल कितना अंशदान हुआ है।

इसके साथ ही यह भी दर्ज होता है कि कर्मचारी का नाम, जन्मतिथि, नौकरी की अवधि, नॉमिनी की जानकारी और बैंक डिटेल्स क्या हैं। ये सभी जानकारियां इस दस्तावेज को पेंशन के लिए कानूनी रूप से मान्य बनाती हैं।

कब-कब काम आता है EPFO Scheme Certificate?

EPFO Scheme Certificate कई परिस्थितियों में एक अहम भूमिका निभाता है। पहला उदाहरण है जब कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल तक EPFO योजना में योगदान देता है और फिर किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है। ऐसे में यदि वह व्यक्ति दोबारा नौकरी नहीं करना चाहता, तो Scheme Certificate के माध्यम से वह 58 या 60 वर्ष की आयु के बाद EPS पेंशन का लाभ उठा सकता है।

दूसरी स्थिति तब आती है जब कोई कर्मचारी ऐसी कंपनी में जाता है जो EPFO के तहत रजिस्टर्ड नहीं है। ऐसे में Scheme Certificate उसकी पुरानी पेंशन जानकारी को सुरक्षित रखता है, जिसे वह भविष्य में फिर से एक्टिवेट कर सकता है जब वह किसी दूसरी EPFO रजिस्टर्ड कंपनी में शामिल हो।

तीसरी और सबसे संवेदनशील स्थिति तब होती है जब कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में उसके परिवार के सदस्य या नॉमिनी इस Scheme Certificate के माध्यम से EPFO से पेंशन क्लेम कर सकते हैं। इसके बिना उन्हें पेंशन प्राप्त करने में कई तरह की कानूनी और दस्तावेजी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

Scheme Certificate कैसे प्राप्त करें?

EPFO Scheme Certificate प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को EPFO का फॉर्म 10C भरना होता है। यह फॉर्म कर्मचारी EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त कर सकता है।

फॉर्म 10C भरने के बाद उसे EPFO ऑफिस में जमा करना होता है। इसके साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे – कर्मचारी की व्यक्तिगत जानकारी, परिवार के सदस्यों की जानकारी, बैंक डिटेल्स (कैंसिल चेक के साथ) भी देने होते हैं।

यदि कर्मचारी की मृत्यु हो गई है और नॉमिनी को Scheme Certificate चाहिए, तो उसे मृत्यु प्रमाण पत्र, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और निर्धारित स्टांप पेपर सहित आवेदन करना होता है।

Scheme Certificate क्यों बनवाना चाहिए समय रहते?

Scheme Certificate सिर्फ एक साधारण दस्तावेज नहीं, बल्कि भविष्य की पेंशन सुरक्षा का आधार है। यह उस योगदान का लेखा-जोखा है जो आपने अपनी नौकरी के दौरान EPS योजना में दिया है। अगर आपने 10 साल तक EPFO में योगदान दिया है लेकिन आप आगे नौकरी नहीं कर रहे हैं, तो यह दस्तावेज आपके पेंशन के अधिकार को बरकरार रखता है।

यह सर्टिफिकेट भविष्य में आपके पेंशन क्लेम को न सिर्फ आसान बनाता है बल्कि यह कानूनी रूप से आपके अधिकार को सिद्ध करने वाला सबसे मजबूत प्रमाण भी होता है। इसलिए अगर आप EPFO योजना से जुड़े हैं, तो यह जरूरी है कि आप नौकरी बदलने या छोड़ने के बाद Scheme Certificate जरूर बनवाएं।

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