
ITR Filing हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी प्रक्रिया है, लेकिन सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए इसमें कुछ खास नियम और छूट दिए गए हैं। 60 वर्ष से ऊपर और 80 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों के लिए आयकर नियमों में विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि वे कम जटिलता के साथ अपनी Income Tax Return (ITR) फाइल कर सकें। लेकिन इसके बावजूद, इस आयु वर्ग में ITR फाइलिंग को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। सही ITR फॉर्म का चयन करना और यह जानना कि किस परिस्थिति में रिटर्न फाइल करना अनिवार्य नहीं है, बेहद जरूरी है।
सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन की परिभाषा
Income Tax Act के अनुसार, वे व्यक्ति जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है लेकिन 80 वर्ष से कम है, उन्हें Senior Citizen कहा जाता है। वहीं, 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वालों को Super Senior Citizen की श्रेणी में रखा गया है। इन दोनों वर्गों को टैक्स छूट और फाइलिंग से जुड़ी विशेष सहूलियतें दी गई हैं।
ITR Filing के लिए कौन सा फॉर्म चुनें सीनियर सिटीजन?
यदि किसी सीनियर सिटीजन की आय का स्रोत केवल पेंशन, बैंक ब्याज या एक घर से प्रॉपर्टी इनकम है और वे किसी बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं जुड़े हैं, तो उनके लिए ITR-1 (सहज) सबसे उपयुक्त फॉर्म है। यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए होता है जिनकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख से कम है और जिनकी इनकम पेंशन, सैलरी, एक मकान से हाउस प्रॉपर्टी इनकम और अन्य स्रोत जैसे ब्याज से होती है।
लेकिन यदि उनकी आय ₹50 लाख से अधिक है, या एक से अधिक मकान हैं, या कैपिटल गेन, फॉरेन इनकम, या अन्य जटिल स्रोतों से कमाई है, तो उन्हें ITR-2 या ITR-3 फॉर्म भरना होता है।
सेक्शन 194P के तहत ITR Filing से छूट कब मिलती है?
Budget 2021 के बाद Income Tax Act, 1961 में जोड़े गए Section 194P के तहत, कुछ शर्तों के आधार पर सुपर सीनियर सिटीजन को ITR Filing से छूट दी गई है। यह छूट केवल उन्हीं नागरिकों को मिलती है जो:
- भारत के निवासी हों
- केवल पेंशन और बैंक ब्याज से आय प्राप्त कर रहे हों
- केवल सरकारी अधिसूचित बैंकों में खाता हो
- बैंक द्वारा उनका पूरा TDS (Tax Deducted at Source) काट लिया गया हो
यदि ये सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो उस व्यक्ति को स्वयं से ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि बैंक ही उनका टैक्स प्रोसेस और ITR फाइलिंग करता है।
ऑफलाइन फॉर्म भरने की सुविधा किसे?
80 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को सरकार द्वारा एक और विशेष सुविधा दी गई है – वे चाहें तो अपना Income Tax Return ऑफलाइन मोड यानी पेपर फॉर्म के जरिए भी भर सकते हैं। जहां सामान्य टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही रिटर्न फाइल करना होता है, वहीं सुपर सीनियर सिटीजन अपनी सुविधा अनुसार ऑफलाइन विकल्प चुन सकते हैं।
ITR भरते समय किन बातों का रखें ध्यान?
सीनियर सिटीजन को ITR फाइल करते समय यह ध्यान देना चाहिए कि वे सभी इनकम स्रोतों को सही ढंग से डिक्लेयर करें। सबसे सामान्य गलती यही होती है कि व्यक्ति या तो गलत ITR फॉर्म का चुनाव करता है या फिर किसी आय को नजरअंदाज कर देता है, जिससे भविष्य में नोटिस या पेनल्टी की स्थिति बन सकती है।
साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि सभी TDS डिटेल्स को Form 26AS से मिलाकर क्रॉस चेक किया गया हो, ताकि किसी तरह की डुप्लिकेसी या मिसमैच न हो।
ITR Filing की अंतिम तिथि और टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट
Assessment Year 2025-26 के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 तय की गई है। हालांकि, टैक्स सेविंग के लिए किए गए इनवेस्टमेंट 31 मार्च, 2025 तक किए जा सकते हैं। ऐसे निवेशों को फॉर्म भरते समय सही ढंग से डिक्लेयर करना जरूरी है ताकि आपको सभी उपलब्ध छूट का लाभ मिल सके।