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नैनीताल जाने की सोच रहे हैं? अब एंट्री के लिए देने होंगे 300 रुपये और पार्किंग के 500 रुपये – जानिए नया नियम

उत्तराखंड के लोकप्रिय पर्यटन स्थल नैनीताल में अब छुट्टियां मनाना आपकी जेब पर पड़ेगा भारी! नए नियमों के तहत शहर में प्रवेश के लिए 300 रुपये और पार्किंग के लिए हर दिन 500 रुपये तक चुकाने होंगे। क्या यह फैसला पर्यटकों की संख्या घटाएगा या अनुभव को बेहतर बनाएगा? जानिए पूरी डिटेल!

By Saloni uniyal
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नैनीताल जाने की सोच रहे हैं? अब एंट्री के लिए देने होंगे 300 रुपये और पार्किंग के 500 रुपये – जानिए नया नियम
नैनीताल जाने की सोच रहे हैं? अब एंट्री के लिए देने होंगे 300 रुपये और पार्किंग के 500 रुपये – जानिए नया नियम

नैनीताल घूमना हुआ महंगा, यह खबर उन लाखों पर्यटकों के लिए अहम है जो गर्मियों की छुट्टियों या वीकेंड पर इस हिल स्टेशन की ठंडी वादियों का लुत्फ उठाने की योजना बना रहे हैं। उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा लिए गए नए फैसले के तहत अब नैनीताल में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को 300 रुपये का शुल्क चुकाना होगा, जबकि पार्किंग के लिए हर दिन के हिसाब से 500 रुपये अलग से देने होंगे।

यह नया नियम 6 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है और इसका उद्देश्य पर्यटकों की भीड़ को नियंत्रित करना और पर्यावरण पर पड़ रहे दबाव को कम करना बताया जा रहा है।

शहर में एंट्री पर लगेगा 300 रुपये का शुल्क

नैनीताल नगर पालिका परिषद ने साफ किया है कि अब निजी वाहनों से आने वाले पर्यटकों को शहर में प्रवेश के लिए 300 रुपये का शुल्क अदा करना अनिवार्य होगा। यह नियम खासतौर पर बाहरी पर्यटकों पर लागू होगा, यानी स्थानीय निवासी या सरकारी वाहनों को इससे छूट दी गई है।

पर्यटन सीजन में नैनीताल में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है जिससे ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और अव्यवस्था फैलती है। इसी वजह से एंट्री फीस का प्रावधान किया गया है ताकि गैर-जरूरी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके और शहर की व्यवस्था बनी रहे।

पार्किंग पर भी लगेगा 500 रुपये प्रतिदिन शुल्क

शहर में आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की समस्या पहले से ही बड़ी चुनौती रही है। अब नगर पालिका द्वारा तय की गई नई व्यवस्था के तहत पार्किंग की सुविधा लेने के लिए हर वाहन को 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क देना होगा।

यह शुल्क किसी भी पार्किंग स्थल पर लागू होगा, चाहे वह नगर पालिका द्वारा संचालित हो या किसी निजी एजेंसी द्वारा। प्रशासन का कहना है कि इससे शहर में पार्किंग व्यवस्था बेहतर की जा सकेगी और अवैध रूप से खड़े वाहनों पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा।

क्यों उठाया गया यह कदम?

नगर पालिका और जिला प्रशासन का कहना है कि नैनीताल की क्षमता से अधिक पर्यटक आने के कारण शहर का बुनियादी ढांचा चरमरा रहा है। सड़कें संकरी हैं, पार्किंग की जगह कम है और हर साल गर्मियों के मौसम में लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।

इस बढ़ती भीड़ का असर नैनी झील और आसपास के पर्यावरण पर भी पड़ रहा है। ऐसे में पर्यटकों की संख्या को सीमित करना और शहर में आने वाले वाहनों से राजस्व प्राप्त कर उसे स्थानीय विकास कार्यों में लगाना आवश्यक हो गया है।

ऑनलाइन टिकटिंग व्यवस्था भी शुरू होगी

इस नए सिस्टम को लागू करने के लिए प्रशासन जल्द ही एक ऑनलाइन टिकटिंग पोर्टल शुरू करने की तैयारी में है जहां से पर्यटक पहले से ही अपनी एंट्री और पार्किंग के लिए टिकट बुक कर सकेंगे। इससे शहर के एंट्री पॉइंट्स पर जाम और विवाद से बचा जा सकेगा।

स्मार्ट टिकटिंग के जरिए पर्यटकों को डिजिटल रिसीट मिलेगी और कैमरा सर्विलांस से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी वाहन बिना भुगतान के शहर में प्रवेश न कर सके।

क्या इससे पर्यटन पर असर पड़ेगा?

हालांकि प्रशासन ने इस फैसले को पर्यावरणीय संतुलन और शहरी व्यवस्था के हित में बताया है, लेकिन पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों में चिंता देखी जा रही है। होटल संचालक और टूर ऑपरेटर मानते हैं कि इससे आम पर्यटक की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और हो सकता है कि कुछ लोग अपने प्लान को कैंसिल कर दें या किसी अन्य डेस्टिनेशन का रुख कर लें।

हालांकि प्रशासन का मानना है कि सिर्फ सीरियस ट्रैवलर्स ही अब नैनीताल आएंगे और अनावश्यक भीड़ से राहत मिलेगी, जिससे पर्यटन अनुभव बेहतर हो सकेगा।

आने वाले दिनों में और सख्ती संभव

जिला प्रशासन ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी कदम उठाए जा सकते हैं जैसे शहर में एक तय संख्या से ज्यादा वाहनों को प्रवेश न देना, ई-रिक्शा को बढ़ावा देना और सार्वजनिक परिवहन को मजबूती देना।

इसके साथ-साथ यह भी प्रस्ताव है कि सप्ताहांत या सार्वजनिक छुट्टियों में निजी वाहनों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित की जाए ताकि ट्रैफिक और पर्यावरण पर बोझ कम किया जा सके।

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