
7th Pay Commission के तहत केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब कर्मचारियों को ड्रेस अलाउंस साल में एक बार नहीं बल्कि दो बार दिया जाएगा। यह बदलाव लंबे समय से लंबित मांगों के मद्देनजर लिया गया है। इससे लगभग सभी मंत्रालयों और विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह निर्णय न केवल आर्थिक राहत देगा, बल्कि कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
क्या है ड्रेस अलाउंस और क्यों है यह जरूरी
ड्रेस अलाउंस वह राशि होती है जो कर्मचारियों को उनकी यूनिफॉर्म या ऑफिस ड्रेस खरीदने के लिए दी जाती है। कई विभागों में कर्मचारियों को निर्धारित ड्रेस कोड में आना होता है, खासकर रक्षा, रेलवे, डाक और अर्धसैनिक बलों जैसे क्षेत्रों में। ऐसे में यह अलाउंस उन्हें समय-समय पर ड्रेस की मरम्मत या नई ड्रेस लेने के लिए सहारा देता है।
अब तक यह अलाउंस साल में केवल एक बार ही मिलता था, जिससे कर्मचारियों को पूरी सालभर के लिए सीमित संसाधनों में ही काम चलाना पड़ता था। लेकिन अब साल में दो बार मिलने से यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों की ड्रेस हमेशा ठीक हालत में रहे।
सात साल से उठ रही थी यह मांग
यह मांग पिछले 7 सालों से केंद्रीय कर्मचारी संगठनों की तरफ से लगातार उठाई जा रही थी। यूनियनों का कहना था कि एक बार मिलने वाला ड्रेस अलाउंस पर्याप्त नहीं है और इससे कर्मचारियों को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है। कई मामलों में कर्मचारी अपनी जेब से पैसे खर्च कर ड्रेस खरीदते थे, जो कि अनुचित था।
इस लंबे इंतजार के बाद अब जाकर सरकार ने कर्मचारियों की इस मांग को मान लिया है, जिसे लेकर कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर है। इस फैसले को 7th Pay Commission की सिफारिशों के दायरे में ही लागू किया गया है।
कौन-कौन से कर्मचारी होंगे लाभान्वित
इस फैसले से उन सभी केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा जिन्हें ड्रेस अलाउंस दिया जाता है। इसमें रक्षा बलों, रेलवे, अर्धसैनिक बल, डाक विभाग, सीमा शुल्क, और अन्य ऐसे विभागों के कर्मचारी शामिल हैं जहां ड्रेस कोड अनिवार्य है। अनुमान है कि इससे लाखों कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया गया है कि अब ड्रेस अलाउंस दो बार मिलेगा – एक बार वित्तीय वर्ष की शुरुआत में और दूसरी बार मध्य वर्ष में।
सरकार के इस फैसले से क्या होंगे प्रभाव
इस निर्णय से कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलने की उम्मीद है। साथ ही इससे सरकारी विभागों में प्रोफेशनल अप्रोच भी बढ़ेगा। कर्मचारी अगर सही ड्रेस में और व्यवस्थित रूप से कार्यस्थल पर उपस्थित होते हैं, तो इससे न केवल उनकी कार्यक्षमता में सुधार होता है, बल्कि सरकारी छवि भी मजबूत होती है।
इसके अलावा यह फैसला कर्मचारी हितैषी नीति की ओर सरकार के झुकाव को भी दर्शाता है, जिससे कर्मचारियों और सरकार के बीच विश्वास और सहयोग की भावना मजबूत होगी।
भविष्य में और क्या बदलाव संभव
यह फैसला आने वाले समय में अन्य अलाउंस या सुविधाओं में बदलाव की नींव रख सकता है। कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस, और मेडिकल बेनिफिट्स में भी इसी तरह सुधार किए जाएंगे। अगर सरकार इसी तरह कर्मचारियों की मांगों को प्राथमिकता देती रही, तो इसका व्यापक असर आने वाले वर्षों में देखने को मिल सकता है।
कर्मचारियों ने जताई खुशी
सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने आभार जताया है। उनका कहना है कि सरकार ने लंबे समय बाद उनकी आवाज को सुना और अमल में लाया। इससे कर्मचारियों में काम के प्रति उत्साह और ऊर्जा बढ़ेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार भविष्य में भी इसी तरह सकारात्मक फैसले लेती रहेगी।